वित्त वर्ष 2022-23 में प्रत्यक्ष करों का सकल संग्रह 20.33 प्रतिशत बढ़कर 19.68 लाख करोड़ रुपये रहा

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वित्त वर्ष 2022-23 में प्रत्यक्ष करों का शुद्ध संग्रह 17.63 प्रतिशत की वृद्धि के साथ
16.61 लाख करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 3,07,352 करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया

केन्द्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा तीन अप्रैल को जारी एक बयान के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 में प्रत्यक्ष करों का सकल संग्रह (अनंतिम) (रिफंड का समायोजन करने से पहले) 19.68 लाख करोड़ रुपये का रहा, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 में हुए 16.36 लाख करोड़ रुपये के सकल संग्रह से 20.33 प्रतिशत अधिक है।

वित्त वर्ष 2022-23 में प्रत्यक्ष करों के संग्रह के अनंतिम आंकड़ों से यह पता चला कि इस दौरान शुद्ध संग्रह 16.61 लाख करोड़ रुपये का रहा, जो कि पिछले वित्त वर्ष यानी वित्त वर्ष 2021-22 में हुए 14.12 लाख करोड़ रुपये के संग्रह से 17.63 प्रतिशत अधिक है।

वित्त वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में प्रत्यक्ष कर राजस्व के लिए बजट अनुमान (बीई) 14.20 लाख करोड़ रुपये तय किया गया था, जिसे बाद में संशोधित किया गया और संशोधित अनुमान (आरई) 16.50 लाख करोड़ रुपये तय किया गया था। प्रत्यक्ष करों का अनंतिम संग्रह (रिफंड के समायोजन के बाद) बीई से 16.97 प्रतिशत और संशोधित अनुमान से 0.69 प्रतिशत अधिक रहा है।

वित्त वर्ष 2022-23 में कॉरपोरेट कर का सकल संग्रह (अनंतिम) 10,04,118 करोड़ रुपये का रहा, जो कि पिछले वर्ष हुए 8,58,849 करोड़ रुपये के सकल कॉरपोरेट कर संग्रह से 16.91 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2022-23 में व्यक्तिगत आयकर का सकल संग्रह (एसटीटी सहित) (अनंतिम) 9,60,764 करोड़ रुपये का रहा, जो कि पिछले वर्ष हुए 7,73,389 करोड़ रुपये के सकल व्यक्तिगत आयकर संग्रह (एसटीटी सहित) से 24.23 प्रतिशत अधिक है।

वित्त वर्ष 2022-23 में 3,07,352 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो कि वित्त वर्ष 2021-22 में जारी किए गए 2,23,658 करोड़ रुपये के रिफंड से 37.42 प्रतिशत अधिक है।