अप्रैल 2018 में जीएसटी राजस्व संग्रह 1 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक

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अप्रैल, 2018 में सकल जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) राजस्व संग्रह कुल मिलाकर 1,03,458 करोड़ रुपये का रहा, जिसमें 18652 करोड़ रुपये का सीजीएसटी, 25704 करोड़ रुपये का एसजीएसटी, 50548 करोड़ रुपये का आईजीएसटी (आयात पर संग्रहित 21246 करोड़ रुपये सहित) और 8554 करोड़ रुपये का उपकर या सेस (आयात पर संग्रहित 702 करोड़ रुपये सहित) शामिल हैं। ऐसे 87.12 लाख लोगों के सापेक्ष 30 अप्रैल, 2018 तक मार्च महीने के लिए कुल मिलाकर 60.47 लाख जीएसटीआर 3बी रिटर्न दाखिल किए गए, जो मार्च महीने के लिए रिटर्न दाखिल करने के योग्य हैं और जो 69.5 प्रतिशत के आंकड़े को दर्शाता है।

अप्रैल महीने में कम्पोजीशन डीलरों को तिमाही रिटर्न भी दाखिल करने थे। 19.31 लाख कम्पोजीशन डीलरों में से 11.47 लाख डीलरों ने अपने-अपने तिमाही रिटर्न (जीएसटीआर 4) दाखिल कर दिए हैं, जो 59.40 प्रतिशत के आंकड़े को दर्शाता है। इन डीलरों ने कुल मिलाकर 579 करोड़ रुपये का टैक्स अदा किया है, जो 1.03 लाख करोड़ रुपये के उपर्युक्त कुल जीएसटी संग्रह में शामिल है।

जीएसटी राजस्व संग्रह में उल्लेखनीय बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था में बेहतरी के साथ-साथ अपेक्षाकृत अधिक अनुपालन को भी दर्शाती है। हालांकि, किसी भी वित्त वर्ष के अंतिम महीने में यह आम तौर पर पाया जाता है कि लोग कुछ विगत महीनों की बकाया रकम की भी अदायगी करते हैं। अत: उक्त महीने में हुए राजस्व संग्रह को भविष्य के लिए कोई रूझान नहीं माना जा सकता है। अप्रैल, 2018 में निपटान के बाद केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों द्वारा अर्जित राजस्व सीजीएसटी मद में 32493 करोड़ रुपये और एसजीएसटी मद में 40257 करोड़ रुपये आंका गया।

अगस्त, 2017 से मार्च 2018 तक 7.19 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी राजस्व संग्रह

वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान अगस्त 1, 2017 से लेकर मार्च 2018 तक की अवधि में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत कुल मिलाकर 7.19 लाख करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह हुआ। इसमें 1.19 लाख करोड़ रुपये का सीजीएसटी, 1.72 लाख करोड़ रुपये का एसजीएसटी, 3.66 लाख करोड़ रुपये का आईजीएसटी (आयात मद में 1.73 लाख करोड़ रुपये सहित) और 62,021 करोड़ रुपये का उपकर या सेस (आयात पर 5702 करोड़ रुपये सहित) शामिल हैं। आठ महीनों की इस अवधि के दौरान औसत मासिक संग्रह 89,885 करोड़ रुपये का हुआ।

जहां एक ओर किसी एक महीने में घरेलू आपूर्ति पर देय टैक्स का संग्रह रिटर्न प्रक्रिया के जरिए होता है और इसका संग्रह अगले महीने होता है, वहीं दूसरी ओर आयात पर आईजीएसटी और उपकर का संग्रह समान महीने में हो जाता है। अत: चालू वर्ष के दौरान घरेलू आपूर्ति पर देय जीएसटी का संग्रह अगस्त, 2017 से लेकर मार्च 2018 तक के आठ माह की अवधि में हुआ, जबकि आयात पर देय आईजीएसटी और उपकर का संग्रह जुलाई, 2017 से लेकर मार्च 2018 तक के नौ महीने के लिए हुआ है। जुलाई 2017 के संग्रह को शामिल करने पर वित्त वर्ष 2017-18 में कुल जीएसटी संग्रह अनंतिम रूप से 7.41 लाख करोड़ रुपये आंका गया।

राज्यों का राजस्व

आईजीएसटी के निपटान सहित वर्ष के दौरान एसजीएसटी संग्रह 2.91 लाख करोड़ रुपये का रहा है और पिछले वित्त वर्ष के दौरान आठ माह की अवधि के लिए राज्यों को जारी कुल मुआवजा 41,147 करोड़ रुपये रहा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्यों के राजस्व को वर्ष 2015-16 में आधार वर्ष के कर संग्रह की तुलना में 14 प्रतिशत के स्तर पर संरक्षित रखा जा सके। प्रत्येक राज्य का राजस्व अंतर पिछले आठ महीनों से निरंतर घट रहा है। पिछले वर्ष सभी राज्यों का औसत राजस्व अंतर लगभग 17 प्रतिशत रहा।

दरअसल, नियत तिथि तक अनुपालन स्तर में निरंतर वृद्धि दर्ज की गई और वित्त वर्ष के आखिर तक यह बढ़कर औसतन 65 प्रतिशत हो गया है, जबकि आरंभिक महीनों के दौरान यह लगभग 55-57 प्रतिशत था। आरंभिक महीनों के लिए संचयी अनुपालन स्तर (अब तक दाखिल रिटर्न का प्रतिशत) बढ़कर 90 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर गया और जुलाई 2018 के लिए यह बढ़कर 96 प्रतिशत के स्तर को छू गया है।