8 साल-सेवा, सुशासन एवं गरीब कल्याण को समर्पित

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भाजपा राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक, जयपुर (राजस्थान)

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्ववाली केंद्र सरकार के आठ साल पूरे होने पर 20 मई, 2022 को जयपुर में आयोजित भाजपा राष्ट्रीय पदाधिकारी बैठक में जारी वक्तव्य का पूरा पाठ –

म, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पदाधिकारी, इस बात की हृदय तल से सराहना करते हैं कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के परिवर्तनकारी नेतृत्व में, ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने की आकांक्षा को प्रभावी और सुनियोजित तरीके से पूरा किया गया है।

2014 में, भारत के लोगों ने श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा और एनडीए में अपना विश्वास व्यक्त किया। 30 वर्षों के बाद भारत के लोगों ने किसी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत देकर अपना आशीर्वाद दिया। 2019 में श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार और भी बड़े जनादेश के साथ सरकार में लौटी और भाजपा की सीटों की संख्या 282 से बढ़कर 303 हो गई। किसी प्रधानमंत्री का अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद उन्हीं के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत वाली सरकार की वापसी होना करीब 6 दशकों के बाद हुआ है।

2014 में जब श्री नरेन्द्र मोदी ने पदभार ग्रहण किया, तो उन्हें पहले दिन से ही भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। 2014 का चुनावी जनादेश यूपीए सरकार के पॉलिसी पैरालिसिस, भ्रष्टाचार और जबरदस्त वंशवादी राजनीति के खिलाफ था। यूपीए के घोर कुशासन के कारण भारत के लोग लोकतंत्र और सरकारों के काम करने की क्षमता में विश्वास खो रहे थे। श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को मिले विशाल जनादेश ने हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में लोगों के विश्वास को फिर से जगाया है। इसने देशवासियों को भरोसा दिलाया है कि अगर एक निर्णायक, समावेशी और संवेदनशील नेतृत्व हो तो जनता की आकांक्षाओं को पूरा किया जा सकता है।

135 करोड़ भारतीयों के सामर्थ्य और कौशल से संचालित और ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के मंत्र पर चलने वाली मोदी सरकार ने गरीबी दूर करने और देश को समृद्ध बनाने के उद्देश्य से कई पहल की है। मोदी सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के ‘अंत्योदय’ के मंत्र के अनुरूप काम कर रही है, जिसका अर्थ है समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति की सेवा करना।
श्री नरेन्द्र मोदी ने दिखाया है कि एक कुशल नेतृत्व क्या होता है। लाल किले की प्राचीर से उन्होंने स्वच्छता और शौचालय निर्माण जैसे विषयों पर बात की, जिसके बारे में पिछली सरकारें सोचती तक नहीं थीं। पूर्ण स्वच्छता कवरेज सुनिश्चित करके उन्होंने महात्मा गांधी के एक सपने को भी पूरा किया है। स्वच्छता के क्षेत्र में भारत की प्रगति के साथ कई अन्य सफलताएं भी प्राप्त हुईं, जैसे इससे गरीबी के खिलाफ लड़ाई मजबूत हुई, स्वास्थ्य मानकों में सुधार हुआ और इससे पर्यटन के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिला।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों में दृढ़ विश्वास दिखाते हुए मध्यम वर्ग के कई लोगों ने अपनी एलपीजी सब्सिडी छोड़ दी और वरिष्ठ नागरिकों ने अपनी रेलवे रियायतें छोड़ दीं, ताकि ये लाभ गरीबों को मिल सकें। कई दशकों तक भारत पर शासन करने वालों के भ्रष्टाचार के कारण ऐसी संस्कृति पहले देखी नहीं गई थी।

गरीबों को आश्रित बनाए रखने के बजाए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी एक ऐसी संस्कृति लाए हैं जो आत्मनिर्भरता, गरिमा और उद्यमिता को बढ़ावा देती है। इसे ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता,’ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की प्रगति, नीतिगत सुधारों और पीएलआई योजनाओं की सफलता में देखा जा सकता है। स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में भारत की सफलता दर्शाती है कि कैसे भारत के युवाओं ने इस क्षेत्र में आगे बढ़कर अपने कौशल का बेहतरीन प्रदर्शन किया है। ये दर्शाता है कि सही मार्गदर्शन में हमारे युवाओं के लिए कुछ भी असंभव नहीं है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का ‘आत्मनिर्भर भारत’ का आह्वान केवल सरकारी नीतियों तक ही सीमित नहीं है। यह 135 करोड़ भारतीयों की सामूहिक भावना को दर्शाता है जो भारत को एक आर्थिक महाशक्ति बनता हुआ देखना चाहते हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने महिला सशक्तीकरण के एक नए युग की शुरुआत की है। उज्ज्वला जैसी योजना, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसे जन आंदोलन और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत महिलाओं के नाम पर गरीबों को आवास प्रदान करने के प्रगतिशील फैसलों ने महिलाओं को सही मायने में सशक्त बनाया है।

कुल भारतीयों में से लगभग 2/3 कृषि पर निर्भर हैं, लेकिन जिन लोगों ने दशकों तक देश पर शासन किया, उन्होंने केवल कुछ बड़े किसानों पर ही ध्यान केंद्रित किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ही हैं जो छोटे किसानों के तारणहार बनकर उभरे हैं। पीएम-किसान योजना ने किसानों के वित्तीय बोझ को कम किया है,जबकि सिंचाई में सुधार और नीम-कोटिड यूरिया उपलब्ध कराने के प्रयासों से किसानों को काफी मदद मिली है। मृदा स्वास्थ्य में सुधार के पीएम के दृष्टिकोण का कृषि-उत्पादकता पर सीधा प्रभाव पड़ा है। मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) देने जैसे निर्णयों के मात्स्यिकी क्षेत्र में उत्कृष्ट परिणाम मिले हैं।

इतिहास प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को दया और करुणा के प्रतीक के रूप में याद रखेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि आयुष्मान भारत पीएम-जय के कारण लाखों भारतीयों को उच्च गुणवत्ता वाली और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं। पीएम-बीजेपी (प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना) ने सस्ती दवाएं सुनिश्चित की हैं, जिससे गरीबों, मध्यम वर्ग और निम्न-मध्यम वर्ग के लिए बड़ी बचत हुई है। स्टेंट और घुटना प्रत्यारोपण की कम कीमतों ने अनगिनत भारतीयों को नया जीवन दिया है।

मोदी सरकार के अंतर्गत ही भारत को 30 साल बाद नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है। इस नीति का फोकस परिव्यय से हटकर परिणामों की ओर है। इस नीति की सुंदरता बड़े पैमाने पर परामर्श प्रक्रिया में निहित है,जो पहले कभी नहीं देखी गयी थी। इस नीति के साथ, भारत शिक्षा, नवाचार और अनुसंधान का केंद्र बनने के लिए पूरी तरह तैयार है। स्थानीय भाषाओं में शिक्षा की अनुमति देने और मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या में वृद्धि ने असंख्य आकांक्षाओं को पंख दिए हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सबसे चिरस्थायी विरासतों में से एक यह है कि जिस तरह से प्रौद्योगिकी को सरकार के हर क्षेत्र में एकीकृत किया गया है, उससे लोगों को बुनियादी समस्याओं का त्वरित और पारदर्शी समाधान प्राप्त करने में मदद मिलती है। JAM (जनधन, आधार, मोबाइल) ट्रिनिटी और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) ने बिना किसी बिचौलिए के करोड़ों लोगों तक लाभ पहुंचाया है।
पिछली सरकारों के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक यह थी कि प्रशासनिक कार्य साइलोज में होते थे। शासन में इन साइलोज को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने विशेष प्रयास किये हैं। इसका एक प्रमुख उदाहरण पीएम-गति शक्ति पहल है, जिसमें अगली पीढ़ी के बुनियादी ढांचे के सपने को साकार करने के लिए प्रमुख आर्थिक मंत्रालयों को एक साथ लाया गया है। इसके अलावा प्रगति जैसी पहल जिसकी निगरानी सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा की जाती है, ये लाल फीताशाही और जड़ता को तोड़ने के नए तरीके हैं।

क्षेत्रीय असंतुलन दशकों से हमारे देश के विकास पथ के लिए अभिशाप रहा है। इसे खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपना कार्यकाल समर्पित कर दिया है। पहली बार, आकांक्षी जिलों की अवधारणा को पेश किया गया था जिसमें हाशिये पर छोड़े गए क्षेत्रों पर विस्तृत ध्यान दिया गया। अब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में, राष्ट्र आकांक्षी ब्लॉक्स की ओर देख रहा है। पूर्वोत्तर, जो पहले हिंसा और नाकेबंदी के लिए जाना जाता था, अब रिकॉर्ड विकास के लिए जाना जाता है। स्वयं प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों द्वारा इस क्षेत्र के दौरे की संख्या अब तक के उच्चतम स्तर पर है। इस साल के केंद्रीय बजट में सीमावर्ती क्षेत्रों और वहां के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया गया। भारत के तटीय क्षेत्रों पर भी समान रूप से ध्यान दिया गया है।

जिस समाज को अपनी जड़ों पर गर्व नहीं है, वह कभी भी समृद्ध नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बार-बार इस बात पर प्रकाश डाला है कि भारत की ताकत हमारी विविधता, हमारे जीवंत विश्वास, भाषाएं, संस्कृतियां और रीति-रिवाज हैं। कई पुरावशेषों और कलाकृतियों को घर लौटते हुए देखना खुशी की बात है। इसमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने खास दिलचस्पी ली है। कई सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्थानों को फिर से जीवंत किया गया है जो अधिक तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करेगा। यह भारतीय संस्कृति में देशवासियों की दिलचस्पी बढ़ाएगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा। इसका एक प्रमुख उदाहरण काशी विश्वनाथ कॉरिडोर है। संयुक्त राष्ट्र में तमिल में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के शब्द विभिन्न भारतीय भाषाओं के प्रति उनके स्नेह को दर्शाते हैं।
पिछले 8 वर्षों में भारत ने पर्यावरण को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी शुरू कर दी है। भारत का वन क्षेत्र बढ़ रहा है और इसी तरह शेरों, बाघों, गैंडों और तेंदुओं की आबादी भी।

इंटरनेशनल सोलर एलायंस और कोएलिशन फॉर डिजास्टर रेजिलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास हमारे ग्रह को स्वच्छ और हरा-भरा बनाने के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता दर्शाते हैं। शुद्ध-शून्य उत्सर्जन पर COP-26 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धताओं ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया, जिसकी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी बहुत सराहना हुई। भारत ने दिखाया है कि पर्यावरण, सशक्तीकरण और आर्थिक विकास एक साथ चल सकते हैं।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ‘इंडिया फर्स्ट’ विदेश नीति के अभूतपूर्व परिणाम सामने आए हैं। इसके परिणामस्वरूप अधिक निवेश और लोगों से लोगों के बीच संबंध मजबूत हुए हैं। उन्होंने प्रवासी भारतीयों के साथ जुड़ाव को फिर से परिभाषित किया है और उन्हें भारत के बाहरी संबंधों का अभिन्न स्तंभ बनाया है।

वर्ष 2020 पूरे विश्व के लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष था। दुनिया ने सदी की सबसे बड़ी महामारी का सामना किया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने महामारी से लड़ने के लिए हर कदम पर विज्ञान-संचालित दृष्टिकोण पर जोर दिया। शुरुआत से ही वायरस के प्रसार को रोकने के उपाय किए गए थे। साथ-साथ राष्ट्र को कोविड अनुशासन का पालन करने के लिए प्रेरित किया गया। भारत ने वैक्सीन पर बहुत तेजी से काम शुरू किया और उन टीकों के समय पर रोलआउट होने से कई लोगों की जान बच गई। महामारी के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सुनिश्चित किया कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिले।

7 अक्टूबर, 2021 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सरकार के प्रमुख के रूप में 20 साल (गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में लगभग 12.5 साल और देश के प्रधानमंत्री के रूप में 7.5 साल) पूरे किए। किसी भी लोकतांत्रिक राजनीति में यह एक विशिष्ट उपलब्धि है जिसे कुछ ही लोगों ने हासिल किया है। दूसरों की सेवा करने और अपने साथी नागरिकों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के उनके निरंतर प्रयासों के कारण ही यह संभव हुआ है।

हमें राष्ट्र निर्माण के प्रति प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता पर गर्व महसूस होता है। जब हम भारतीयों के जीवन को बदलते हुए देखते हैं, तो हमें खुशी होती है कि हमारी सरकार हमारे राष्ट्र को सशक्त बना रही है और समृद्धि की नई ऊंचाइयों की ओर ले जा रही है।