प्रधानमंत्री ने गगनयान मिशन की तैयारियों की समीक्षा की

| Published on:

2040 तक चंद्रमा पर मानव भेजेगा भारत

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 17 अक्टूबर को भारत के गगनयान मिशन की प्रगति का आकलन करने और अंतरिक्ष अन्वेषण के भारत के प्रयासों के भविष्य की रूपरेखा तैयार करने से संबंधित एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

अंतरिक्ष विभाग ने ह्यूमन-रेटेड लॉन्च व्हीकल और सिस्टम क्वालिफिकेशन जैसी अब तक विकसित की जा चुकी विभिन्न प्रौद्योगिकियों सहित गगनयान मिशन का व्यापक विवरण प्रस्तुत किया। इस बात पर गौर किया गया कि ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल (एचएलवीएम3) के 3 अनक्रूड मिशनों सहित लगभग 20 प्रमुख परीक्षणों की योजना बनाई गई है। बैठक में 2025 में मिशन के लॉन्च की पुष्टि करते हुए इसकी तैयारी का मूल्यांकन किया गया।

हाल के चंद्रयान-3 और आदित्य एल1 मिशन सहित भारत की अंतरिक्ष संबंधी पहलों की सफलता के आधार पर प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि भारत को अब 2035 तक ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन’ की स्थापना और 2040 तक चंद्रमा पर पहला भारतीय भेजने सहित नए और महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।

इस विजन को साकार करने के लिए अंतरिक्ष विभाग चंद्रमा के अन्वेषण की योजना तैयार करेगा। इसमें चंद्रयान मिशनों की शृंखला, अगली पीढ़ी के प्रक्षेपण वाहन (एनजीएलवी) का विकास, एक नए लॉन्च पैड का निर्माण, मानव-केंद्रित प्रयोगशालाओं और संबंधित प्रौद्योगिकियों की स्थापना किया जाना शामिल होगा।

प्रधानमंत्री ने भारतीय वैज्ञानिकों से वीनस ऑर्बिटर मिशन और मार्स लैंडर सहित अंतर-ग्रहीय मिशनों की दिशा में काम करने का भी आह्वान किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने भारत की क्षमताओं पर विश्वास व्यक्त करते हुए अंतरिक्ष अन्वेषण में नई ऊंचाइयां छूने की देश की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।