स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चरण-II के अंतर्गत 50 प्रतिशत गांव अब खुले में शौच मुक्त

| Published on:

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (एसबीएम-जी) के अंतर्गत देश ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय द्वारा 10 मई को जारी एक बयान के अनुसार अब देश के कुल गांवों में से आधे गांवों (50 प्रतिशत) ने मिशन के दूसरे चरण के अंतर्गत ने खुले में शौच मुक्त (स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण) का दर्जा हासिल कर लिया है। खुले में शौच मुक्त गांव के अंतर्गत वे ग्रामीण क्षेत्र आते हैं, जहां ठोस या तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को लागू करने के साथ-साथ अपनी खुले में शौच मुक्त स्थिति को बनाए रखा है। अब तक 2.96 लाख से अधिक गांवों ने स्वयं को खुले में शौच मुक्त घोषित किया है। यह 2024-25 तक एसबीएम-जी चरण-II लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

खुले में शौच मुक्त 2,96,928 गांवों में से 2,08,613 गांव ठोस अपशिष्ट प्रबंधन या तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था के साथ खुले में शौच मुक्त आकांक्षी गांव हैं। 32,030 गांव ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और तरल अपशिष्ट प्रबंधन दोनों की व्यवस्था साथ खुले में शौच मुक्त व्यवस्था की ओर बढ़ते हुए गांव हैं और 56,285 गांव खुले में शौच मुक्त आदर्श गांव हैं। खुले में शौच मुक्त मॉडल गांव वह है जो खुले में शौच मुक्त स्थिति को बनाए हुए है और इसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और तरल अपशिष्ट प्रबंधन दोनों की व्यवस्था है।

इन ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता का निरीक्षण किया जाता है, अर्थात न्यूनतम कूड़ा-कचरा, न्यूनतम स्थिर अपशिष्ट जल, सार्वजनिक स्थानों पर कोई प्लास्टिक कचरा डंप नहीं, खुले में शौच मुक्त क्षेत्र की सूचना का प्रदर्शन और शिक्षा और संचार (आईईसी) संदेशों को भी प्रदर्शित किया जाता है। अभी तक 1,65,048 गांवों में ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था है, 2,39,063 गांवों में तरल कचरा प्रबंधन की व्यवस्था है, 4,57,060 गांवों में न्यूनतम जमा पानी है जबकि 4,67,384 गांवों में न्यूनतम कचरा है।

वर्ष 2014-15 और 2021-22 के बीच केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण को कुल 83,938 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। वर्ष 2023-24 52,137 करोड़ रुपये आवंटित किए गए है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) निधियों के अतिरिक्त स्वच्छता के लिए 15वें वित्त आयोग की निधियों ने स्पष्ट रूप से अगल आवंटन किया है। इन निधियों का उपयोग स्वच्छता संपत्तियों के निर्माण, व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने और ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों को लागू करने के लिए किया गया है।

इस साल स्वच्छ भारत मिशन के 9 साल पूरे हो गए हैं। खुले में शौच मुक्त गांवों ने 50 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की है यह स्वच्छता के क्षेत्र महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह सिर्फ शौचालयों के निर्माण और उपयोग से आगे बढ़कर पूर्ण और पूर्ण स्वच्छता यानी खुले में शौच मुक्त से खुले में शौच मुक्त प्लस तक जा रहा है।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) कार्यक्रम देश भर में लाखों लोगों के स्वास्थ्य और रहन-सहन को बेहतर बनाने में सहायक रहा है। पिछले कुछ वर्षों में आई कई रिपोर्टों में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) कार्यक्रम के प्रभाव की प्रशंसा की गई है।