भारत के नागपट्टिनम और श्रीलंका के कांकेसनथुरई के बीच 40 वर्ष बाद शुरू हुई नौका सेवा

| Published on:

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अक्टूबर को वीडियो संदेश के माध्यम से भारत के नागपट्टिनम और श्रीलंका के कांकेसनथुरई के बीच नौका सेवाओं के शुभारंभ के अवसर पर संबोधित किया।

सभा को संबोधित करते हुए श्री मोदी ने कहा कि भारत और श्रीलंका राजनयिक और आर्थिक संबंधों की दिशा में एक नए अध्याय का शुभारंभ कर रहे हैं और नागपट्टिनम और कांकेसनथुरई के बीच नौका सेवाओं का शुभारंभ दो देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

भारत और श्रीलंका के बीच संस्कृति, वाणिज्य और सभ्यता के साझा इतिहास को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि नागपट्टिनम और इससे जुड़े हुए आसपास के शहर श्रीलंका सहित कई देशों के साथ समुद्री व्यापार के लिए जाने जाते रहे हैं और प्राचीन तमिल साहित्य में भी पूंपुहार के ऐतिहासिक बंदरगाह को प्रमुख केन्द्र बताया गया है। उन्होंने पट्टिनप्पलाई और मणिमेकलाई जैसे संगम युग के साहित्य के बारे में भी अपने विचार रखे, जिसमें दोनों देशों के बीच नौका सेवा और समुद्री जहाजों के परिचालन का वर्णन है।

श्री मोदी ने वर्ष 2015 में अपनी श्रीलंका यात्रा को याद किया जब दिल्ली और कोलंबो के बीच सीधी उड़ान शुरू की गई थी। तत्पश्चात प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रीलंका से तीर्थ नगरी कुशीनगर में पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान के आने का उत्सव भी मनाया गया था। उन्होंने यह जानकारी भी दी कि चेन्नई और जाफना के बीच सीधी उड़ान वर्ष 2019 में आरंभ की गई थी और अब नागपट्टिनम और कांकेसनथुरई के बीच नौका सेवा इस दिशा में एक अन्य महत्वपूर्ण कदम है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जोर देकर कहा कि प्रगति और विकास के लिए साझेदारी भारत-श्रीलंका के द्विपक्षीय संबंधों के सबसे मजबूत आधार स्तंभों में से एक है। उन्होंने कहा, “हमारा विजन विकास को सभी तक ले जाना है, किसी को भी इससे वंचित नहीं रखना है।”

श्री मोदी ने बताया कि श्रीलंका में भारत की सहायता से कार्यान्वित परियोजनाओं ने लोगों के जीवन को नया रूप दिया है। उन्होंने जानकारी दी कि उत्तरी प्रांत में आवास, जल, स्वास्थ्य और आजीविका सहायता से संबंधित कई परियोजनाएं पूरी हो गई हैं और कांकेसनथुरई बंदरगाह के प्रगतिकरण के लिए समर्थन देने में प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “चाहे उत्तर से दक्षिण को जोड़ने वाली रेलवे लाइनों की बहाली हो; प्रतिष्ठित जाफना सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण; पूरे श्रीलंका में आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा शुरू करना; डिक ओया में मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पताल हम ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के विजन के साथ कार्य कर रहे हैं।”