भारत-बांग्लादेश के बीच 22 समझौतों पर हस्ताक्षर

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प्रधानमंत्री  श्री नरेंद्र मोदी के न्योते पर बांग्लादेश की प्रधानमंत्री श्रीमती शेख हसीना 7 अप्रैल को 4 दिवसीय दौरे पर भारत आईं। गौरतलब है कि श्री मोदी खुद श्रीमती हसीना को रिसीव करने एयरपोर्ट पहुंचे। श्रीमती शेख हसीना के इस यात्रा के दौरान भारत-बांग्लादेश के बीच 22 समझौतों पर हस्ताक्षर किये गए। दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता के बाद श्री मोदी ने बांग्लादेश को 4.5 अरब डॉलर के कर्ज की घोषणा की। उन्होंने बांग्लादेश को सैन्य आपूर्ति के लिए अतिरिक्त 50 करोड़ डॉलर के कर्ज की भी घोषणा की। इस 4.5 अरब डॉलर के कर्ज से बांग्लादेश में परियोजना में काम किया जाएगा। इसके साथ ही पिछले कुछ सालों में भारत की ओर से बांग्लादेश को मिलने वाला कर्ज कुल आठ अरब डॉलर पहुंच गया।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भारत लगातार बांग्लादेश के साथ सहयोग करता रहेगा। साथ ही श्री मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलरेंस की नीति की भी जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि हमें अपने कारोबार में विविधता लाने की जरूरत है। श्रीमती शेख हसीना ने कहा कि हम दोनों देश की सीमा को सुरक्षित बनाना चाहते हैं। उन्होंने आतंकवाद को जड़ से उखाड़ फेकने की भी बात कही।

कोलकाता- खुलना-ढाका बस सेवा की कोलकाता से शुरुआत

8 अप्रैल को कोलकाता से कोलकाता- खुलना- ढाका बस सेवा की औपचारिक शुरुआत कर दी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, उनकी बांग्लादेश समकक्ष श्रीमती शेख हसीना एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री श्रीमती ममता बनर्जी ने नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में संयुक्त रूप से समारोह की शुरुआत की। यह द्विपक्षीय सम्बन्धों को सुदृढ़ करने एवं दोनों देशों के नागरिकों को बेहतर सड़क एवं रेल सुविधाएं मुहैया कराने के लिए की जा रही अनेक शुरुआतों का भाग है।

नई नवेली कोलकाता- खुलना- ढाका बस सेवा के अतिरिक्त कोलकाता- ढाका और कोलकाता- ढाका- आगरतला मार्गों पर भी बस सेवाएं प्रचालित की जा रही हैं। उनका संचालन पश्चिम बंगाल एवं त्रिपुरा के राज्य परिवहन निगमों और बांग्लादेश परिवहन निगम की ओर से किया जा रहा है। अब कोलकाता और खुलना पहली बार बस-रूट से सीधे तौर पर जुड़ रहे हैं। कोलकाता से खुलना होते हुए ढाका के 409 किलोमीटर लंबे रास्ते में दोनों ओर से सप्ताह के तीन दिन दो बसें चलेंगी।

बांग्लादेश का जन्म एक नयी आशा का उदय: नरेंद्र मोदी

बांग्लादेश लिबरेशन वार में शहीद हुए भारतीयों का सम्मान करने के लिए आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 8 अप्रैल को कहा कि आज एक विशेष दिन है। आज भारत तथा बांग्लादेश के शहीदों के बलिदान को स्मरण करने का दिन है। बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए जिंदगी देने वाले योद्धाओं को याद करने का दिन है। बांग्लादेश के स्वाभिमान की रक्षा के लिए लड़ने वाले भारतीय फौज के जांबाजों को याद करने का दिन है, लेकिन ये अवसर बांग्लादेश पर किए गए उस क्रूर प्रहार को भी याद करने का है जिसने लाखों इंसानों की जिंदगी छीन ली। किन्तु साथ ही साथ इतिहास की जो त्रासदी बांग्लादेश पर गुज़री, उसके पीछे की विकराल मानसिकता को नकारने का भी है।

उन्होंने कहा कि आज का ये अवसर भारत और बांग्लादेश के 140 करोड़ से ज्यादा नागरिकों के बीच अटूट विश्वास की ताकत को पहचानने का है। हम अपने समाजों को कैसा एक सशक्त तथा समृद्ध भविष्य दें इस पर चिंतन करने का भी यह उचित अवसर है।

श्री मोदी ने कहा कि कई कारणों से आज का दिन ऐतिहासिक है। बांग्लादेश के स्वतंत्रता संग्राम में शहीद हुए सभी भारतीय सैनिकों के परिवारों के लिए भी ये कभी न भूल पाने वाला क्षण है। आज बांग्लादेश उन 1661 भारतीय सैनिकों का सम्मान कर रहा है, जिन्होंने 1971 में बांग्लादेश की स्वतंत्रता के लिए अपनी जान की क़ुरबानी दी थी। मैं भारत के सवा सौ करोड़ लोगों की तरफ से बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना जी का; वहां की सरकार और बांग्लादेश के लोगों का; इस भावनात्मक पहल के लिए आभार व्यक्त करता हूं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के वीर सैनिक तथा हमारी गौरवशाली सेना केवल बांग्लादेश के साथ हो रहे अन्याय एवं नरसंहार के खिलाफ नहीं लड़े थे। यह वीर, भारतीय संस्कृति में निहित मानव मूल्यों के लिए भी लड़े थे। यह मेरा परम सौभाग्य है कि इस समय 7 भारतीय शहीदों के परिवार यहां उपस्थित हैं। पूरा भारत आपकी व्यथा, आपका दर्द और आपकी पीड़ा में सहभागी है। आपका त्याग और तपस्या अतुलनीय है। भारतीय सैनिकों के बलिदानों के लिए मैं और पूरा देश सभी शहीदों को कोटि-कोटि नमन करते हैं।