नेपाल के साथ सांस्कृतिक-आर्थिक संबंध और मजबूत हुए

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 11-12 मई को नेपाल की अत्यंत सफल यात्रा की। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों में न सिर्फ प्रगाढ़ता आई, बल्कि इनके बीच ऐतिहासिक सांस्कृतिक-आर्थिक संबंध और मजबूत हुए। श्री मोदी ने दो दिन की अपनी नेपाल यात्रा को ‘ऐतिहासिक’ बताया। उन्होंने कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री श्री केपी शर्मा ओली के साथ उनकी बातचीत ‘उपयोगी’ रही और उनकी यात्रा से भारत-नेपाल संबंधों को नया बल मिलेगा।’

यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री श्री खड्ग प्रसाद शर्मा ओली ने संयुक्त रूप से 900 मेगावॉट के अरुण-थ्री हायड्रो इलेक्ट्रिक प्रॉजेक्ट की आधारशिला रखी। अपने संबोधन में श्री मोदी ने कहा कि नेपाल बिजली उत्पादन के क्षेत्र में तेज़ी से विकास कर रहा है। आज भारत से लगभग 450 मेगावाट बिजली नेपाल को सप्लाई होती है। इसके लिए हमने नई ट्रांसमिशन लाइंस बिछाई हैं। श्री मोदी ने यह भी कहा कि पिछले महीने दोनों देशों ने कृषि क्षेत्र में एक नई साझेदारी की घोषणा की है। इसके तहत कृषि के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। दोनों देशों के किसानों की आमदनी कैसे बढ़ाई जाए इस पर ध्यान दिया जाएगा। खेती के क्षेत्र में साइंस और टेक्नॉलॉजी के इस्तेमाल में सहयोग बढ़ाया जाएगा।

यही नहीं, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री श्री खड्ग प्रसाद शर्मा ओली, पूर्व प्रधानमंत्री श्री शेर बहादुर देउबा, श्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ और अन्य राजनेताओं से भी मुलाकात की। दरअसल, 11 मई को प्रधानमंत्री श्री मोदी और प्रधानमंत्री श्री ओली के बीच कई बार मुलाकात हुई। इस मुलाकात के दौरान नेपाल के प्रधानमंत्री श्री खड्ग प्रसाद ओली ने कहा कि नेपाल भारत की चिंताओं को लेकर संवेदनशील है। भारत के खिलाफ होने वाले किसी भी कदम के निए नेपाल की धरती का इस्तेमाल नहीं होने दिया जाएगा।

अयोध्या-जनकपुर बस सर्विस

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 11 मई को सीता के मायके और ऐतिहासिक शहर जनकपुर पहुंचे। प्रधानमंत्री श्री मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री श्री ओली ने जनकपुर से अयोध्या की बस सर्विस का उद्घाटन किया। इससे दोनों देशों के टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। इस दौरान प्रधानमंत्री श्री मोदी ने बताया कि पिछले महीने ही मोदी और ओली ने इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट का भी उद्घाटन किया।

यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री श्री मोदी ने नेपाल के कई मंदिरों में दर्शन भी किए। श्री मोदी ने 11 मई को जनकपुर धाम में दर्शन किए, तो 12 मई को मुक्तिनाथ धाम और पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस दौरान प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि राजा जनक और जन-कल्याण के इस संदेश को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। नेपाल और भारत के संबंध राजनीति, कूटनीति, समरनीति से परे देव-नीति से बंधे हैं। व्यक्ति और सरकारें आती-जाती रहेंगी, पर ये संबंध अजर, अमर हैं।’

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 11 मई को अपने प्रेस वक्तव्य में कहा कि वैसे तो नेपाल से मेरा बहुत पुराना नाता रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में नेपाल की यह मेरी तीसरी यात्रा है। इससे यह स्पष्ट है कि नेपाल के प्रति, और भारत-नेपाल संबंधों के प्रति, मेरी और मेरी सरकार की प्रतिबद्धता कितनी गहरी है और चाहे मैं प्रधानमंत्री के रूप में आया हूं, या फ़िर एक सामान्य नागरिक के रूप में, नेपाल के लोगों ने मुझे हमेशा अपना माना है और परिवार के सदस्य की तरह मेरा स्वागत किया है।

श्री मोदी ने कहा कि मेरी यह नेपाल यात्रा एक ऐसे ऐतिहासिक समय में हो रही है, जब नेपाल में फ़ेडरल, प्रोविन्सिअल और लोकल, तीनों स्तरों पर चुनावों का सफ़ल आयोजन हो चुका है। नेपाल के इतिहास में यह कालखंड स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। नेपाल की जनता ने आर्थिक और सामाजिक प्रगति और परिवर्तन के लिए, राष्ट्र-निर्माण के लिए प्रधानमंत्री ओली जी के नेतृत्व और विज़न में अपना भरोसा जताया है।

प्रधानमंत्री ने कहा नेपाल के लोगों द्वारा संघीय, लोकतांत्रिक फ्रेमवर्क में राष्ट्र-निर्माण और विकास यात्रा के फ़ैसले का मैं अभिनंदन करता हूं। एक अखंड, समृद्ध और सशक्त नेपाल के लिए सभी नेपाली लोगो की आकांक्षा का भारत समर्थन करता है। समावेशी विकास और आर्थिक समृद्धि के आपके प्रयासों की सफ़लता के लिए भारत के सवा सौ करोड़ लोगों की शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

उन्होंने कहा कि भारत के लिए हमारा “सबका साथ, सबका विकास” का विज़न और नेपाल के लिए ओली जी का “समृद्ध नेपाल, सुखी नेपाली” का नारा एक दूसरे के पूरक हैं। आज हमने एक बार फ़िर भारत और नेपाल की साझेदारी के सभी आयामों की समीक्षा की। लगभग पांच सप्ताह पहले प्रधानमंत्री ओली जी भारत आए थे, तो उन्होंने मुझसे कई विषयों का उल्लेख किया था।

नेपाल लैंड-लॉक्ड न रहे, बल्कि लैंड-लिंक्ड और वाटर-लिंक्ड हो: नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि इतने कम समय में ही दोनों देशों की टीमों ने मिलकर सभी मुद्दों पर काम किया है और कई मुद्दों को तो सुलझा भी लिया है। आज की हमारी बातचीत में मैंने इस प्रगति के बारे में प्रधानमंत्री ओली जी को विस्तार से जानकारी दी। हमने कृषि, इनलैंड वाटरवेज और रेलवेज में कई परिवर्तनकारी पहलों की शुरुआत की है। इससे दोनों देशों के लोगों और व्यवसायों की आपसी कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
श्री मोदी ने कहा कि मैं इनलैंड वाटरवेज में हमारे सहयोग को विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानता हूं। नेपाल लैंड-लॉक्ड न रहे, बल्कि लैंड-लिंक्ड और वाटर-लिंक्ड हो, हम प्रधानमंत्री ओली जी के इस विज़न को साकार करने में हर संभव सहायता और प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारे कृषि मंत्री शीघ्र ही मिलेंगे और कृषि अनुसन्धान, कृषि शिक्षा और कृषि विकास में सहयोग के लिए रोडमैप तैयार करने पर काम करेंगे। रक्सौल और काठमांडू के बीच नए रेलवे लिंक के लिए सर्वे का काम शीघ्र ही शुरू होगा और ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट में हमारे संबंधों को और अधिक मजबूत करने के लिए, हम शीघ्र ही व्यापार संधि का comprehnsive review भी करेंगे। स्वास्थ्य सहयोग में हम एक नया क़दम उठा रहे हैं। काठमांडू में स्थित भक्तपुर कैंसर अस्पताल में कैंसर रोगियों के इलाज के लिए हम शीघ्र ही भारत में विकसित भाभाट्रोन रेडियो-थेरपी मशीन स्थापित करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा हमारे जल-संसाधन और उर्जा सहयोग में आज एक नया अध्याय जुड़ा है। प्रधानमंत्री ओली जी के साथ मिलकर आज मुझे 900 मेगावाट की अरुण-थ्री विद्युत् परियोजना की नींव रखने का सौभाग्य मिला। लगभग 6000 करोड़ भारतीय रुपयों के निवेश की यह परियोजना नेपाल में होने वाले सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स में एक है। नेपाल में रोजगार के अवसरों के साथ इस प्रोजेक्ट से नेपाल में आर्थिक और व्यावसायिक अवसर भी बनेंगे। पंचेश्वर प्रोजेक्ट एवं हाइड्रोपावर, जल-संसाधन और ऊर्जा के क्षेत्रों में अपने सहयोग के अन्य प्रोजेक्ट्स पर भी हम अपनी बातचीत आगे बढ़ा रहे हैं।