कैबिनेट ने विपणन सीजन 2024-25 के लिए रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को दी मंजूरी

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न्यूनतम समर्थन मूल्य में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दाल (मसूर) के लिए 425 रुपये प्रति क्विंटल दी गई तथा रेपसीड एवं सरसों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल व गेहूं के लिए 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने 18 अक्टूबर को विपणन सीजन 2024-25 के लिए सभी अनिवार्य रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दी। केंद्र सरकार ने विपणन सीजन 2024-25 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके। एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी दाल (मसूर) के लिए 425 रुपये प्रति क्विंटल और इसके बाद रेपसीड एवं सरसों के लिए 200 रुपये प्रति क्विंटल की मंजूरी दी गई है। गेहूं और कुसुम में से प्रत्येक के लिए 150 रुपये

प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। जौ और चने के लिए क्रमश: 115 रुपये प्रति क्विंटल और 105 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई।

विपणन सीजन 2024-25 के लिए अनिवार्य रबी फसलों की एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के अनुरूप है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर निर्धारित करने की बात कही गई थी। अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर अपेक्षित लाभ गेहूं के लिए 102 प्रतिशत; रेपसीड और सरसों के लिए 98 प्रतिशत; दाल के लिए 89 प्रतिशत; चने के लिए 60 प्रतिशत; जौ के लिए 60 प्रतिशत और कुसुम के लिए 52 प्रतिशत है। रबी फसलों की इस बढ़ी हुई एमएसपी से किसानों के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होगा और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा।

केंद्र सरकार खाद्य सुरक्षा बढ़ाने, किसानों की आय में वृद्धि करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए तिलहन, दलहन और श्रीअन्न/मोटे अनाजों की ऊपज बढ़ाने के क्रम में फसल विविधीकरण को बढ़ावा दे रही है। मूल्य नीति के अलावा, सरकार ने वित्तीय सहायता प्रदान करने व तिलहन और दलहन की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने हेतु गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसएम), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) और राष्ट्रीय तिलहन और ऑयल पाम मिशन (एनएमओओपी) जैसी विभिन्न पहलें की हैं।