उधारकर्ताओं को छह महीने के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के अनुग्रह भुगतान की योजना को मिली मंजूरी

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एसबीआई को ऋण देने वाली संस्थाओं से लगभग 6,473.74 करोड़ रुपये के समेकित दावे प्राप्त हुए। चूंकि एसबीआई को 5,500 करोड़ रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं, इसलिए अब 973.74 करोड़ रुपये की शेष धनराशि के लिए कैबिनेट की मंजूरी प्राप्त हुई

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 19 जनवरी को 973.74 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि के भुगतान को मंजूरी दे दी, जो निर्दिष्ट ऋण खातों (1.3.2020 से 31.8.2020) में उधारकर्ताओं को छह महीने के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के अनुग्रह भुगतान की योजना के तहत ऋणदाता संस्थानों (एलआई) द्वारा प्रस्तुत शेष दावों से संबंधित है।

लाभ

यह योजना संकटग्रस्त/कमजोर श्रेणी के उधारकर्ताओं को छह महीने की ऋण स्थगन अवधि के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर का अनुग्रह भुगतान देकर छोटे उधारकर्ताओं को महामारी के कारण पैदा हुए संकट को सहन करने में और अपने पैरों पर फिर से खड़े होने में समान रूप से मदद करेगी, भले ही उधारकर्ता ने ऋण स्थगन का लाभ उठाया हो अथवा नहीं।

कैबिनेट की मंजूरी से योजना के संचालन के लिए दिशानिर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। उक्त संचालन दिशानिर्देशों के अनुसार 973.74 करोड़ रुपये की उपरोक्त धनराशि वितरित की जायेगी।
गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के संदर्भ में ‘निर्दिष्ट ऋण खातों (1.3.2020 से 31.8.2020) में उधारकर्ताओं को छह महीने के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के अनुग्रह भुगतान की योजना’ की मंजूरी कैबिनेट द्वारा अक्टूबर, 2020 को दी गयी थी, जिसके लिए 5,500 करोड़ रुपये की परिव्यय धनराशि निर्धारित की गयी थी। इस योजना के तहत निम्न श्रेणी के उधारकर्ता अनुग्रह राशि भुगतान के पात्र थे:

i. एमएसएमई ऋण 2 करोड़ रुपये तक।
ii. शिक्षा ऋण 2 करोड़ रुपये तक।
iii. आवास ऋण 2 करोड़ रुपये तक।
iv. उपभोक्ता सामान ऋण (डूरेबल) 2 करोड़ रुपये तक।
v. क्रेडिट कार्ड बकाया 2 करोड़ रुपये तक।
vi. ऑटो ऋण 2 करोड़ रुपये तक।
vii. पेशेवरों को व्यक्तिगत ऋण 2 करोड़ रुपये तक।
viii. उपभोग के लिए ऋण 2 करोड़ रुपये तक।

वित्त वर्ष 2020-2021 में योजना के लिए 5,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया था। कैबिनेट द्वारा अनुमोदित 5,500 करोड़ रुपये की पूरी धनराशि, योजना के तहत नोडल एजेंसी एसबीआई को ऋण देने वाले संस्थानों को परिणामी प्रतिपूर्ति के लिए भुगतान की गयी थी।
उपरोक्त श्रेणी के ऋणों के लिए एसबीआई और अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के हिस्से का आकलन करके 5,500 करोड़ रुपये की अनुमानित धनराशि निर्धारित की गयी थी। कैबिनेट को इस तथ्य से भी अवगत कराया गया था कि वास्तविक राशि का निर्धारण तब हो सकेगा, जब ऋण देने वाली संस्थाएं अपना लेखापरीक्षा-पूर्व का खाता-वार दावा प्रस्तुत करें।

अब, एसबीआई ने सूचित किया है कि उसे ऋण देने वाली संस्थाओं से लगभग 6,473.74 करोड़ रुपये के समेकित दावे प्राप्त हुए हैं। चूंकि एसबीआई को 5,500 करोड़ रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं, इसलिए अब 973.74 करोड़ रुपये की शेष धनराशि के लिए कैबिनेट की मंजूरी प्राप्त की जा रही है।

कैबिनेट ने भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड में 1,500 करोड़ रुपये के निवेश को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने 19 जनवरी को भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास संस्था लिमिटेड (आईआरईडीए) में नकदी देकर इक्विटी शेयर खरीदने के जरिये 1,500 करोड़ रुपये का निवेश करने को मंजूरी दे दी। नकदी देकर इक्विटी शेयर जारी करने से साल भर में लगभग 10,200 रोजगारों का सृजन होगा तथा लगभग 7.49 मिलियन टन सीओ2/प्रतिवर्ष के बराबर कार्बन डाई-ऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आयेगी।

भारत सरकार द्वारा 1,500 करोड़ रुपये के मद्देनजर नकदी देकर अतिरिक्त शेयर खरीदने से आईआरईडीए की निम्नलिखित क्षमता हो जायेगी :

 अक्षय ऊर्जा सेक्टर को लगभग 12,000 करोड़ रुपये का ऋण मिलेगा, जिससे अक्षय ऊर्जा (आरई) क्षेत्र की ऋण आवश्यकता पूरी होगी, जो लगभग 3,500-4,000 मेगावॉट की अतिरिक्त क्षमता से सम्बंधित है।
 उसकी निवल संपत्ति को बढ़ाने में मदद मिलेगी, जो अतिरिक्त आरई वित्तपोषण के लिये सहायक होगी। इस तरह सरकार द्वारा निर्धारित आरई लक्ष्यों को प्राप्त करने में बेहतर योगदान हो सकेगा।