मनरेगा कामगारों का 96 प्रतिशत भुगतान सीधे बैंक खातों में जमा

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पिछले दो वर्षों में मनरेगा योजना के कार्यान्वयन में प्रमुख बदलाव देखे गए हैं। आईसीटी उपकरणों के उपयोग, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, लोगों की आजीविका के संसाधन आधार को बेहतर बनाने पर फोकस, सम्मिलित कार्यक्रम कार्यान्वयन के माध्यम से रोजगार के विविध अवसरों का प्रावधान इस कार्यक्रम के प्रबंधन में लाए गए परिवर्तनों की प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं। इस कानून के उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उच्च बजट आवंटन और निगरानी प्रणाली की सुदृढ़ता को सुनिश्चित किया गया है।

मनरेगा कामगारों को समय पर भुगतान सुनिश्चित कराने के लिए नेशलन इलेक्ट्रॉनिक फंड मेनेजमेंट सिस्टम (एनईएफएमएस) को लागू किया गया है। लगभग 96 प्रतिशत भुगतान सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में जमा कराया जा रहा है। इसके अलावा गहन निगरानी और भुगतान में होने वाले विलम्ब के लिए जवाबदेही तय करने की बदौलत चालू वित्त वर्ष के दौरान महत्वपूर्ण नतीजे प्राप्त हुए। लगभग 85 प्रतिशत मजदूरी कामगारों को समय पर प्रदान किया जाना संभव हो सका है। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में यह प्रतिशत लगभग दो गुणा है।

इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन में और अधिक पारदर्शिता तथा जवाबदेही लाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक फंड मेनेजमेंट सिस्टम (ईएफएसएस), आधार से जोड़े जाने, परिसम्पत्तियों की जियो टैगिंग करने और सामाजिक परीक्षण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने जैसे कुछ कदम उठाए गए हैं। कुछ अन्य उपायों में कार्य संबंधी फाइल का उचित अनुरक्षण, जन सूचना प्रणालियों के अंग के रूप में नागरिक सूचना बोर्डों का गठन शामिल हैं।
चालू वित्त वर्ष में आवंटित की गई 48000 करोड़ रूपये की राशि अब तक का सर्वाधिक बजट आवंटन है।