भारत में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन की स्थापना को मिली स्वीकृति

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यह दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा के लिए प्रथम और एकमात्र आउटपोस्टिड वैश्विक केंद्र (कार्यालय) होगा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नौ मार्च को भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के बीच एक मेजबान देश समझौते पर हस्ताक्षर के साथ गुजरात के जामनगर में डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (डब्ल्यूएचओ जीसीटीएम) की स्थापना को स्वीकृति दे दी।

आयुष मंत्रालय के तहत जामनगर में डब्ल्यूएचओ जीसीटीएम की स्थापना की जाएगी। यह दुनिया भर में पारंपरिक चिकित्सा के लिए प्रथम और एकमात्र आउटपोस्टिड वैश्विक केंद्र (कार्यालय) होगा।

प्रमुख लाभ

•• आयुष प्रणालियों को दुनिया भर में स्थापित करना।
•• पारंपरिक चिकित्सा से संबंधित वैश्विक स्वास्थ्य मामलों में नेतृत्व प्रदान करना।
•• पारंपरिक चिकित्सा की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता, पहुंच और तर्कसंगत उपयोग को सुनिश्चित करना।
•• डेटा अंडरटेकिंग एनालिटिक्स एकत्र करने और प्रभाव का आकलन करने के लिए प्रासंगिक तकनीकी क्षेत्रों, उपकरणों और कार्यप्रणाली में मानदंड, मानक और दिशानिर्देश विकसित करना। मौजूदा टीएम डेटा बैंकों, आभासी पुस्तकालयों और शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों के सहयोग से डब्ल्यूएचओ टीएम सूचना विज्ञान केंद्र की अवधारणा को सुनिश्चित करना।
•• उद्देश्यों के लिए प्रासंगिकता के क्षेत्रों में विशिष्ट क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करना और परिसर, आवासीय, या वेब-आधारित और डब्ल्यूएचओ अकादमी और अन्य रणनीतिक भागीदारों के साथ साझेदारी के माध्यम से प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अदनोम घेबेरियस ने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की गरिमामयी उपस्थिति में 13 नवंबर, 2020 को 5वें आयुर्वेद दिवस के अवसर पर भारत में डब्ल्यूएचओ जीसीटीएम की स्थापना की घोषणा की थी। श्री मोदी ने डब्ल्यूएचओ की इस पहल की प्रशंसा करते हुए उल्लेख किया कि डब्ल्यूएचओ जीसीटीएम पारंपरिक चिकित्सा के लिए वैश्विक कल्याण, साक्ष्य-आधारित अनुसंधान, प्रशिक्षण और जागरूकता के केंद्र के रूप में उभरेगा।