विकास के साथ-साथ सुशासन बहुत जरूरी है : नरेन्द्र मोदी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भुवनेश्वर के जनता मैदान में भगवान जगन्नाथ की पावन धरती पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के समापन सत्र को संबोधित किया और पार्टी कार्यकर्ताओं से देश एवं समाज के विकास के लिए कृतसंकल्पित होने का आह्वान किया। उन्होंने इतने कम समय में राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के सफल आयोजन के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओडिशा इकाई की पूरी टीम को हृदय से धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ओडिशा में पार्टी मजबूत हुई है, पार्टी में गुणात्मक परिवर्तन आया है और वह दिन दूर नहीं जब भाजपा की ओडिशा इकाई देश भर में पार्टी की राज्य इकाइयों की प्रेरणा का केंद्र बनेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि न्यू इंडिया के विजन को चरितार्थ करने वाली राजनीतिक दृष्टि और उसे परिपूर्ण करने के लिए तीन वर्ष में लगातार हर क्षेत्र में कार्यकर्ताओं ने अथक परिश्रम किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपने कृतित्व के द्वारा हर कसौटी पर खरी उतरी है। उन्होंने कहा कि जब हम कहते हैं ‘सबका साथ, सबका विकास’ तो इसका मतलब यह है कि हमारे हर कार्य के अंदर, हमारी हर नीति के मूलमंत्र में यह निहित है और हमारे हर निर्णयों में यह परिलक्षित भी होता है।

श्री मोदी ने कहा कि हमारे लिए सत्ता साध्य नहीं, साधन है जिसके माध्यम से हमें देश को विकास की एक नई ऊंचाई पर प्रतिष्ठित करना है, हमारे लिए राजनीति जनता की सेवा का एक मंच है। उन्होंने कहा कि जय और पराजय हमारे जनसेवा और देश सेवा के मिशन को कभी चुनौती पेश नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि हम वे लोग हैं जो जय-पराजय को आत्मसात कर उसे खाद के रूप में उपयोग कर और अधिक निखर कर उभरे हैं और आगे बढ़े हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के कोटि-कोटि जन हमें सिर्फ विजयी देखना ही नहीं चाहते बल्कि वे हमसे अपनापन भी महसूस करते हैं, ऐसे में हमारी जिम्मेवारी बनती है कि हमारा हर कार्य उनकी भलाई के लिए ही केन्द्रित हो। उन्होंने कहा कि आज ऐसा कोई मुद्दा नहीं बचा है जिस पर विरोधी दल हमारे संगठन अथवा सरकार को कठघरे में खड़ा कर सके। उन्होंने कहा कि लोगों को इस बात का भरोसा है कि हम गलत नहीं कर रहे हैं और न ही गलत इरादे से कोई काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनता का विश्वास हमारी पूंजी है, जनता का विकास हमारा मकसद है और गरीब कल्याण ही हमारे जीवन का ध्येय है। हम इस मूलमंत्र पर जितना ध्यान केन्द्रित करेंगे, परिणाम उतने ही अच्छे आयेंगे।

श्री मोदी ने कहा कि संगठन ने काफी अच्छी कार्य-योजना बनाई है और देश के हर कोने में पार्टी का विस्तार हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित भाई शाह ने परिश्रम की पराकाष्ठा की है, अगर हम उनकी बनाई गई कार्य-योजनाओं पर अमल करें तो हर बूथ पर कमल खिल सकता है।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए नए नए इश्यूज क्रियेट किये जा रहे हैं, जब से हमारी सरकार केंद्र में आई है, इश्यूज मैनूफैक्चर किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस मुद्दे से हमारा दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं होता, उस मुद्दे को भी हमसे जोड़ कर विवाद खड़े करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान चर्चों पर हमले का विवाद खड़ा किया गया, लेकिन जब जांच हुई और सच्चाई सामने आई तो विरोधियों की पोल खुल गई, फिर चुनावों में लाभ के लिए अकारण अवार्ड वापसी का ड्रामा किया गया, पता नहीं अब वे अवार्ड वापसी वाले कहां चले गए और अब ईवीएम का नया इश्यू मैनूफैक्चर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सच्चाई सबको मालूम है लेकिन फिर भी देश में झूठ चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गर्मागर्म और सनसनी वाले चीजों से टीवी और मीडिया में तो जगह मिल सकती है, लेकिन वे देश की जनता के दिल में जगह कभी नहीं बना सकते। उन्होंने कहा कि हम सत्यनिष्ठा से देश के गांव, गरीब, दलित, पिछड़े, शोषित, वंचित, युवा एवं महिलाओं की भलाई के लिए काम कर रहे हैं और उनके जीवन-स्तर को ऊपर उठाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम गरीब कल्याण की योजनाओं को विकास की दौड़ में पिछड़ गए समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने में सफल हुए हैं।

श्री मोदी ने कहा कि यह हमारा दायित्व बनता है और यह हमारा संस्कार भी है कि समाज का कोई वर्ग हमसे अलग महसूस नहीं करे। उन्होंने कहा कि विकास के साथ-साथ सुशासन बहुत जरूरी है, डेवलपमेंट प्लस गुड गवर्नेंस हमारा सिद्धांत होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस का मेरा मंत्र है – P2G2, इसका मतलब है “pro-people pro-active good governance”।

प्रधानमंत्री ने कहा कि 2022 में जब देश आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा तब क्या हम 125 करोड़ लोगों को देश के लिए, देश के विकास के लिए एक साथ कर्त्तव्य पथ पर अग्रसर कर सकते हैं, इस तरह का प्रयास किया जाना चाहिए, अभी इसके लिए हमारे पास पांच वर्षों का समय है। उन्होंने कहा कि आजादी के 75वें वर्षगांठ को हम एक लक्ष्य के रूप में सामने रख कर देश के लिए कुछ कर गुजरने का संकल्प लें। हम हर हिन्दुस्तानी इसे अपने कर्त्तव्य-पथ का उत्सव समझें, इस तरह का माहौल पूरे देश में बनाएं और इस बात का संकल्प लें कि देश में एक भी व्यक्ति गरीब न रहे।

श्री मोदी ने कहा कि हमें तीन विषयों पर ध्यान देना चाहिए – जन-धन, वन-धन और जल-धन, इन तीनों धन को सिंचित और संरक्षित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया कंसेप्ट की सोच को नई पीढ़ी तक ले जाने के लिए हमें अभी से जुट जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज देश का अमीर तबका भी यह मानता है कि डिमोनेटाईजेशन से ईमानदारी के साथ जीने का अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि हमारा हर काम ईमानदारी का होना चाहिए, ईमानदारी से होना चाहिए और ईमानदारों को पुरस्कृत करने का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि हम दीया जलाते हैं तो अंधेरा अपने-आप ही छंटेगा। उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया का कंसेप्ट यही है कि एक ऐसे देश का निर्माण जहां परिश्रम की पूजा हो, ईमानदारी की पूजा हो, समाज में ऊंच-नीच का भाव न हो, योजनाओं में छोटे से छोटे व्यक्ति का हिस्सा हो, टेक्नोलोजी से एम्पावर्ड हो, सबका साथ हो – सबका विकास हो। उन्होंने कहा कि देश के हर नागरिक का सपना न्यू इंडिया होना चाहिए।