‘इग्नाइटिंग कलेक्टिव गुडनेस : मन की बात @100’

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अब ऑनलाइन उपलब्ध है

र्ष 2014 में विजयादशमी पर आरंभ हुआ लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की यात्रा के 100 एपिसोड के महत्वपूर्ण पड़ाव की उपलब्धि पर एक पुस्तक संकलित की गयी है। पुस्तक, ‘इग्नाइटिंग कलेक्टिव गुडनेस: मन की बात @100’ इस प्रेरणादायक यात्रा को श्रद्धांजलि है, जिसमें स्वयं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिखित एक विशेष प्रस्तावना शामिल है। अब यह पुस्तक ऑनलाइन उपलब्ध है। यह पुस्तक केवल लेखों का संग्रह या अतीत का प्रतिबिंब मात्र नहीं है, इसके बजाय यह भारत की प्रगति की कहानी का एक ऐतिहासिक दस्तावेज है।

‘इग्नाइटिंग कलेक्टिव गुडनेस: मन की बात @100’ पुस्तक एक महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करती है और एक व्यापक,और िसलसिलेवार विश्लेषण प्रदान करती है जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों का एक विस्तृत िवश्लेषण शामिल है। पुस्तक का पहला खंड प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा उनके राष्ट्र के बीच प्रभावी दोतरफा संवाद स्थापित करने के लिए अपनाए गए अनूठे प्रयासों पर प्रकाश डालता है। दूसरा खंड इस बात पर प्रकाश डालता है कि सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी की अपील का देश के नागरिकों पर कैसे प्रभाव पड़ता है। पुस्तक का तीसरा खंड भारत की सभ्यता की समृद्धि के बारे में है और चौथा और अंतिम खंड लोकप्रिय रेडियो शो से संबंधित सांख्यिकीय डाटा प्रस्तुत करता है। इसके अतिरिक्त, यह खंड श्रोताओं और एपिसोड की सामग्री का गुणात्मक और मात्रात्मक विश्लेषण भी प्रस्तुत करता है, जो आकर्षक परिणामों को उजागर करता है।

t मुझे खुशी है कि पिछले कुछ वर्षों में कई लोगों ने ‘मन की बात’ पर व्यापक शोध किया है और अपने व्यावहारिक निष्कर्षों को लोगों के साथ साझा किया है। ऐसा ही एक और प्रयास ब्लू क्राफ्ट की पुस्तक ‘इग्नाइटिंग कलेक्टिव गुडनेस’ है, जो बताती है कि कैसे यह कार्यक्रम सामाजिक परिवर्तन का एक साधन बन गया है। इस कार्य के लिए उन्हें बधाई।
— नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

‘इग्नाइटिंग कलेक्टिव गुडनेस: मन की बात @100’ न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों के बारे में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के अद्वितीय दृष्टिकोण पर प्रकाश डालती है। पुस्तक दर्शाती है कि कैसे पर्यावरण संरक्षण से लेकर टेक्नोजॉकिल इनोवेशन, सांस्कृतिक संरक्षण से लेकर सामाजिक कल्याण तक इसने विचारशील चर्चा और शोध को आगे बढ़ाया है, जिससे देश की

प्रगति और समृद्धि को बढ़ावा मिला है। यह सब 100वें एपिसोड में प्रधानमंत्री द्वारा मन की बात को ‘गुणों की पूजा’ के रूप में संदर्भित करने के उचित संदर्भ पर आधारित है।

‘मन की बात’ के बारे में

रेडियो शो ‘मन की बात’ कई मायनों में एक अभिनव और साहसिक प्रयोग है। कार्यक्रम ने पारंपरिक राजनीतिक और सरकारी परिचर्चाओं से अलग, स्वयं को राष्ट्र के साथ एक विशिष्ट संवाद के रूप में स्थापित किया। इसका फोकस लगातार सामान्य व्यक्तियों के जीवन और उनकी कहानियों पर रहा है, जिन्होंने समाज में असाधारण परिवर्तन लाया है। इस कार्यक्रम से भारतीयों को प्रेरणा मिलती है कि वे अपने आसपास की दुनिया में बदलाव ला सकें। गांव हों या शहर, इस कार्यक्रम से लोगों को अपने समाज में अच्छा काम करने की प्रेरणा मिलती है।