सरकार ने कुपोषण से निपटने के लिए अतिरिक्त 12,000 करोड़ रुपये प्रदान किए

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अगले तीन वर्षों के दौरान कुपोषण से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने 12,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि प्रदान की है। आंगनवाड़ी और किशोरियों के लिए योजना के तहत पूरक पोषण प्रदान किए जाने वाले लागत मानकों को संशोधित करके उक्त धनराशि जारी की गई है। महिला एवं बाल विकास सचिव श्री राकेश श्रीवास्तव ने 22 सितंबर को कहा कि सरकार ने लागत मानकों में लगभग 33 प्रतिशत का इजाफा कर दिया है। 2011 के बाद पहली बार इन्हें संशोधित किया गया है।

किशोरियों के लिए योजना के संबंध में लागत मानकों को 2010 के बाद पहली बार बढ़ाया गया है। इस तरह आंगनवाड़ियों के लिए अगले तीन वर्षों के दौरान पूरक पोषण के संबंध में 9900 करोड़ रुपये अतिरिक्त धनराशि दी गई है। इसके अलावा किशोरियों के लिए योजना में अगले तीन वर्षों के दौरान 2276 करोड़ रुपये का इजाफा किया गया है। दरअसल, यह प्रयास देश में कुपोषण का युद्ध स्तर पर मुकाबला करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप है।

लागत मानकों को खाद्य मूल्य सूचकांक से भी जोड़ दिया गया है, जिसके कारण सरकार को हर वर्ष बिना किसी बाधा के लागत मानकों को बढ़ाने में सहायता मिलेगी। गौरतलब है कि हाल में कुपोषण पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें जिलाधिकारियों से आग्रह किया गया था कि वे अपने-अपने जिलों में कुपोषण को समाप्त करने का दायित्व पूरा करें। उनसे कहा गया था कि वे तीन महीने में एक बार बच्चों और महिलाओं की पोषण/स्वास्थ्य स्थिति का गहराई से आकलन करें तथा हर वर्ष कुपोषण/शारीरिक विकास अवरोध में 2 से 3 प्रतिशत की कमी सुनिश्चित करें।