भारत और जापान ने रक्षा उपकरण, तकनीकी सहयोग, व्यापार, स्वास्थ्य और डिजिटल साझेदारी पर की बातचीत

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जापान के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा

भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी दोनों देशों के साझा लोकतान्त्रिक मूल्यों
और अंतरराष्ट्रीय पटल पर कानून के शासन के सम्मान पर आधारित है

जापान के प्रधानमंत्री श्री फुमियो किशिदा भारत की आधिकारिक यात्रा पर 20 मार्च को नई दिल्ली पहुंचे। उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और विभिन्न महत्वपूर्ण वैश्विक, क्षेत्रीय व आपसी मुद्दों पर बातचीत की। उल्लेखनीय है कि जापान उन बहुत कम देशों में से एक है, जिसके साथ वार्षिक शिखर सम्मेलन की परंपरा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने 2014 में भारत के निकटतम पड़ोसी देशों के बाद जापान की अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा की थी।

दोनों देशों की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण पिछले कुछ वर्षों में आपसी संबंधों व साझेदारी में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है जिसमें राजनीतिक, रणनीतिक और आर्थिक हितों समेत सभी आयाम शामिल हैं। भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी लोकतंत्र, स्वतंत्रता, क़ानून का शासन, हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।

संयुक्त प्रेस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पिछले एक वर्ष में प्रधानमंत्री किशिदा और मैं कई बार मिले हैं और हर बार मैंने भारत-जापान संबंधों के प्रति उनकी सकारात्मकता और प्रतिबद्धता को महसूस किया है। इसलिए, आज की उनकी यात्रा हमारे आपसी सहयोग की गति बनाए रखने के लिए बहुत उपयोगी रहेगी।

इस साल भारत जी20 की अध्यक्षता कर रहा है और जापान जी7 की

श्री मोदी ने कहा कि आज की हमारी मुलाकात एक और कारण से भी विशेष है। इस साल भारत जी20 की अध्यक्षता कर रहा है और जापान जी7 की। इसलिए, अपनी अपनी प्राथमिकताओं और हितों पर साथ मिलकर काम करने का यह उत्तम अवसर है। आज मैंने प्रधानमंत्री किशिदा को भारत की जी20 अध्यक्षता की प्राथमिकताओं के बारे में बताया। हमारी जी20 अध्यक्षता का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ ‘ग्लोबल साउथ’ की प्राथमिकताओं को आवाज़ देना है। ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ को मानने वाली संस्कृति सभी को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है और इसीलिए हमने यह पहल ली है।

उन्होंने कहा कि भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी हमारे साझा लोकतान्त्रिक मूल्यों और अंतरराष्ट्रीय पटल पर कानून के शासन के सम्मान पर आधारित है। इस साझेदारी को मजबूत बनाना हमारे दोनों देशों के लिए तो महत्वपूर्ण है ही, इससे हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शान्ति, समृद्धि और स्थिरता को भी बढ़ावा मिलता है।

श्री मोदी ने कहा कि आज हमारी बातचीत में हमने द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की। हमने रक्षा उपकरण और तकनीकी सहयोग, व्यापार, स्वास्थ्य और डिजिटल साझेदारी पर विचारों का आदान-प्रदान किया। सेमीकन्डक्टर और अन्य महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों में विश्वस्त सप्लाई चेन के महत्व पर भी हमारे बीच सार्थक चर्चा हुई। पिछले साल हमने अगले 5 वर्षों में भारत में 5 ट्रिलियन येन, यानी तीन लाख बीस हजार करोड़ रुपए के जापानी निवेश का लक्ष्य तय किया था। यह संतोष का विषय है कि इस दिशा में अच्छी प्रगति हुई है।

उन्होंने कहा कि 2019 में हमने भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता भागीदारी (India-Japan Industrial Competitiveness Partnership) की स्थापना की थी। इसके अंतर्गत हम लॉजिस्टिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, एमएसएमई, टेक्सटाइल, मशीनरी और इस्पात जैसे क्षेत्रों में भारतीय इंडस्ट्री की प्रतिस्पर्धात्मकता (competitiveness) बढ़ा रहे हैं। आज हमने इस भागीदारी की सक्रियता पर भी प्रसन्नता व्यक्त की। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। मुझे इस बात की भी खुशी है कि हम 2023 को टूरिज्म एक्सचेंज वर्ष के रूप में मना रहें है और इसके लिए हमने ‘’कनेक्टिंग हिमालयाज विद माउंट फूजी’ नाम का थीम चुना है।

श्री मोदी ने कहा कि आज प्रधानमंत्री किशिदा ने मुझे मई महीने में हिरोशिमा मे होने वाली जी7 लीडर्स समिट के लिए निमंत्रण दिया। इसके लिए उनका हृदय से धन्यवाद करता हूं। इसके कुछ महीनों बाद सितम्बर में जी20 लीडर्स समिट के लिए मुझे प्रधानमंत्री किशिदा का फिर से भारत में स्वागत करने का अवसर मिलेगा।