दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर 6.3 प्रतिशत

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साल 2017-18 की दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की विकास दर 6.3 प्रतिशत रही। यह आंकड़ा जुलाई से सितंबर का है। पहली तिमाही में यह दर 5.7 प्रतिशत थी। इस वृद्धि से संकेत मिलता है कि घरेलू अर्थव्यवस्था नोटबंदी और जीएसटी के असर से उबर रही है। इससे यह भी पता चलता है कि जीएसटी के सकारात्मक नतीजे आने शुरू हो गए हैं और आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था की हालत और सुधर सकती है, जिससे विकास के साथ-साथ रोजगार में भी इजाफा होगा।

वास्तविक जीवीए वृद्धि में भी अच्छी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है, जो पहली तिमाही के 5.6 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर 6.1 प्रतिशत तक जा पहुंची है। यह बढ़ोत्तरी कृषि वृद्धि दर के पहली तिमाही के 2.3 प्रतिशत के मुकाबले दूसरी तिमाही में गिरकर 1.7 प्रतिशत पर आ जाने के बावजूद दर्ज की गई है।
जुलाई-सितंबर के दौरान ऑटो, मैन्युफैक्चरिंग और बिजली उत्पादन में अच्छी रिकवरी हुई है। सितंबर तिमाही में 6 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज करने वाले क्षेत्रों में ‘विनिर्माण’, ‘बिजली, गैस, जल आपूर्ति और अन्य उपयोगिता सेवाएं’ और ‘व्यापार, होटल, परिवहन और संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाएं’ शामिल हैं।

केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा है कि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही से समग्र विकास दर में देखी जा गिरावट की प्रवृत्ति अब पूरी तरह बदल चुकी है। श्री जेटली ने यह भी कहा कि इस तिमाही में वृद्धि दर में तेजी को विनिर्माण में तेज बढ़ोतरी से सहायता मिली है, जो पहली तिमाही के 1.2 प्रतिशत के मुकाबले दूसरी तिमाही के दौरान 7 प्रतिशत तक पहुंच गई। दूसरी तिमाही के दौरान, बिजली एवं अन्य यूटिलिटिज 7.6 प्रतिशत की मजबूत बढ़ोतरी, व्यापार, ट्रांसपोर्टेशन एवं संचार में 9.9 प्रतिशत के इजाफे से भी इस बढ़ोतरी में मदद मिली। कुल मिलाकर, दूसरी तिमाही के दौरान, सेवा क्षेत्र ने 7.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाई।

वित्त मंत्री ने कहा कि अब ऐसा प्रतीत होता है कि अर्थव्यवस्था इस वर्ष के प्रारंभ में आए रूपांतरकारी बदलावों के दौर का मजबूती से मुकाबला कर आगे बढ़ चुकी है और निकट भविष्य में इसमें स्थायी सुधार आना तय है।

मुख्य सांख्यिकीविद् टीसीए अनंत ने कहा कि पांच तिमाहियों में गिरावट के बाद जीडीपी में तेजी दिखी है, जो काफी सकारात्मक है। सबसे ज्यादा 7 प्रतिशत उछाल मैन्युफैक्चरिंग में रहा। इलेक्ट्रिसिटी, गैस एंड वाटर सप्लाई की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत और ट्रांसपोर्ट और कम्युनिकेशन 9.9 प्रतिशत की तेजी से बढ़े।