भारत-बांग्लादेश के बीच कुशियारा नदी जल बंटवारे समेत सात प्रमुख समझौतों पर हुए हस्ताक्षर

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बांग्लादेश की प्रधानमंत्री की भारत यात्रा

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री श्रीमती शेख हसीना पांच सितंबर से आठ सितंबर तक चार दिवसीय भारत यात्रा कीं। इस यात्रा के दौरान कुशियारा नदी के जल बंटवारा, जल प्रबंधन, रेलवे, विज्ञान और प्रौद्योगिकी समेत सात प्रमुख समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। गौरतलब है कि भारत और बांग्लादेश ने छह सितंबर को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री श्रीमती शेख हसीना की वार्ता के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किये।

वार्ता के बाद प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश को मिलकर उन आतंकवादी तथा चरमपंथी ताकतों का सामना करना होगा, जो दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास पर हमला कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि आज हमने आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ सहयोग पर भी जोर दिया। 1971 की भावना को जीवित रखने के लिए बहुत जरूरी है कि हम ऐसी ताकतों का मिलकर सामना करें जो हमारे आपसी विश्वास पर हमला करती हों।

श्री मोदी ने कहा कि भारत और बांग्लादेश की सीमाओं से 54 नदियां गुजरती हैं और ये सदियों से दोनों देशों के लोगों की आजीविका से जुड़ी हैं।

उद्धाटित/घोषित/अनावृत परियोजनाएं

1. मैत्री बिजली संयंत्र का अनावरण— रामपाल, खुलना में 1320 (660×2) मेगावाट क्षमता वाले सुपर क्रिटिकल कोयला आधारित ताप बिजली संयंत्र की स्थापना लगभग 2 अरब डॉलर की अनुमानित लागत से की जा रही है, जिसमें 1.6 अरब डॉलर की राशि रियायती वित्त पोषण के तहत भारतीय विकास सहायता के रूप में होगी।
2. रूपशा पुल का उद्घाटन— 5.13 किलोमीटर लंबा रूपशा रेल पुल 64.7 किलोमीटर लंबे खुलना-मोंगला बंदरगाह सिंगल ट्रैक ब्रॉड गेज रेल परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो पहली बार मोंगला बंदरगाह को रेल माध्यम से खुलना से और उसके बाद मध्य व उत्तर बांग्लादेश तक तथा भारत की सीमा में पश्चिम बंगाल के पेट्रापोल और गेदे तक को जोड़ता है।
3. सड़क निर्माण संबंधी उपकरण और मशीनरी की आपूर्ति– इस परियोजना के अंतर्गत बांग्लादेश सड़क और राजमार्ग विभाग को 25 पैकेजों में सड़क रख-रखाव और निर्माण उपकरणों व मशीनरी की आपूर्ति शामिल है।
4. खुलना दर्शना रेलवे लाइन लिंक परियोजना— यह परियोजना वर्तमान में गेदे-दर्शना में क्रॉस बॉर्डर रेल लिंक को खुलना से जोड़ने वाली मौजूदा अवसंरचना (ब्रॉड गेज का दोहरीकरण) का उन्नयन है। इस प्रकार दोनों देशों के बीच, विशेष रूप से ढाका तक लेकिन भविष्य में मोंगला पोर्ट के लिए भी रेल संपर्क में वृद्धि होगी। इस परियोजना की लागत 312.48 मिलियन डॉलर आंकी गई है।
5. पार्बतीपुर-कौनिया रेलवे लाइन— मौजूदा मीटर गेज लाइन को दोहरी गेज लाइन में परिवर्तित करने की परियोजना पर 120.41 मिलियन डॉलर की लागत आने का अनुमान है। यह परियोजना बिरोल (बांग्लादेश)-राधिकापुर (पश्चिम बंगाल) में मौजूदा क्रॉस बार्डर रेल से जुड़ेगी और इससे द्विपक्षीय रेल संपर्क में वृद्धि होगी।

भारत और बांग्लादेश के बीच हुए समझौते/समझौता ज्ञापन