डिजिटल प्रौद्योगिकी एक क्रांतिकारी साधन : नरेन्द्र मोदी

| Published on:

साइबर स्पेस पर पांचवें वैश्विक सम्मेलन-2017

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 23 नवंबर को नई दिल्ली में साइबर स्पेस पर पांचवें वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्रीलंका के प्रधानमंत्री महामहिम श्री रानिल विक्रमसिंघे, इलेक्ट्रॉनिक तथा सूचना प्रौद्योगिकी और कानून तथा विधि मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद, दूरसंचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री मनोज सिन्हा, पर्यटन, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री के.जे. अल्फोंस तथा अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार यूनियन के महासचिव श्री हॉउ लीन झाओ तथा अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने उमंग एप भी लॉन्च किया। इसका उद्देश्य एक ही मोबाइल एप पर 162 सरकारी सेवाओं को लाना है, ताकि हमारे नागरिकों के मोबाइल फोन पर सरकारहॉउ की पहुंच हो सके।

यह पांचवां जीसीसीएस सम्मेलन था। इसकी थीम सभी के लिए साइबर: सतत विकास के लिए सुरक्षित और समावेशी साइबर स्पेस थी। दरअसल, साइबर स्पेस पर पांचवें वैश्विक सम्मेलन का उद्देश्य वैश्विक साइबर नीति में समावेशन तथा मानव अधिकारों के महत्व को प्रोत्साहित करना है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम सभी यह जानते हैं कि पिछले कुछ दशकों में साइबर स्पेस ने किस प्रकार विश्व का रूप परिवर्तित कर दिया है। यहां बैठे लोगों में से वरिष्ठ पीढ़ी के लोगों को 70 और 80 के दशकों में बड़े-बड़े कंप्यूटर सिस्टमों के मेनफ्रेम याद होंगे, तब से काफी कुछ बदल गया है। 90 के दशक में ईमेल और पर्सनल कंप्यूटर ने एक नई क्रांति को जन्म दे दिया है। यह सोशल मीडिया के आगमन के कारण हुआ था और मोबाइल फोन के आगमन डाटा स्टोरेज और संचार का एक महत्वपूर्ण साधन है। इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे शब्द आजकल आम बन गए हैं। यह उस निरंतर बदलाव के सूचक शब्द हैं जो शायद बहुत अधिक तेज गति से हो रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि डिजिटल क्षेत्र में इन तीव्र विकासों ने भारत में भी बहुत बदलाव किया है और भारत की सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रतिभाओं को विश्व भर में पहचान मिली है। भारत की सूचना प्रौद्योगिकी की कंपनियों ने भी विश्व में अपना परचम लहराया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज, डिजिटल प्रौद्योगिकी एक बहुत बड़े साधन के रूप में उभरी है। इसने कुशल सेवा सुपुर्दगी और गवर्नेंस के लिए मार्ग प्रशस्त कर दिया है। यह शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य के क्षेत्रों में भी पहुंच को सुगम बनाने के साथ-साथ उसमें सुधार कर रही है और यह व्यापार और अर्थव्यवस्था के भविष्य को भी बदलने में सहायता कर रही है। इन सभी माध्यमों से, यह समाज के वंचित समूहों को अधिक अवसर प्रदान कर रही है।

इलेक्ट्रॉनिक तथा सूचना प्रौद्योगिकी, विधि और न्याय मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार का मौलिक दर्शन सबका साथ, सबका विकास है। डिजिटल भारत टेक्नोलॉजी का उपयोग करके समावेशी विकास के लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास कर रहा है। डिजिटल भारत के हमारे प्रधानमंत्री के विजन ने संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति को नया दृष्टिकोण प्रदान किया है। भारत का डिजिटल विकास सेवाओं की डिजिटल डिलीवरी से लेकर 1.3 बिलियन लोगों को डिजिटल रूप में आर्थिक दृष्टि से सशक्त बनाने तक हुआ है।
श्री प्रसाद ने कहा कि समावेशी विकास में सबसे बड़ी बाधा भ्रष्टाचार और सेवा डिलीवरी प्रणाली में चोरी थी। जन-धन बैंक खाता, आधार, डिजिटल पहचान और मोबाइल फोन की तिकड़ी ने इस समस्या का कारगर समाधान किया है। वित्तीय लाभों को गरीब लोगों के खाते में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से प्रदान करने से 515 मिलियन लोगों को लाभ हुआ है और पिछले तीन वर्षों में करदाताओं के 9 मिलियन डॉलर की बचत हुई है।

उमंग एप लॉन्च

उमंग एक नजर में –

-सभी सरकारी सेवाओं में एकरूप यूजर सहज इंटरफेस

-33 विभागों की 162 सेवाएं/एप्लीकेशन तथा चार राज्य

-केन्द्र राज्य तथा उपयोगिता सेवाओं से 1200 से अधिक विभिन्न सरकारी सेवाओं तक पहुंच के लिए एक मात्र मोबाइल एप

-13 भारतीय भाषाओं में समर्थित और मांग पर उपलब्ध

-यूएसएसडी के माध्यम से बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले फीचर फोनों को जल्द समर्थन