प्रधानमंत्री ने ‘नमो भारत’ रैपिडएक्स ट्रेन को दिखाई हरी झंडी

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उतर प्रदेश स्थित गाजियाबाद में भारत की पहली रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का शुभारंभ

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 20 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में साहिबाबाद रैपिडएक्स स्टेशन पर दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे के प्राथमिकता वाले खंड का उद्घाटन किया। उन्होंने भारत में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के शुभारंभ को चिह्नित करते हुए साहिबाबाद से दुहाई डिपो को जोड़ने वाली ‘नमो भारत’ रैपिडएक्स ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। श्री मोदी ने बेंगलुरु मेट्रो के पूर्व-पश्चिम गलियारे की दो लाइनों को भी राष्ट्र को समर्पित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। आज भारत की पहली रैपिड रेल सेवा ‘नमो भारत’ ट्रेन देशवासियों को समर्पित की जा रही है। श्री मोदी ने चार वर्ष पहले दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे के शिलान्यास को याद किया और आज साहिबाबाद से दुहाई डिपो खंड पर इसके संचालन को चिह्नित किया। उन्होंने उन परियोजनाओं का उद्घाटन करने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई, जिनका शिलान्यास किया जा चुका है और विश्वास व्यक्त किया कि डेढ़ साल बाद आरआरटीएस के मेरठ खंड के पूरा होने पर वह उसका उद्घाटन करने के लिए उपस्थित भी रहेंगे।

प्रधानमंत्री ने रीजनल रैपिड ट्रेन ‘नमो भारत’ में यात्रा की

प्रधानमंत्री ने रीजनल रैपिड ट्रेन ‘नमो भारत’ में यात्रा की। श्री मोदी ने नमो भारत में अपनी यात्रा के अनुभव को साझा किया और देश में रेलवे के कायापलट पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने बताया कि नव उद्घाटित नमो भारत ट्रेन में सहायक स्टाफ और लोकोमोटिव पायलट सभी महिलाएं हैं। श्री मोदी ने कहा, “नमो भारत देश में नारीशक्ति के बढ़ते कदमों का प्रतीक है।”

प्रधानमंत्री ने नवरात्र के शुभ अवसर पर आज प्राप्त होने वाली परियोजनाओं के लिए दिल्ली, एनसीआर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को बधाई दी। श्री मोदी ने कहा कि नमो भारत ट्रेन में आधुनिकता भी है, गति भी है। प्रधानमंत्री ने कहा, “नमो भारत ट्रेन नए भारत के नए सफर और नए संकल्पों को परिभाषित कर रही है।”

श्री मोदी ने कहा, “21वीं सदी का भारत हर क्षेत्र में प्रगति और विकास की अपनी दास्तान लिख रहा है।” उन्होंने भारत को समूची दुनिया के आकर्षण का केंद्र बनाने वाली चंद्रयान 3 की सफलता और जी-20 के सफल आयोजन का भी उल्लेख किया। श्री मोदी ने एशियाई खेलों में 100 से अधिक पदक अपने नाम करने वाले रिकॉर्ड प्रदर्शन, भारत में 5जी की शुरुआत और विस्तार तथा रिकॉर्ड संख्या में हो रहे डिजिटल लेन-देन का उल्लेख किया।

विनिर्माण क्षेत्र में भारत के उदय का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने मोबाइल फोन, टीवी, लैपटॉप और कंप्यूटर के लिए भारत में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने की बहुराष्ट्रीय कंपनियों की उत्सुकता के बारे में भी चर्चा की। श्री मोदी ने कहा, “नमो भारत ट्रेन भी मेड इन इंडिया है।” उन्होंने कहा कि प्लेटफार्मों पर स्थापित स्क्रीन डोर भी भारत में निर्मित हैं। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि नमो भारत ट्रेन में आवाज का स्तर हेलीकॉप्टर और हवाई जहाज की तुलना में कम है।

श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि ‘नमो भारत’ भविष्य के भारत की झलक है और इस बात का भी प्रमाण है कि जब देश की आर्थिक ताकत बढ़ती है, तो कैसे देश की तस्वीर बदलने लगती है। उन्होंने कहा कि यह 80 किलोमीटर का दिल्ली मेरठ खंड सिर्फ शुरुआत भर है, क्योंकि पहले चरण में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान के कई क्षेत्रों को नमो भारत ट्रेन से जोड़ा जाएगा।

बेंगलुरु मेट्रो की दो लाइनें राष्ट्र को समर्पित

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बेंगलुरु में मेट्रो की दो लाइनों को राष्ट्र को समर्पित किया। श्री मोदी ने जिन दो मेट्रो लाइनों को राष्ट्र को समर्पित किया, उनमें बैयप्पनहल्ली को कृष्णराजपुरा और केंगेरी को चैल्लाघट्टा से जोड़ने वाले खंड शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि औपचारिक उद्घाटन की प्रतीक्षा किए बिना इस गलियारे पर जनता को आवागमन की सुविधा प्रदान करने के लिए इन दो मेट्रो खंडों को 9 अक्टूबर, 2023 से सार्वजनिक सेवा के लिए खोल दिया गया था।

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारा

 दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस गलियारे का 17 किलोमीटर लंबा प्राथमिकता वाला खंड गाजियाबाद, गुलधार और दुहाई स्टेशनों के साथ साहिबाबाद को ‘दुहाई डिपो’ से जोड़ेगा।
 प्रधानमंत्री ने 8 मार्च, 2019 को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ गलियारा की आधारशिला रखी थी।
 आरआरटीएस एक नई रेल-आधारित, सेमी हाई स्पीड, हाई फ्रीक्वैन्सी वाली कम्यूटर ट्रांज़िट प्रणाली है।
 180 किमी प्रति घंटे की गति के साथ आरआरटीएस एक परिवर्तनकारी, क्षेत्रीय विकास पहल है, जिसे हर 15 मिनट में इंटरसिटी आवागमन के लिए हाई-स्पीड ट्रेनें प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो आवश्यकता के अनुसार हर 5 मिनट की फ्रीक्वैन्सी तक जा सकती है।
 राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में तैयार किए जाने वाले कुल आठ आरआरटीएस कॉरिडोर की पहचान की गई है, जिनमें से तीन कॉरिडोर को चरण-I में लागू करने की प्राथमिकता दी गई है, जिसमें दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर; दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर कॉरिडोर और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर शामिल है।
 दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार किया जा रहा है और यह गाजियाबाद, मुरादनगर और मोदीनगर के शहरी केंद्रों से गुजरते हुए एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली को मेरठ से जोड़ेगा।
 देश में विकसित आरआरटीएस एक अत्याधुनिक क्षेत्रीय गतिशीलता समाधान है और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ से इसकी बराबरी की जा सकती है। यह देश में एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए सुरक्षित, विश्वसनीय और आधुनिक आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा।