खाद्यान्न उत्पादन 2014-15 में 252.03 मिलियन टन से बढ़कर 329.69 मिलियन टन हुआ

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वर्तमान समय में भारत दुनिया में सब्जियों और फलों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है

देश में खाद्यान्न उत्पादन में पिछले वर्षों के दौरान लगातार वृद्धि दर्ज की गई है। कुल खाद्यान्न उत्पादन 2014-15 में 252.03 मिलियन टन से बढ़कर 329.69 मिलियन टन हो गया है। इस अवधि में खाद्यान्न उत्पादन की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 3.41% थी।

यह जानकारी केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने 12 दिसंबर को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

श्री मुंडा ने बताया कि 2022-23 के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार कुल बागवानी उत्पादन 351.92 मिलियन टन होने का अनुमान है, जो वर्ष के दौरान कुल खाद्यान्न उत्पादन 329.69 मिलियन टन से अधिक है। वर्तमान समय में भारत दुनिया में सब्जियों और फलों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। केला, नींबू, पपीता, भिंडी जैसी कई फसलों के उत्पादन में देश पहले स्थान पर है।

भारत सरकार और राज्य सरकारों की सक्रिय नीतियों और पहलों तथा बेहतर फसल उत्पादन प्रौद्योगिकियों और प्रबंधन प्रथाओं के कारण देश में बागवानी उत्पादन पिछले कुछ वर्षों में लगातार बढ़ रहा है।

बागवानी के समग्र विकास, क्षेत्रफल बढ़ाने, उत्पादन और फसल कटाई के बाद के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए केंद्र सरकार 2014-15 से राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में केंद्र प्रायोजित योजना, एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच) लागू कर रही है। एमआईडीएच के तहत गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री के उत्पादन, फलों, सब्जियों, मसालों और वृक्षारोपण फसलों के क्षेत्र विस्तार, संरक्षित खेती और कटाई के बाद के प्रबंधन बुनियादी ढांचे के निर्माण, किसानों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण आदि के लिए सहायता प्रदान की जाती है।

बागवानी विकास के लिए राज्य सरकारों के परियोजना प्रस्तावों को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत भी समर्थन दिया जाता है।