सुशासन, विकास और परफाॅर्मेंस का दौर

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     हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम से यह स्पष्ट है कि भारत की जनता का समर्थन दिनोदिन सुशासन, विकास एवं परफाॅर्मेंस की राजनीति के लिए बढ़ रहा है। चार राज्य, जिनमें भाजपा को जनता ने पुनः अपना भारी आशीर्वाद दिया है, यह इंगित करता है कि भाजपा जनाकांक्षाओं को पूरा करने वाली राजनैतिक पार्टी के रूप में उभरी है। जनसेवा के प्रति अटूट समर्पण का ही परिणाम है कि आज भाजपा देश में राजनैतिक स्थिरता का पर्याय बन चुकी है। राजनैतिक अस्थिरता के दशकों का दौर जिसमें किसी दल की सरकार शायद ही कभी पुनः चुनी जाती थी अथवा अपना पूरा कार्यकाल पूर्ण कर पाती थी, उसके बाद देश की राजनीति स्थिर हो रही है। लगभग तीन दशकों के पश्चात् 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत तथा 2019 के चुनाव में उससे भी बड़ा जनादेश मिलना, देश में हुए राजनैतिक परिवर्तन का द्योतक है। जैसे-जैसे विभिन्न प्रदेशों में हर चुनाव के साथ भाजपा के प्रति जनसमर्थन बढ़ता जा रहा है, राजनैतिक स्थिरता की यह प्रक्रिया और भी अधिक सुदृढ़ होती जा रही है। यह समर्पण, सेवा एवं प्रतिबद्धता की राजनीति की जीत है। यह देशभर में करोड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं के निःस्वार्थ सेवा, ‘राष्ट्र प्रथम’ के प्रति समर्पित नेतृत्व और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के मंत्र की जीत है।

जनसेवा के प्रति अटूट समर्पण का ही परिणाम है कि आज भाजपा देश में राजनैतिक स्थिरता का पर्याय बन चुकी है

जहां एक ओर देश की राजनीति में व्यापक परिवर्तन हो रहा है, इसका प्रभाव अर्थव्यवस्था, शिक्षा जगत, मीडिया, सिनेमा सहित हर क्षेत्र में देखा जा सकता है। हालिया फिल्म ‘कश्मीर फाइल्स’ सिनेमा जगत में एक ऐसे परिवर्तन को दर्शाती है जिसमें यदि सच्ची घटनाओं को निर्भीकतापूर्ण दिखाया जाए, तब बिना मार्केटिंग, ब्रांडिंग या पीआर एजेंसियों के भी एक फिल्म सफलता के नए आयाम गढ़ सकती है। जिस प्रकार से इस सिनेमा में कश्मीरी हिंदुओं की दुर्दशा, दिल दहलाने वाला नरसंहार तथा उनका विपरीत परिस्थितियों में पलायन दिखाया गया है, उसने पूरे देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है।

वास्तविकता यह है कि यह पहली बार है, जब कश्मीरी हिंदुओं की हृदय विदारक व्यथा पर गंभीरता से कोई फिल्म बनाई गई हो तथा देश को उन सच्चाइयों का पता चला जो अब तक लोगों की नजरों से ओझल थी। इस फिल्म से बाॅलीवुड के उस वर्ग का चेहरा भी बेनकाब हुआ है जो कश्मीर के विषय पर मनगढ़ंत कहानियों पर सिनेमा बनाकर घाटी में पसरे आतंकवाद-अलगाववाद के पक्ष में वातावरण बनाने का प्रयास करते थे। ऐसे सिनेमा निर्माताओं को अब यह स्वीकार करना चाहिए कि ऐसे कपोल-कल्पित कथाओं के आधार पर बनी फिल्मों से घाटी में हिंसा एवं अलगाववाद की मानसिकता पनपी थी। साथ ही, ‘कश्मीर फाइल्स’ के निर्माता, अभिनेता एवं अन्य सहयोगियों को सच बताने के उनके साहस तथा बाॅलीवुड को झूठ की फैक्ट्री की छवि से बाहर निकालने के उनके प्रयासों की सराहना की जानी चाहिए। जिस प्रकार से पूरे देश की जनता ने इस फिल्म का समर्थन किया है तथा अब तक इसे सबसे बड़े ‘ब्लाॅकबस्टर’ बनाने के स्तर पर ले आए हैं, उसके लिए वे बधाई के पात्र हैं।

आज जबकि आत्मविश्वास से भरे एक ऐसे देश का उदय हो रहा है जिसके मन में ‘आत्मनिर्भर भारत’ का संकल्प है, हर ओर एक नए प्रकार की ऊर्जा देखी जा सकती है। एक ऐसा भारत जो कोविड-19 वैश्विक महामारी की चुनौतियों का न केवल सफलतापूर्वक सामना करता है, बल्कि अन्य देशों को इस कठिन घड़ी में सहायता भी करता है, एक ‘नए भारत’ की शक्ति को दर्शाता है। एक भारत जो कोविड-रोधी टीकों का निर्माण कर सकता है, जो हर महामारी में चुनौती को विभिन्न सुधारों के माध्यम से अवसर में बदल सकता है जो 80 करोड़ लोगों को निःशुल्क राशन दे सकता है, महामारी में समाज के कमजोर वर्गों की चिंता कर सकता है और हर व्यक्ति को निःशुल्क टीका दे सकता है, यह भारत आज से मात्र सात वर्ष पूर्व यूपीए के कुशासन के दौर में असंभव दिखता था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सुदृढ़ एवं करिश्माई नेतृत्व ने करोड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं एवं देशभर में जन-जन को निःस्वार्थ राष्ट्र सेवा के लिए अपने अथक प्रयासों एवं स्वयं के उदाहरण से प्रेरित किया, उसके कारण ही संभव हो पाया है। आज एक ऐसे भारत का उदय हुआ है जो अब किसी क्षेत्र में पिछड़ता नहीं, बल्कि हर कार्य को लक्ष्य कर समय से पहले पूर्ण कर लेता है। आज जब भारत अपनी आंतरिक शक्ति को पहचान रहा है, ‘आत्मनिर्भर भारत’ का लक्ष्य अब दूर नहीं।

 shivshaktibakshi@kamalsandesh.org