भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने ऐतिहासिक व्यापार समझौते पर किए हस्ताक्षर

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भारत-संयुक्त अरब अमीरात व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते से पांच वर्षों में
द्विपक्षीय व्यापार 100 बिलियन डॉलर तक बढ़ने और दोनों देशों में रोजगार के बड़े अवसर पैदा होने की संभावना है

त 18 फरवरी, 2022 को अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और संयुक्त अरब अमीरात के सशस्त्र बलों के उप सर्वोच्च कमांडर और कार्यकारी परिषद् के अध्यक्ष शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान और भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने एक वर्चुअल बैठक में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों के अपने भविष्य के दृष्टिकोण को ऐसे समय में सामने रखा, जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में 75 साल की आजादी का उत्सव मना रहा है और संयुक्त अरब अमीरात अपनी स्थापना की 50वीं वर्षगांठ मना रहा है।

संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है और चालू वित्त वर्ष में द्विपक्षीय व्यापार के 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है। भारत गैर-तेल निर्यात के लिए संयुक्त अरब अमीरात के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदार के रूप में पहले स्थान पर है, जो वैश्विक स्तर पर संयुक्त अरब अमीरात के कुल गैर-तेल निर्यात का लगभग 14 प्रतिशत साझेदारी करता है

दोनों नेताओं ने दोनों देशों के वाणिज्य एवं उद्योग/वित्त मंत्रियों द्वारा भारत-संयुक्त अरब अमीरात व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (भारत-संयुक्त अरब अमीरात सीईपीए) पर हस्ताक्षर होते देखा। भारत-संयुक्त अरब अमीरात सीईपीए, संयुक्त अरब अमीरात द्वारा संपन्न पहला द्विपक्षीय व्यापार समझौता है और यह एमईएनए क्षेत्र में भारत का पहला द्विपक्षीय व्यापार समझौता भी है।
सीईपीए महामारी के दौरान द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण पहल है और एक प्रमुख व्यापार समझौता है, जो दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग के एक नए युग की शुरुआत करेगा। इससे द्विपक्षीय आर्थिक और निवेश संबंधों में सुधार होगा, अफ्रीका और एशिया के बीच व्यापार के रूट खुलेंगे, वैश्विक व्यापार उदारीकरण को बढ़ावा मिलेगा और कोविड के बाद के विश्व में आर्थिक विकास की गति तेज होगी।

शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने कहा कि भारत हमारे सबसे महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदारों में से एक है और यह समझौता हमें पहले से कहीं ज्यादा करीब लाता है। आज हमने प्रधानमंत्री श्री मोदी के साथ जो समझौता किया है, वह न केवल एक करीबी मित्र के साथ हमारे आर्थिक और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करता है, बल्कि हमारे लिए वैश्विक सहयोग के एक नए चरण का द्वार खोलता है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि मैं आज दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर होने से खुश हूं। यह ध्यान देने योग्य बात है कि इस तरह का एक महत्वपूर्ण समझौता 3 महीने से भी कम के रिकॉर्ड समय में संपन्न हुआ है। सामान्यतौर पर ऐसे समझौतों के लिए सालों-साल का समय लगता है। यह समझौता दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता, साझे दृष्टिकोण और विश्वास को दर्शाता है। मुझे विश्वास है कि यह हमारे द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में एक नए युग की शुरुआत करेगा और आने वाले 5 वर्षों में द्विपक्षीय व्यापार 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो जाएगा।

गौरतलब है कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और ऊर्जा संबंध मजबूत बने हुए हैं। सीईपीए पर हस्ताक्षर लंबे समय से चले आ रहे द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों का प्रमाण है। दोनों पक्ष हरित हाइड्रोजन जैसे नवीकरणीय ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण के उपाय, स्टार्ट-अप, स्किलिंग, फिनटेक और हेल्थटेक के नए क्षेत्रों में भी अपने सहयोग को मजबूत कर रहे हैं।

संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है और चालू वित्त वर्ष में द्विपक्षीय व्यापार के 60 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है। भारत गैर-तेल निर्यात के लिए संयुक्त अरब अमीरात के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदार के रूप में पहले स्थान पर है, जो वैश्विक स्तर पर संयुक्त अरब अमीरात के कुल गैर-तेल निर्यात का लगभग 14 प्रतिशत साझेदारी करता है।
दरअसल, सीईपीए पांच वर्षों के भीतर द्विपक्षीय व्यापार को 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक तक बढ़ा सकता है। ऐतिहासिक व्यापार समझौते से भविष्य के लिए एक साझे दृष्टिकोण का रोडमैप तैयार होने की उम्मीद है, जिसमें मजबूत, अधिक लचीली अर्थव्यवस्थाओं की परिकल्पना की गई है, जो दोनों देशों के लोगों को स्थायी खुशहाली और कल्याण प्रदान करती है।