छः वर्षों में देश बदला है, अब दिल्ली को बदलने की बारी है: अमित शाह

| Published on:

केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने 25 जनवरी को दिल्ली विधान सभा चुनाव के मद्देनजर जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित वालंटियर्स मीट “जीत की गूंज” को संबोधित किया और दिल्ली की जनता से प्रदेश की सुरक्षा और राज्य के विकास के लिए भारतीय जनता पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का आह्वान किया। कार्यक्रम में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सर्वश्री मनोज तिवारी, केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता हर्षवर्द्धन, भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल, भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा, भाजपा सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी, भाजपा सांसद रमेश विधूड़ी, भाजपा सांसद हंसराज हंस, भाजपा सांसद गौतम गंभीर और भाजपा के आईटी एवं सोशल मीडिया हेड अमित मालवीय भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम के लिए 25,000 से अधिक रजिस्ट्रेशन प्राप्त हुए थे। इस कार्यक्रम से फेसबुक पर भी लाखों युवा जुड़े हुए थे।

दिल्ली की जनता गंदा पानी पीने को मजबूर

श्री शाह ने कहा कि आज कल मैं कुछ भी बोलता हूं तो श्रीमान अरविन्द केजरीवाल तुरंत उसे ट्वीट कर देते हैं। वे तो आज कल दिल्ली की जनता का नाम कम लेते हैं, मेरा नाम अधिक लेते हैं। केजरीवाल जी ने घरों में पाइपलाइन से आरओ से भी बढ़िया पानी पहुंचाने का वादा किया था। पाइपलाइन से पानी पहुंचाना तो दूर की बात, दिल्ली की जनता को ऐसा पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ा कि BIS के 21 शहरों के सर्वे में सबसे गंदा पानी दिल्ली का पाया गया है। जो दिल्ली जल बोर्ड 178 करोड़ रुपये के मुनाफे में चल रही थी, उसे 800 करोड़ रुपये के घाटे में धकेल दिया गया जिसके अध्यक्ष अरविन्द केजरीवाल खुद हैं। श्रीमान केजरीवाल ने तो यमुना को भी साफ़ करने का वादा किया था, लेकिन वे ज़रा यमुना जी के पानी से आचमन कर के तो दिखाएं! यदि उन्हें जल को स्वच्छ करना था तो इलाहाबाद कुंभ में ही चले जाते कि मोदी जी और योगी जी ने मां गंगा के जल को निर्मल कैसे बनाया।

शिक्षा व्यवस्था पर केजरीवाल सरकार का झूठ उजागर

शिक्षा पर केजरीवाल के झूठ को उजागर करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन करने का वादा किया था। लेकिन उन्होंने ये परिवर्तन शिक्षा-स्तर को गिराने में किया। केजरीवाल सरकार ने 1000 नए स्कूल, 20 कॉलेज और समर्थ स्कूल खोलने का वादा किया था, लेकिन जमीन पर कुछ भी दिखाई नहीं देता। जो 25 स्कूल बने भी हैं, उनका कार्य 2015 से पहले शुरू हुआ था। ऐसी मीडिया रिपोर्ट है कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों से पिछले पांच वर्षों में ढाई लाख बच्चे प्राइवेट स्कूलों में शिफ्ट कर गए हैं। पिछले पांच वर्षों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के प्राइमरी सेक्शन में लगभग 93,000 अर्थात 6% बच्चे कम हुए हैं। 2015 में दिल्ली के सरकारी स्कूलों के दसवीं के परिणाम भी कुछ और ही कहानी कह रहे हैं। 2015 में दिल्ली की दसवीं का रिजल्ट जहां 95.81% था जो 2019 में घट कर 71.58% रह गया है। अरविन्द केजरीवाल जी ने 20 हजार से ज्यादा गेस्ट शिक्षकों को पक्का करने का वादा किया था, वह भी पूरा नहीं हुआ। लगभग 700 स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं हैं, 1000 से अधिक स्कूलों में साईंस विंग ही नहीं है, 19 हजार शिक्षकों की कमी है। आखिर इसका जिम्मेवार कौन है? शायद जवाब देने के डर से ही श्रीमान केजरीवाल आज कल जन-सभा नहीं कर रहे।

प्रदूषण मुक्त करने के लिए जुटाए पैसे को विज्ञापन में उड़ाया केजरीवाल सरकार ने

दिल्ली के प्रदूषण की चर्चा करते हुए श्री शाह ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली को प्रदूषण-मुक्त करने का वादा किया था, लेकिन हाल ही में एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि मुझे प्रदूषण के बारे में कोई जानकारी नहीं है और यह मेरा काम नहीं है। पर दिल्ली की जनता ने तो केजरीवाल सरकार के प्रदूषण को कम करने का इश्तिहार तो देखा ही है। ग्रीन दिल्ली के नाम पर सेस के जरिये केजरीवाल सरकार ने 1200 करोड़ जुटाए, जिसमें से केवल 216 करोड़ रुपये ही आप पार्टी सरकार ने खर्च किये। इस 216 करोड़ रुपये में भी 186 करोड़ केजरीवाल सरकार ने केवल विज्ञापन पर खर्च कर डाले। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली को पानी भी दूषित दी, हवा भी जहरीली दी, झूठ भी जहरीला ही बोलती है। हमने हमारा कार्यक्षेत्र न होने के बावजूद दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए कई कदम उठाये।

सड़क, रेल, बिजली, फ्री वाई-फाई और सीसीटीवी पर केजरीवाल का दावा कोरा झूठ

भाजपा के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की सड़कों पर 5,000 डीटीसी की बसों को उतारने का वादा किया था, लेकिन बसों की संख्या बढ़ाना तो दूर की बात, इस सरकार ने तो 1087 बसों की संख्या ही कम कर दी। केजरीवाल सरकार के आने से पहले डीटीसी बसों की संख्या 4705 बसें थी जो कि 12 नवंबर 2019 को घटकर 3,781 रह गई। दिल्ली में मेट्रो का जाल मोदी सरकार ने बुना। 2014 के पहले दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क में औसतन करीब 14 किलोमीटर प्रतिवर्ष का विस्तार हो रहा था। हमारी सरकार आने के बाद अब ये करीब-करीब 25 किलोमीटर प्रतिवर्ष हो गया है। पिछले पांच साल में दिल्ली में 116 किलोमीटर नई लाइनें शुरू हुई हैं। इसके अलावा अभी करीब 70 किलोमीटर नए रूट पर काम हो रहा है। दिल्ली मेट्रो के फेज-4 को लेकर अगर यहां की राज्य सरकार ने राजनीति नहीं की होती, बेवजह के अड़ेंगे नहीं लगाए होते, तो इसका काम भी काफी पहले शुरू हो गया होता। केजरीवाल सरकार ने रिंग रेल बनाने का वादा किया था, वह भी जमीन पर नहीं उतरा। केजरीवाल सरकार ने फ्री वाई-फाई देने का वादा किया था, लेकिन ये कैसा वाई-फाई है कि बैटरी ख़त्म हो जाती है लेकिन मिलता ही नहीं। जब मैंने ऐसा कहा तो केजरीवाल कहते हैं कि हमने 200 यूनिट तक बिजली फ्री की हुई है, मोबाइल चार्ज करा लो। हालत तो यह है कि 200 यूनिट से कम खपत वालों के पास भी बिजली के बिल आ रहे हैं। 15 लाख सीसीटीवी के वादे का तो कहना ही क्या? ढूंढ़ने से भी दिखाई नहीं देती। इसी तरह हॉस्पिटल में सुविधाओं में सुधार के लिए भी केजरीवाल जी ने अनेक वादे किये थे जो झूठे ही निकले।

केंद्र की जनोपयोगी योजनाओं को दिल्ली में लागू नहीं होने दिया केजरीवाल सरकार ने

श्री शाह ने कहा कि झूठे वादे कर उसे पूरा करना तो दूर की बात अरविन्द केजरीवाल सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं के फायदे से भी दिल्ली की जनता को महरूम करने का प्रयास किया। केजरीवाल सरकार ने न तो गरीबों के लिए वरदान साबित होने वाली ‘आयुष्मान भारत’ योजना को लागू होने दिया और न ही प्रधानमंत्री आवास योजना को ही लागू होने दिया।

विकास का पैगाम – जहां झुग्गी, वहां मकान, अनधिकृत कॉलोनियां हुई अधिकृत

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का लक्ष्य है कि देश के हर गरीब के पास अपना घर होना चाहिए और इसी लक्ष्य के साथ प्रधानमंत्री जी ने दिल्ली की गरीब जनता के लिए “जहां झुग्गी, वहीं पक्का मकान” देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। दिल्ली में 20 सालों तक कांग्रेस और आप पार्टी की सरकार रही, लेकिन अनधिकृत कॉलोनियों का दर्द किसी ने नहीं सुना। कांग्रेस और केजरीवाल सरकार, दोनों ने इसे लटकाए रखा। ये प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी हैं जिन्होंने 1731 अनधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत कर 40 लाख से अधिक लोगों को उनके घर का मालिकाना हक दिया है।

हम केजरीवाल नहीं, हम भारतीय जनता पार्टी हैं

श्री शाह ने कहा कि कांग्रेस और केजरीवाल सरकार पिछले 20 वर्षों से दिल्ली की जनता को उनके अधिकारों से वंचित कर रखा था। हम अरविन्द केजरीवाल नहीं हैं, हम भारतीय जनता पार्टी हैं। हम जो कहते हैं, कर के दिखाते हैं। मोदी है तो मुमकिन है। दिल्ली-मेरठ, दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कटरा और द्वारा एक्सप्रेसवे बनाया गया। 112 जन-औषधि के केंद्र दिल्ली में खोले गए, उजाला योजना के तहत प्रदेश में 27 लाख एलईडी बल्ब बांटे गए, उज्ज्वला योजना के तहत एक लाख से ज्यादा महिलाओं को दिल्ली में गैस कनेक्शन दिया गया और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत प्रदेश के हर किसान के बैंक एकाउंट में 6,000 रुपये तक की कृषि सहायता पहुंचाई गई। इतना सब मोदी सरकार द्वारा करने के बावजूद कांग्रेस और केजरीवाल सरकार कहती है कि दिल्ली में विकास हमने किया। श्रीमान केजरीवाल तो भाषण देने आते भी नहीं, केवल रोड शो करते हैं। बोलने के लिए कुछ है ही नहीं तो भाषण क्या देंगे! झूठे वादे करने वाले दिल्ली का विकास नहीं कर सकते, ये केवल और केवल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ही कर सकते हैं।

हम चाहते हैं ऐसी दिल्ली

श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी विगत छः वर्षों से देश के सर्वांगीण विकास में लगे हुए हैं। पूरी दुनिया में आज मोदी-मोदी के नारे गूंजते हैं, यह सम्मान देश के सवा सौ करोड़ भारतीयों का सम्मान है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने छः वर्षों में देश बदला है, देश की सोच को ऊपर उठाया है, अब दिल्ली को बदलने की बारी है। पांच वर्ष पूर्व दिल्लीवालों से गलती से गलती हुई थी, अबकी बार हम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ चलें, यह हमारा संकल्प होना चाहिए। दिल्ली के युवा साइबर योद्धा इस संदेश को घर-घर पहुंचाए और दिल्ली की जनता इतने जोर से कमल पर बटन दबाये कि 8 फरवरी 2020 की शाम को शाहीन बाग वाले अपना बोरिया-बिस्तर उठा कर भाग जाएं।