चमत्कारी परिवर्तन के तीन वर्ष

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नरेन्द्र  मोदी सरकार के तीन साल पूरे हो गये। इन तीन वर्षों में लोग भरपूर आत्मविश्वास से ओत–प्रोत हाेकर पूरे विश्व में भारत के बढ़ते कद का साक्षात्कार कर रहे हैं। गांव, गरीब और किसान को समर्पित यह सरकार लड़खड़ाती ग्रामीण अर्थव्यवस्था में अनेक योजनाओं एवं प्रकल्पों से जान फूंकने के लिए जानी जाएगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा नोटबंदी के साहसिक निर्णय से काले धन एवं हवाला पर कड़ा प्रहार हुआ है। देश एक भारी परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और इसकी उपलब्धियों की धाक पूरे विश्व में मानी जा रही है। अभी केवल तीन वर्ष पहले की बात है जब कई विशेषज्ञ भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य पर प्रश्न चिह्न खड़े कर रहे थे, आज यह स्वीकार कर रहे हैं कि भारत अंधकारमय वैश्विक परिदृश्य में एक चमकता हुआ सितारा के रूप में उभरा है। तीन वर्ष पूर्व जब नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी, उस समय की तुलना यदि आज से कोई करे तो शायद ही विश्वास कर पाएगा कि इतने कम समय में कोई देश इतनी तेजी से पुन: उठ खड़ा हो सकता है और एक लंबी छलांग लगाने को स्वयं को तैयार कर सकता है। अविश्वसनीय तो है परन्तु आज की सच्चाई यही है।

इतने कम समय में भयंकर पॉलिसी पैरालिसिस, भ्रष्टाचार एवं कुशासन के दौर से भारत कैसे निकल गया? हाशिए से उठकर आज भारत वैश्विक रंगमंच पर एक प्रमुख भूमिका कैसे निभा रहा है? भारत आज निवेशकों के लिए सबसे पसंदीदा देश कैसे बना? ऐसा कैसे हुआ कि तीन वर्षों में किसी भी मंत्री पर एक भी भ्रष्टाचार के आरोप तक नहीं लगे? कैसे भारत ने नियंत्रण रेखा पार कर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ किया तथा आतंकवादियों के कई पाकिस्तानी पनाहगारों को बमबारी से ध्वस्त कर दिया? इतने व्यापक स्तर पर नोटबंदी और उसको इतना ही भारी जनसमर्थन– कैसे संभव हुआ? इस तरह के ना जाने कई प्रश्न कइयों के मन–मस्तिष्क में उमड़–घुमड़ रहे हैं। जिस तरह से भारत की तस्वीर का कायाकल्प हुआ है किसी चमत्कार से कम नहीं है। आखिरकार यह कैसे संभव हुआ? आज जबकि पूरा विश्व अचंभे से भरा इस परिवर्तन को देख रहा है, नरेन्द्र मोदी के करिश्माई नेतृत्व में भारत नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। जिस प्रकार की दृष्टि, राजनैतिक इच्छाशक्ति तथा प्रतिबद्धता आज नेतृत्व में दिख रही है अभी मात्र कुछ वर्षों पहले तक यह अकल्पनीय था। अनेक प्रकार की अभिनव योजना, इनका लाभ तथा जिस तेजी से इनका क्रियान्वयन हो रहा है उससे पूरे देश का विश्वास नेतृत्व पर गहरा हुआ है। ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूलमंत्र के साथ भारत बहुत तेजी से विकास के रास्ते चल पड़ा है जिसमें जन–जन को भागीदारी सुनिश्चित हो रही है। नरेन्द्र मोदी के प्रति भारी विश्वास, उनके नेतृत्व पर आस्था तथा उनसे जन–जन की जुड़ी आकांक्षा एवं अपेक्षाएं चुनाव दर चुनाव में परिलक्षित हो रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘नया भारत’ का उद्घोष का आधार ‘परफॉर्मेंस की राजनीति’ बन रही है जिसने भारतीय राजनीति की तस्वीर बदल दी है। जातिवाद, तुष्टिकरण एवं वंशवाद की राजनीति की लगातार हार से एक व्यापक परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। देश की जनता अब ‘परफॉर्मेंस’ के आधार पर वोट देना अधिक पसंद कर रहे हैं। गरीब, किसान, मजदूर, महिला, युवा, दिव्यांग, दलित, जनजाति तथा पिछड़ों के कल्याण के लिए प्रतिबद्धता से सरकार के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। गांवों एवं कृषि पर जोर तथा गरीबों के कल्याण की अनेक योजनाओं से अर्थव्यवस्था की अब तक की आंतरिक असंतुलन को तेजी से सुधारा जा रहा है। अनगिनत अभिनव योजनाओं एवं प्रकल्पों के माध्यम से देश में समग्र विकास की नींव रखी जा रही है। अनेक वैश्विक मानदण्डों पर भारत ने अब अपनी स्थिति को तेजी से सुधारा है और अब पूरा विश्व भारत को आदर और अपेक्षा के साथ देख रहे हैं। पिछले तीन वर्षों में भारत ने हर क्षेत्र में बड़े कदम बढ़ाये हैं और व्यापक परिवर्तन हो रहा है। यह वास्तव में चमत्कारी परिवर्तन है।

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