मानगढ़ राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात के लोगों की साझी विरासत : नरेन्द्र मोदी

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प्रधानमंत्री ने ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ में लिया हिस्सा

गोविंद गुरु जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी भारत की परंपरा और आदर्शों के प्रतिनिधि थे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक नवंबर को एक सार्वजनिक कार्यक्रम ‘मानगढ़ धाम की गौरव गाथा’ में हिस्सा लिया और स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम जनजातीय नायकों और शहीदों को उनके बलिदान के लिए नमन किया। कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने धूनी दर्शन किए और गोविंद गुरु की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल, केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, सांसद, विधायक आदि उपस्थित थे।

सभा को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि मानगढ़ की पवित्र भूमि में आना हमेशा प्रेरक होता है जो हमारे जनजातीय वीरों की तपस्या, त्याग, बहादुरी और बलिदान का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि मानगढ़ राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात के लोगों की साझी विरासत है।

गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में श्री मोदी ने मानगढ़ के क्षेत्र के प्रति अपनी सेवा को याद किया जो गुजरात का हिस्सा है और बताया कि गोविंद गुरु ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष यहां बिताए और उनकी ऊर्जा व उनकी शिक्षाएं अभी भी इस भूमि की मिट्टी में महसूस की जा सकती हैं। प्रधानमंत्री ने याद किया कि वन महोत्सव के मंच के माध्यम से सभी से आग्रह करने के बाद पूरा क्षेत्र हरा-भरा हो गया, जो पहले वीरान भूमि था। श्री मोदी ने अभियान के लिए नि:स्वार्थ भाव से काम करने के लिए आदिवासी समुदाय को धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा कि विकास से न केवल स्थानीय लोगों के जीवन स्तर में सुधार हुआ है, बल्कि गोविंद गुरु की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार भी हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गोविंद गुरु जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी भारत की परंपरा और आदर्शों के प्रतिनिधि थे।

17 नवंबर, 1913 का मानगढ़ नरसंहार

मानगढ़ में 17 नवंबर, 1913 के नरसंहार को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत में ब्रिटिश शासन द्वारा अत्यधिक क्रूरता का एक उदाहरण था। श्री मोदी ने कहा कि एक तरफ हमारे पास निर्दोष आदिवासी थे जो आजादी की मांग कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों ने मानगढ़ की पहाड़ियों को घेरकर दिन-दहाड़े एक हजार पांच सौ से अधिक निर्दोष युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों का नरसंहार किया।

उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों के कारण स्वतंत्रता संग्राम की इतनी महत्वपूर्ण और प्रभावशाली घटना को इतिहास की किताबों में जगह नहीं मिल पाई। श्री मोदी ने कहा कि इस आजादी का अमृत महोत्सव में भारत उस कमी को पूरा कर रहा है और दशकों पहले की गई गलतियों को सुधार रहा है।

जनजातीय गौरव दिवस

प्रधानमंत्री ने बताया कि 15 नवंबर को देश भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस मनाने जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों के इतिहास के बारे में जनता को शिक्षित करने का एक प्रयास है।

श्री मोदी ने कहा कि जनजातीय समाज के इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के लिए देश भर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित विशेष संग्रहालय बनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह शानदार विरासत अब विचार प्रक्रिया का हिस्सा बनेगी और युवा पीढ़ी को प्रेरणा प्रदान करेगी।

मुख्य बातें

 प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम जनजातीय नायकों और शहीदों को उनके बलिदान के लिए नमन किया
 मानगढ़ राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात के लोगों की साझी विरासत है
 गोविन्द गुरु जैसे महान स्वतंत्रता सेनानी भारत की परंपरा और आदर्शों के प्रतिनिधि थे
 भारत का अतीत, इतिहास, वर्तमान और भारत का भविष्य जनजातीय समुदाय के बिना कभी पूरा नहीं होता
 राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को मानगढ़ के संपूर्ण विकास के रोडमैप के लिए साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है।