भारत की अध्यक्षता में दो दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन 9 और 10 सितंबर, 2023 को नई दिल्ली में आयोजित हुआ। भारत ने पिछले साल इंडोनेशिया के बाली में जी20 की अध्यक्षता संभाली थी। पहले दिन ‘एक पृथ्वी’ और ‘एक परिवार’ विषय पर क्रमशः दो सत्र आयोजित किये गये। दूसरे दिन तीसरा सत्र ‘एक भविष्य’ विषय पर हुआ। जी20 शिखर सम्मेलन में अपने प्रारंभिक वक्तव्य में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जी20 के प्रेसिडेंट के तौर पर भारत पूरी दुनिया का आह्वान करता है कि हम मिलकर सबसे पहले वैश्विक विश्वास में कमी (Global Trust Deficit) को एक विश्वास, एक भरोसे में बदलें। यह हम सभी के साथ मिलकर चलने का समय है और इसलिए ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ का मंत्र हम सभी के लिए एक पथ-प्रदर्शक बन सकता है। शिखर सम्मेलन से इतर नेताओं ने अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें कीं। तीसरे सत्र में भाग लेने से पहले नेताओं ने राजघाट जाकर महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन के प्रथम सत्र में कहा कि भारत, आस्था, अध्यात्म और परंपराओं की डायवर्सिटी की भूमि है। दुनिया के अनेक बड़े धर्मों ने यहां जन्म लिया है। दुनिया के हर धर्म ने यहां सम्मान पाया है। श्री मोदी ने कहा कि लोकतंत्र की जननी के रूप में संवाद और लोकतान्त्रिक विचारधारा पर अनंत काल से हमारा विश्वास अटूट है। हमारा वैश्विक व्यवहार, ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ यानी world is one family के मूल भाव पर आधारित है। विश्व को एक परिवार मानने का यही भाव हर भारतीय को एक पृथ्वी के दायित्व-बोध से भी जोड़ता है।
उन्होंने कहा कि एक पृथ्वी की भावना से ही भारत ने पर्यावरण मिशन के लिए जीवनशैली (Lifestyle for Environment Mission) की शुरुआत की है। भारत के आग्रह पर और आप सबके सहयोग से पूरा विश्व इस साल अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष मना रहा है और यह भी जलवायु सुरक्षा की भावना से जुड़ा हुआ है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन का प्रस्ताव रखा, जिस पर सभी सदस्यों ने सहमति व्यक्त की।
बरसों पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान मांग रही हैं : नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में अपने प्रारंभिक वक्तव्य में नौ सितंबर को कहा कि इक्कीसवीं सदी का यह समय पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला एक महत्वपूर्ण समय है। ये वो समय है, जब बरसों पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान मांग रही हैं और इसलिए हमें मानव केंद्रित अप्रोच के साथ अपने हर दायित्व को निभाते हुए ही आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद विश्व में एक बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है। युद्ध ने इस ट्रस्ट डेफिसिट को और गहरा किया है। जब हम कोविड को हरा सकते हैं, तो हम आपसी विश्वास पर आए इस संकट पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं। यहां प्रस्तुत है श्री मोदी के संबोधन का मूल पाठ:
योर हाइनेसेस,
एक्सेलेंसीज,
नमस्कार!
औपचारिक कार्यवाही शुरू करने से पहले हम सभी की और से कुछ देर पहले मोरक्को में आये भूकंप से प्रभावित लोगों के प्रति मैं अपनी हार्दिक संवेदना प्रकट करना चाहता हूं।
हम प्रार्थना करते हैं की सभी इन्जुरड लोग शीघ्र स्वस्थ हों। इस कठिन समय में पूरा विश्व समुदाय मोरक्को के साथ हैं और हम उन्हें हर संभव सहायता पहुंचाने के लिए तैयार हैं।
योर हाइनेसेस,
एक्सेलेंसीज,
जी20 के प्रेसिडेंट के तौर पर भारत आप सभी का हार्दिक स्वागत करता है। इस समय जिस स्थान पर हम एकत्रित हैं, यहां से कुछ ही किलोमीटर के फासले पर लगभग ढाई हजार साल पुराना एक स्तंभ लगा हुआ है। इस स्तंभ पर प्राकृत भाषा में लिखा है—
“हेवम लोकसा हितमुखे ति,
अथ इयम नातिसु हेवम”
अर्थात्,
मानवता का कल्याण और सुख सदैव सुनिश्चित किया जाए।
ढाई हजार साल पहले भारत की भूमि ने यह संदेश पूरे विश्व को दिया था।
आइए, इस सन्देश को याद कर इस जी20 समिट का हम आरम्भ करें। इक्कीसवीं सदी का यह समय, पूरी दुनिया को नई दिशा देने वाला एक महत्वपूर्ण समय है।
ये वो समय है, जब बरसों पुरानी चुनौतियां हमसे नए समाधान मांग रही हैं।
और इसलिए हमें मानव केंद्रित अप्रोच के साथ अपने हर दायित्व को निभाते हुए ही आगे बढ़ना है।
मित्रों,
कोविड-19 के बाद विश्व में एक बहुत बड़ा संकट विश्वास के अभाव का आया है। युद्ध ने इस ट्रस्ट डेफिसिट को और गहरा किया है। जब हम कोविड को हरा सकते हैं, तो हम आपसी विश्वास पर आए इस संकट पर भी विजय प्राप्त कर सकते हैं।
आज जी20 के प्रेसिडेंट के तौर पर भारत पूरी दुनिया का आह्वान करता है कि हम मिलकर सबसे पहले इस वैश्विक विश्वास में कमी (Global Trust Deficit) को एक विश्वास, एक भरोसे में बदलें। यह हम सभी के साथ मिलकर चलने का समय है।
और इसलिए ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ का मंत्र हम सभी के लिए एक पथ-प्रदर्शक बन सकता है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल हो,
नॉर्थ और साउथ का डिवाइड हो,
ईस्ट और वेस्ट की दूरी हो,
खाद्य, ईंधन और उर्वरक का मैनेजमेंट हो,
आतंक और साइबर सिक्योरिटी हो,
हेल्थ, एनर्जी और वॉटर सिक्योरिटी हो,
वर्तमान के साथ ही आने वाली पीढ़ियों के लिए हमें इन चुनौतियों के ठोस समाधान की तरफ बढ़ना ही होगा।
मित्रो,
भारत की जी20 प्रेसीडेंसी देश के भीतर और देश के बाहर समावेशन का, ‘सबका साथ’ का प्रतीक बन गई है। भारत में ये People’s G20 बन गया। करोड़ों भारतीय इससे जुड़े। देश के 60 से ज़्यादा शहरों में 200 से ज्यादा अधिक बैठकें हुईं।
‘सबका साथ’ की भावना से ही भारत ने प्रस्ताव रखा था कि अफ्रीकन यूनियन को जी20 की स्थायी सदयस्ता दी जाए। मेरा विश्वास है कि इस प्रस्ताव पर हम सबकी सहमति है।
आप सबकी सहमति से आगे की कार्यवाही शुरू करने से पहले मैं अफ्रीकन यूनियन के अध्यक्ष को जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में अपना स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित करता हूं।
‘हमारे पास आपस में मिलकर बेहतर भविष्य बनाने का अहम अवसर है’
जी20 नई दिल्ली घोषणा पत्र
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नौ सितंबर को नई दिल्ली लीडर्स डिक्लेरेशन की घोषणा को अपनाए जाने की सराहना की तथा जी20 के सभी सदस्यों के समर्थन और सहयोग के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया।
जी20 नई दिल्ली घोषणा पत्र की प्रमुख बातें निम्न हैं :
प्रस्तावना
विश्व की सटीक दिशा तय करने के लिए जी20 के सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग अत्यंत आवश्यक है। वैश्विक स्तर पर आर्थिक विकास और आर्थिक स्थायित्व के मार्ग में प्रतिकूल हालात अब भी बने हुए हैं। आपस में जुड़ी तरह-तरह की चुनौतियों और संकटों के लगातार कई वर्षों तक जारी रहने के कारण 2030 एजेंडा और इसके सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की दिशा में हासिल हुई प्रगति अब पलट गई है।
हमारे पास आपस में मिलकर बेहतर भविष्य बनाने का अहम अवसर है। सिर्फ सही ऊर्जा को अपनाने भर से ही नौकरियों एवं लोगों की आजीविका में व्यापक वृद्धि हो सकती है और आर्थिक मजबूती सुनिश्चित की जा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग प्रमुख वैश्विक फोरम ‘जी20’ के राजनेताओं के रूप में हम साझेदारियों के जरिए ठोस कदम उठाने का संकल्प लेते हैं। हम इसके लिए प्रतिबद्ध हैं:
• मजबूत, सतत, संतुलित और समावेशी विकास में तेजी लाएंगे।
• हम विकास और जलवायु चुनौतियों से निपटने के लिए अपने ठोस उपायों में तत्काल तेजी लाएंगे, ‘पर्यावरण के लिए जीवन शैली (लाइफ)’ को बढ़ावा देंगे और जैव विविधता, जंगलों एवं महासागरों का संरक्षण करेंगे।
• टिकाऊ, गुणवत्तापूर्ण, स्वस्थ, सुरक्षित और लाभकारी रोजगारों को बढ़ावा देंगे।
• महिला-पुरुष अंतर को कम करेंगे और निर्णय लेने वालों के रूप में अर्थव्यवस्था में महिलाओं की पूर्ण, समान, प्रभावकारी और सार्थक भागीदारी को बढ़ावा देंगे।
पृथ्वी, लोगों, शांति और समृद्धि के लिए
हम दुनिया भर में युद्धों और संघर्षों या टकराव के कारण अपार मानवीय पीड़ा और प्रतिकूल प्रभावों पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हैं।
यूक्रेन में युद्ध के संबंध में बाली में हुई चर्चा को याद करते हुए हमने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् और संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनाए गए अपने राष्ट्रीय रुख और प्रस्तावों को दोहराया और इस बात पर जोर दिया कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के समस्त उद्देश्यों और सिद्धांतों के अनुरूप ही कोई भी कदम उठाना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप सभी देशों को किसी भी देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता को नजरअंदाज करके उसके किसी क्षेत्र का अधिग्रहण करने के लिए धमकी देने या बल का उपयोग करने से बचना चाहिए। परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने या इस्तेमाल करने की धमकी देना अस्वीकार्य है।
आतंकवाद और धन शोधन का मुकाबला
हम आतंकवाद के सभी रूपों और उसकी अभिव्यक्तियों की निंदा करते हैं जिसमें जेनोफोबिया, नस्लवाद और असहिष्णुता के अन्य रूपों के आधार पर या धर्म या आस्था के नाम पर आतंकवाद शामिल है। हम शांति के लिए सभी धर्मों की प्रतिबद्धता को स्वीकार करते हैं। यह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है।
वित्तीय समावेश को आगे बढ़ाना
हम जी20 धनप्रेषण लक्ष्य की दिशा में हुई प्रगति पर नेताओं के 2023 अपडेट का स्वागत करते हैं और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के उन्नत डिजिटल वित्तीय समावेश के लिए नियामक टूलकिट का समर्थन करते हैं।
हम समावेशी विकास और सतत विकास के समर्थन में वित्तीय समावेश को आगे बढ़ाने में मदद करने के क्रम में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हैं।
हम डिजिटल वित्तीय साक्षरता और उपभोक्ता संरक्षण को मजबूत करने के निरंतर प्रयासों का भी समर्थन करते हैं। हम जी20 2023 वित्तीय समावेश कार्य योजना (एफआईएपी) का समर्थन करते हैं, जो जी20 देशों और अन्य देशों के व्यक्तियों और एमएसएमई, विशेष रूप से कमजोर और वंचित समूहों के वित्तीय समावेश में तेजी लाने के लिए एक कार्य-उन्मुख और भविष्य-उन्मुख रोडमैप प्रदान करता है।
ऊर्जा और खाद्य असुरक्षा के व्यापक आर्थिक प्रभाव
हालांकि, वैश्विक खाद्य और ऊर्जा की कीमतें अपने उच्चतम स्तर से कम हो गई हैं, लेकिन वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितताओं को देखते हुए, खाद्य और ऊर्जा बाजारों में उच्च स्तर की अस्थिरता की संभावना बनी हुई है।
हम खाद्य असुरक्षा के खिलाफ आईएफएडी की लड़ाई का समर्थन करने के लिए आईएफएडी
ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट और इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए भागीदारी
इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर में भारत को खाड़ी क्षेत्र से जोड़ने वाला एक ईस्टर्न कॉरिडोर और खाड़ी क्षेत्र को यूरोप से जोड़ने वाला एक नॉर्दर्न कॉरिडोर शामिल है। इसमें रेलवे और जहाज-रेल पारगमन नेटवर्क और सड़क परिवहन मार्ग शामिल होंगेप्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति श्री जो बाइडेन ने नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर 9 सितंबर, 2023 को ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट (पीजीआईआई) और इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर (आईएमईसी) पर हुए एक विशेष कार्यक्रम की संयुक्त रूप से अध्यक्षता की।
इस आयोजन का उद्देश्य भारत, मध्य पूर्व और यूरोप के बीच बुनियादी ढांचे के विकास के लिए निवेश को बढ़ावा देना और इसके विभिन्न आयामों में संपर्क को मजबूत बनाना है। इस कार्यक्रम में यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, इटली, मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब के नेताओं के साथ-साथ विश्व बैंक ने भी भागीदारी की।
पीजीआईआई एक विकास संबंधी पहल है जिसका उद्देश्य विकासशील देशों में बुनियादी ढांचे की कमियों को दूर करने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर एसडीजी पर प्रगति में तेजी लाने में मदद करना है। आईएमईसी में भारत को खाड़ी क्षेत्र से जोड़ने वाला एक ईस्टर्न कॉरिडोर और खाड़ी क्षेत्र को यूरोप से जोड़ने वाला एक नॉर्दर्न कॉरिडोर शामिल है। इसमें रेलवे और जहाज-रेल पारगमन नेटवर्क और सड़क परिवहन मार्ग शामिल होंगे।
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने भौतिक, डिजिटल और वित्तीय संपर्क के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आईएमईसी से भारत और यूरोप के बीच आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
श्री मोदी ने कहा कि भारत कनेक्टिविटी को क्षेत्रीय सीमाओं में नहीं मापता। सभी क्षेत्रों के साथ कनेक्टिविटी बढ़ाना भारत की मुख्य प्राथमिकता रहा है। हमारा मानना है कि कनेक्टिविटी विभिन्न देशों के बीच आपसी व्यापार ही नहीं, आपसी विश्वास भी बढ़ाने का स्रोत है।
उन्होंने कहा कि आज जब हम कनेक्टिविटी का इतना बड़ा इनिशिएटिव ले रहे हैं, तब हम आने वाली पीढ़ियों के सपनों के विस्तार के बीज बो रहे हैं।
आईएमईसी से संबंधित एमओयू पर भारत, अमेरिका, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, यूरोपीय संघ, इटली, फ्रांस और जर्मनी द्वारा हस्ताक्षर किए गए।
अफ्रीकन यूनियन जी20 का स्थायी सदस्य बना
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सदस्य बनाने का रखा प्रस्तावप्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 18वें जी20 शिखर सम्मेलन में 9 सितंबर को अपने प्रारंभिक वक्तव्य में अफ्रीकन यूनियन के अध्यक्ष को जी20 के स्थायी सदस्य के रूप में अपना स्थान ग्रहण करने के लिए आमंत्रित किया। अफ्रीकन यूनियन के अध्यक्ष ने जी20 का स्थायी सदस्य बनने पर सदस्य देशों के प्रति आभार व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि इस प्रस्ताव का उल्लेख इस वर्ष जून में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जी20 नेताओं को लिखे एक पत्र में किया था, जब उन्होंने सुझाव दिया था कि अफ्रीकन यूनियन को दिल्ली में आगामी जी20 शिखर सम्मेलन में ‘स्थायी सदस्यता’ दी जाय।
सदस्यों द्वारा वर्ष के अंत में कृषि विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय कोष (आईएफएडी) संसाधनों की एक महत्वाकांक्षी पुनःपूर्ति की आशा करते हैं।
बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करना
21वीं सदी की समसामयिक वैश्विक चुनौतियों से समुचित रूप से निपटने और वैश्विक शासन व्यवस्था को अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण, प्रभावी, पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए पुनर्जीवित बहुपक्षवाद की आवश्यकता को लेकर कई मंचों से आवाज उठाई गई है। इस संदर्भ में 2030 के एजेंडे को लागू करने के प्रति लक्षित अधिक समावेशी और पुनर्जीवित बहुपक्षवाद और सुधार बेहद आवश्यक है।
वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन का शुभारंभ
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली में हो रहे जी20 शिखर सम्मेलन से इतर 9 सितंबर, 2023 को सिंगापुर, बांग्लादेश, इटली, अमेरिका, ब्राजील, अर्जेंटीना, मॉरीशस और संयुक्त अरब अमीरात के नेताओं के साथ मिलकर वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन (जीबीए) का शुभारंभ किया।
वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन जी20 के अध्यक्ष के रूप में भारत की एक पहल है। इस गठबंधन का लक्ष्य प्रौद्योगिकी के विकास को सुविधाजनक बनाना, टिकाऊ जैव ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना, हितधारकों की व्यापक स्तर पर भागीदारी के माध्यम से मजबूत मानक निर्धारण और प्रमाणन को आकार देकर जैव ईंधन के वैश्विक विकास में तेजी लाना है।
यह गठबंधन ज्ञान के एक केंद्रीय संग्रह और विशेषज्ञ केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा। जीबीए का लक्ष्य एक ऐसे उत्प्रेरक मंच के रूप में काम करना है, जो जैव ईंधन के विकास और व्यापक रूप से इसे अपनाने के लिए वैश्विक सहयोग को प्रोत्साहन देगा।
भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका-अमेरिका का संयुक्त वक्तव्य
भारत-ब्राजील-दक्षिण अफ्रीका-अमेरिका का संयुक्त वक्तव्य नौ सितंबर को जारी किया गया। वक्तव्य में कहा गया कि हम, भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका के नेताओं ने अपने साझा विश्व के लिए समाधान प्रदान करने के उद्देश्य से अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के प्रमुख मंच के रूप में जी20 के प्रति हमारी साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए नई दिल्ली में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के अवसर पर मुलाकात की।
वक्तव्य में उल्लेख है कि जी20 की वर्तमान और अगली तीन अध्यक्षताओं के रूप में हम वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत की जी20 अध्यक्षता की ऐतिहासिक प्रगति पर आगे काम करेंगे। इस भावना को ध्यान में रखते हुए विश्व बैंक के अध्यक्ष के साथ हम बेहतर, बड़े और अधिक प्रभावी बहुपक्षीय विकास बैंकों के निर्माण के प्रति जी20 की प्रतिबद्धता का स्वागत करते हैं। बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अपने लोगों को समर्थन देने के लिए यह प्रतिबद्धता उन कार्यों पर ज़ोर देती है, जो जी20 के माध्यम से एक साथ मिलकर किए जा सकते हैं।
जी20 राष्ट्रों के नेताओं ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जी20 के सदस्य राष्ट्रों के नेताओं के साथ 10 सितंबर को ऐतिहासिक राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि गांधी जी के शाश्वत आदर्श एक सामंजस्यपूर्ण, समावेशी एवं समृद्ध वैश्विक भविष्य के सामूहिक दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करते हैं।
प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया, “ऐतिहासिक राजघाट पर जी20 परिवार ने शांति, सेवा, करुणा और अहिंसा के प्रतीक महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। जैसे-जैसे विविध राष्ट्र एकजुट हो रहे हैं, गांधी जी के शाश्वत आदर्श एक सामंजस्यपूर्ण, समावेशी एवं समृद्ध वैश्विक भविष्य के हमारे सामूहिक दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करते हैं।”
प्रमुख वैश्विक नेताओं के साथ बैठक
जी20 शिखर सम्मेलन, नई दिल्ली
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति बाइडेन से की मुलाकात
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 8 सितंबर को नई दिल्ली में संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति श्री जोसेफ आर. बाइडेन से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के प्रति राष्ट्रपति बाइडेन के दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता की सराहना की, जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, रणनीतिक समन्वय और दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत पारस्परिक संबंधों पर आधारित है।
दोनों नेताओं ने जून, 2023 में प्रधानमंत्री की संयुक्त राज्य अमेरिका की ऐतिहासिक राजकीय यात्रा के भविष्योन्मुखी और व्यापक परिणामों को लागू करने की दिशा में हुई प्रगति की सराहना की, जिसमें महत्वपूर्ण एवं उभरती प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) के लिए भारत-संयुक्त राज्य अमेरिका पहल भी शामिल है।
दोनों नेताओं ने रक्षा, व्यापार, निवेश, शिक्षा, स्वास्थ्य, अनुसंधान, नवाचार, संस्कृति और दोनों देशों के लोगों के बीच पारस्परिक संबंधों सहित द्विपक्षीय सहयोग में निरंतर गति का स्वागत किया।
राष्ट्रपति बाइडेन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के निकट चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग पर प्रधानमंत्री और भारत के लोगों को हार्दिक बधाई दी तथा अंतरिक्ष में दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग पर प्रकाश डाला।
दोनों नेताओं ने कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया। दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि भारत-अमेरिका साझेदारी न केवल दोनों देशों के लोगों के लिए, बल्कि वैश्विक कल्याण के लिए भी लाभदायक है। प्रधानमंत्री ने जी20 की भारत की अध्यक्षता की सफलता सुनिश्चित करने में संयुक्त राज्य अमेरिका से प्राप्त निरंतर समर्थन के लिए राष्ट्रपति बाइडेन को धन्यवाद दिया।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ बैठक
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 9 सितंबर को नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर मुख्य सम्मेलन से इतर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री श्री ऋषि सुनक के साथ द्विपक्षीय बैठक की। अक्टूबर, 2022 में प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रधानमंत्री श्री ऋषि सुनक की यह पहली भारत यात्रा है।
दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी के साथ-साथ रोडमैप 2030 के अनुसार द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। इनमें विशेष रूप से अर्थव्यवस्था, रक्षा एवं सुरक्षा, प्रौद्योगिकी, हरित प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य व गतिशील संचालन क्षेत्र शामिल हैं। दोनों नेताओं ने महत्व और आपसी हित के अंतरराष्ट्रीय तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
प्रधानमंत्री ने जापान के प्रधानमंत्री से की मुलाकात
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 9 सितंबर को नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के अवसर पर जापान के प्रधानमंत्री श्री फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक की।
बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने पिछले वर्ष जी20 और जी7 की अध्यक्षता के दौरान भारत और जापान के बीच रचनात्मक बातचीत, विशेष रूप से ग्लोबल साउथ की चिंताओं और आकांक्षाओं को मुख्यधारा में लाने के प्रयासों का उल्लेख किया।
दोनों नेताओं ने बुनियादी ढांचे के विकास, प्रौद्योगिकीय सहयोग, निवेश और ऊर्जा सहित भारत-जापान द्विपक्षीय साझीदारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
भारत-फ्रांस संयुक्त वक्तव्य
भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 10 सितंबर को नई दिल्ली में जी20 के राजनेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान फ्रांसीसी गणराज्य के राष्ट्रपति श्री इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इन दोनों राजनेताओं ने जुलाई, 2023 में पेरिस में आयोजित अपनी आखिरी बैठक के बाद से लेकर अब तक द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति पर व्यापक चर्चा की, इसका आकलन किया और फिर इसकी समीक्षा की। इसके साथ ही उन्होंने महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय घटनाक्रमों पर अपने-अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।
दोनों ही राजनेताओं ने उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों एवं प्लेटफॉर्मों के डिजाइन, विकास, परीक्षण और विनिर्माण में साझेदारी के माध्यम से रक्षा सहयोग को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत एवं उससे परे स्थित अन्य देशों सहित भारत में उत्पादन बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। इस संदर्भ में उन्होंने ‘रक्षा औद्योगिक रोडमैप’ को शीघ्र अंतिम रूप देने का भी आह्वान किया।