‘भारत, यूक्रेन संकट के समाधान हेतु बातचीत और कूटनीति का स्पष्ट समर्थन करता है’

| Published on:

प्रधानमंत्री की जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया यात्रा

प्रधानमंत्री ने जी-7 और क्वाड शिखर सम्मेलन के दौरान वैश्विक नेताओं के साथ कीं द्विपक्षीय बैठकें

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 19 मई से 24 मई, 2023 तक तीन देशों— जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की छह दिवसीय यात्रा की। श्री मोदी ने जापान के हिरोशिमा शहर में 20 मई को जी-7 और क्वाड शिखर सम्मेलन में भाग लिया तथा अनेक वैश्विक नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठकें कीं। इसके बाद प्रधानमंत्री श्री मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री श्री जेम्स मारापे के साथ 22 मई, 2023 को भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग मंच के तीसरे शिखर सम्मेलन की संयुक्त रूप से मेजबानी की। यात्रा के आखिरी पड़ाव में श्री मोदी ने ऑस्ट्रेलिया की यात्रा की, जहां पर उन्होंने सीईओ और व्यापार जगत की प्रमुख हस्तियों के साथ भी बैठक की और सिडनी में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान भारतीय समुदाय से मिले

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री श्री फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर 20 मई को हिरोशिमा शहर में जापानी अध्यक्षता के तहत जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लिया। शिखर सम्मेलन के इतर श्री मोदी ने अनेक वैश्विक नेताओं के साथ कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठकें कीं।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हिरोशिमा में 20 मई को यूक्रेन के राष्ट्रपति श्री वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से भेंट की। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में संघर्ष का पूरी दुनिया पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि हालांकि, यह उनके लिए कोई राजनीतिक या आर्थिक मुद्दा नहीं है, बल्कि मानवता का, मानवीय मूल्यों का मुद्दा है।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति को आगे का रास्ता ढूंढ़ने के लिए बातचीत और कूटनीति को भारत द्वारा दिए गए स्पष्ट समर्थन से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि स्थिति के समाधान के लिए भारत और व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री अपने साधनों के भीतर सभी प्रयास करेंगे। श्री मोदी ने कहा कि भारत यूक्रेन के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखेगा।

जापान के प्रधानमंत्री के साथ बैठक

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हिरोशिमा में 20 मई को जापान के प्रधानमंत्री श्री फुमियो किशिदा के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों राजनेताओं ने अपने संबंधित जी-20 और जी-7 अध्यक्षता के अंतर्गत विभिन्न प्रयासों के लिए तालमेल के तरीकों पर चर्चा की। श्री मोदी ने ग्लोबल साउथ की चिंताओं और प्राथमिकताओं को रेखांकित करने की आवश्यकता पर बल दिया।

दोनों राजनेताओं ने समकालीन क्षेत्रीय विकास पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने भारत-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत होते सहयोग पर भी चर्चा की।

राजनेताओं ने द्विपक्षीय विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों पर सहमति व्यक्त की। विचार-विमर्श में शिक्षा, कौशल विकास, पर्यटन, पर्यावरण के लिए जीवन शैली (लाइफ), हरित हाइड्रोजन, उच्च प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित किया गया। आतंकवाद का मुकाबला करने और संयुक्त राष्ट्र में सुधार पर भी चर्चा हुई।

फ्रांस व कोरिया के राष्ट्रपति के साथ बैठक

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हिरोशिमा में 20 मई को फ्रांस के राष्ट्रपति श्री इमैनुएल मैक्रॉन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। राजनेताओं ने व्यापार और आर्थिक क्षेत्रों में सहयोग, नागरिक उड्डयन; नवीकरणीय स्रोत; संस्कृति; रक्षा क्षेत्र में सह-उत्पादन और विनिर्माण; असैन्य परमाणु सहयोग समेत विभिन्न क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की तथा इस पर संतोष व्यक्त किया। वे नए क्षेत्रों में साझेदारी का विस्तार करने पर सहमत हुए। राजनेताओं ने क्षेत्रीय विकास और वैश्विक चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

प्रधानमंत्री ने हिरोशिमा में महात्मा गांधी की प्रतिमा का किया अनावरण

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 20 मई, 2023 को जापान के हिरोशिमा में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया। अनावरण समारोह के दौरान उपस्थित गणमान्य लोगों में प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार और सांसद श्री नकातानी जेन, हिरोशिमा शहर के मेयर श्री कासुमी मत्सुई, हिरोशिमा सिटी असेम्बली के अध्यक्ष

श्री ततसुनोरी मोतानी, हिरोशिमा के सांसद और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, भारतीय समुदाय के सदस्य और जापान में महात्मा गांधी के अनुयायी शामिल थे।

19 से 21 मई तक होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन के संबंध में प्रधानमंत्री की जापान यात्रा के दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा भारत और जापान के बीच दोस्ती और सद्भावना के प्रतीक के रूप में हिरोशिमा शहर को भेंट की गई है।

पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित श्री राम वनजी सुतार ने 42 इंच लंबी कांस्य प्रतिमा को तैयार किया है। मोतोयासु नदी से सटा यह स्थल प्रतिष्ठित ए-बम डोम के करीब है, जिसे देखने के लिए रोजाना हजारों स्थानीय लोग और पर्यटक समान रूप से आते हैं।

इस स्थान को शांति और अहिंसा के लिए एकजुटता के प्रतीक के रूप में चुना गया है। महात्मा गांधी ने अपना जीवन शांति और अहिंसा के लिए समर्पित कर दिया। यह स्थान वास्तव में गांधीजी के सिद्धांतों और जीवन के साथ प्रतिध्वनित होता है, जो दुनिया और नेताओं को प्रेरित करता है।

श्री मोदी ने 20 मई को हिरोशिमा में कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति श्री यून सुक येओल के साथ मुलाकात की। दोनों नेताओं ने भारत-कोरिया गणराज्य की विशेष रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की और विशेष रूप से व्यापार और निवेश, उच्च प्रौद्योगिकी, आईटी हार्डवेयर विनिर्माण, रक्षा, सेमीकंडक्टर और संस्कृति के क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को सुदृढ़ बनाने के तरीकों पर चर्चा की।

वियतनाम व ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने हिरोशिमा में 20 मई को वियतनाम के प्रधानमंत्री श्री फाम मिन्ह चिन्ह से भेंट की। दोनों राजनेताओं ने द्विपक्षीय व्यापक रणनीतिक साझेदारी में हासिल की गयी नियमित प्रगति को रेखांकित किया। राजनेताओं ने रक्षा क्षेत्र के अवसरों, लचीली आपूर्ति शृंखलाओं के निर्माण, ऊर्जा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन विकास, संस्कृति तथा दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संबंधों पर भी चर्चा की। राजनेताओं ने क्षेत्रीय विकास पर विचारों का सकारात्मक आदान-प्रदान किया। उन्होंने आसियान और भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा की।

श्री मोदी ने हिरोशिमा में 21 मई को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री श्री ऋषि सुनक से भेंट की। दोनों राजनेताओं ने भारत-यूके एफटीए वार्ताओं में हुई प्रगति का जायजा लेने सहित अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की। राजनेताओं ने व्यापार और निवेश, विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी, उच्‍च शिक्षा एवं दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संबंध जैसे विस्तृत क्षेत्रों में सहयोग को प्रगाढ़ बनाने पर सहमति व्यक्त की।

जी-7 शिखर सम्मेलन

जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 20 मई को कहा कि वैश्विक खाद्य सुरक्षा के विषय पर इस फोरम के लिए मेरे कुछ सुझाव हैं। उन्होंने कहा कि इंक्लूसिव फ़ूड सिस्टम का निर्माण, जिसमें विश्व के कमजोर लोगों लोगों खासकर सीमांत किसानों पर ध्यान केन्द्रित हो, हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।

श्री मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है। मिलेट्स पोषण, जलवायु परिवर्तन, जल संरक्षण और खाद्य सुरक्षा की चुनौतियों को एक साथ हल करता है। इस पर जागरूकता पैदा करनी चाहिए। भोजन की बर्बादी की रोकथाम हमारी सामूहिक ज़िम्मेदारी होनी चाहिए। यह स्थायी वैश्विक खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आज की हमारी चर्चा जी-20 और जी-7 के एजेंडा के बीच एक महत्वपूर्ण लिंक बनाने में लाभकारी होगी और ग्लोबल साउथ की आशाओं और अपेक्षाओं को प्राथमिकता देने मे सफल होगी।

जी-7 शिखर सम्मेलन के एक अन्य कार्य सत्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र ने कहा कि आज हम इतिहास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़े हैं। अनेक संकटों से ग्रस्त विश्व में जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण सुरक्षा और ऊर्जा सुरक्षा आज के समय की सबसे बड़ी चुनौतियों में से हैं। इन बड़ी चुनौतियों का सामना करने में एक बाधा यह है कि हम जलवायु परिवर्तन को केवल ऊर्जा के परिप्रेक्ष्य से देखते हैं। हमें अपनी चर्चा का स्कोप बढ़ाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि भारतीय सभ्यता में पृथ्वी को मां का दर्जा दिया गया है और इन सभी चुनौतियों के समाधान के लिए हमें पृथ्वी की पुकार सुननी होगी। उसके अनुरूप अपने आप को, अपने व्यवहार को बदलना होगा।

श्री मोदी ने कहा कि मैं गर्व से कहता हूं कि भारत के लोग पर्यावरण के प्रति जागरूक हैं और अपने दायित्वों को समझते हैं। सदियों से इस दायित्व का भाव हमारी रगों में बह रहा है। भारत सभी के साथ मिलकर अपना योगदान देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग मंच (फिपिक) शिखर सम्मेलन

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 22 मई को भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग मंच (फिपिक) शिखर सम्मेलन में कहा कि तीसरे फिपिक समिट में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। मुझे ख़ुशी है कि प्रधानमंत्री जेम्स मारापे मेरे साथ इस समिट की संयुक्त मेजबानी कर रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा कि इस बार हम लम्बे समय के बाद मिल रहे हैं। इस बीच विश्व कोविड महामारी और अन्य कई चुनौतियों के कठिन दौर से गुज़रा है। इन चुनौतियों का प्रभाव ग्लोबल साउथ के देशों पर सबसे अधिक पड़ा है। जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाएं, भुखमरी, गरीबी, स्वास्थ्य से जुड़ी बहुत सी चुनौतियां पहले से ही थीं। अब, नयी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। खाद्य, ईंधन, उर्वरक और फार्मा की सप्लाई चेन में बाधाएं आ रही हैं। जिन्हें हम अपना विश्वसनीय मानते थे, पता चला कि जरूरत के समय वह हमारे साथ नहीं खड़े थे। इस कठिनाई के समय में पुराना वाक्य सिद्ध हुआ : A Friend in need is friend indeed।

प्रधानमंत्री मोदी को फिजी और पापुआ न्यू गिनी के सर्वोच्च सम्मान से
किया गया सम्मानित

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को 22 मई, 2023 को फिजी और पापुआ न्यू गिनी के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें उनके वैश्विक नेतृत्व और ग्लोबल साउथ को लेकर उनकी पहल के लिए दिया गया है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी को फिजी के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी’ से सम्मानित किया गया। आज तक बहुत कम गैर-फिजी लोगों को यह सम्मान मिला है।

तीसरे भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग (एफआईपीआईसी) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पापुआ न्यू गिनी की हालिया यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री को

‘कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ लोगोहू’ से भी सम्मानित किया गया। श्री नरेन्द्र मोदी को यह पुरस्कार प्रशांत द्वीप देशों की एकता और ग्लोबल साउथ पहल करने के लिए दिया गया।

प्रधानमंत्री को उनके 9 वर्षों के कार्यकाल के दौरान अमेरिका, रूस और मध्य पूर्व सहित विभिन्न देशों ने सम्मानित किया है।

उन्होंने कहा कि मुझे ख़ुशी है कि भारत इस चुनौतीपूर्ण समय में अपने पैसिफिक आइलैंड मित्रों से कंधा से कंधा मिलाकर खड़ा रहा। भारत में बनी वैक्सीन हो या जरूरत की दवाइयां; गेहूं हो या चीनी, भारत अपनी क्षमताओं के अनुरूप सभी साथी देशों की मदद करता रहा।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि फिपिक में हमारे सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए मैं कुछ घोषणाएं करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि प्रशांत क्षेत्र में हेल्थकेयर को बूस्ट करने के लिये हमने फ़िजी में एक सुपर-स्पेशियलिटी कार्डियोलॉजी अस्पताल बनाने का निर्णय किया है। प्रशिक्षित स्टाफ़, अत्याधुनिक सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर से युक्त यह अस्पताल पूरे क्षेत्र के लिए एक लाइफ लाइन बनेगा। भारत सरकार इस मेगा ग्रीन-फील्ड प्रोजेक्ट का पूरा खर्च उठाएगी।

श्री मोदी ने कहा कि भारत सभी 14 पेसिफिक आइलैंड देशों में डायलिसिस यूनिट लगाने में मदद करेगा।

प्रधानमंत्री की पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री के साथ बैठक

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत-प्रशांत द्वीप-समूह सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) के तीसरे शिखर सम्मेलन के दौरान 22 मई, 2023 को पोर्ट मोरेस्बी में पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) के प्रधानमंत्री श्री जेम्स मारापे के साथ द्विपक्षीय बैठक की।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने गर्मजोशी से स्वागत करने और तीसरे एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन की सह-मेजबानी करने के लिए प्रधानमंत्री श्री मारापे को धन्यवाद दिया। दोनों राजनेताओं ने अपने द्विपक्षीय संबंधों का जायजा लिया तथा व्यापार और निवेश, स्वास्थ्य, क्षमता निर्माण और कौशल विकास एवं सूचना प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न क्षेत्रों में अपनी साझेदारी को और मजबूत करने के तरीकों व उपायों पर चर्चा की।

उन्होंने जलवायु कार्रवाई से संबंधित मुद्दों और दोनों देशों के लोगों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने प्रशांत द्वीप राष्ट्रों की प्राथमिकताओं और इच्छाओं के लिए भारत के समर्थन और सम्मान को दोहराया।

श्री मोदी और प्रधानमंत्री श्री मारापे ने तमिल क्लासिक ‘थिरुक्कुरल’ का पीएनजी की टोक पिसिन भाषा में अनुवाद लॉन्च किया। भाषाविद् श्रीमती सुभा ससींद्रन और पापुआ न्यू गिनी के वेस्ट न्यू ब्रिटेन प्रांत के गवर्नर श्री शशिंद्रन मुथुवेल इस अनूदित पुस्तक के सह-लेखक हैं। पुस्तक में प्रधानमंत्री श्री मारापे का प्राक्कथन है।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने लेखकों को बधाई दी और पापुआ न्यू गिनी में भारतीय विचार और संस्कृति के सिद्धांतों को संरक्षित करने में योगदान के लिए उनकी सराहना की।

प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रेलिया यात्रा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री श्री एंथनी अल्बनीज के साथ 24 मई को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में एडमिरल्टी हाउस में द्विपक्षीय बैठक की। श्री मोदी के एडमिरल्टी हाउस में आगमन पर औपचारिक स्वागत किया गया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।

दोनों नेताओं ने मार्च, 2023 में नई दिल्ली में आयोजित हुए वार्षिक नेताओं के प्रथम शिखर सम्मेलन की उपयोगिता पर चर्चा करते हुए बहुआयामी भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और व्यापक एवं मज़बूत बनाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

विचार-विमर्श के दौरान रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और निवेश, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, महत्वपूर्ण खनिजों, शिक्षा, प्रवासन और गतिशीलता एवं लोगों से लोगों के बीच संबंधों में सहयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया।

दोनों नेताओं ने भारत-ऑस्ट्रेलिया प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी व्यवस्था (एमएमपीए) पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया। इससे छात्रों, पेशेवरों, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और अन्य लोगों की गतिशीलता को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसमें विशेष रूप से भारत के लिए बनाई गई मैट्स (प्रतिभाशाली प्रारंभिक पेशेवरों के लिए गतिशीलता व्यवस्था) नामक योजना का एक नवीन कुशल मार्ग शामिल है।

उन्होंने भारत-ऑस्ट्रेलिया हाइड्रोजन टास्क फोर्स के संदर्भ की शर्तों को अंतिम रूप देने का भी स्वागत किया, इससे स्वच्छ हाइड्रोजन के निर्माण और इसके उपयोग में तेजी लाने जैसे अवसरों के लिए परामर्श मिल सकेगा। साथ ही, यह हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइज़र, ईंधन सेल्स पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा बुनियादी ढांचे और मानकों एवं विनियमों का समर्थन करेगी।

प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ब्रिस्बेन में भारत के महावाणिज्य दूतावास की स्थापना में सहायता प्रदान करने के लिए ऑस्ट्रेलिया को धन्यवाद दिया। दोनों नेताओं ने एक नियम-आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के अनुकूल एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और समावेशी भारत-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए अपने दृढ़ संकल्प को दोहराया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में सुधार पर भी चर्चा की।

प्रधानमंत्री श्री अल्बनीज ने भारत की जी-20 अध्यक्षता और पहलों के प्रति ऑस्ट्रेलिया के मजबूत समर्थन को भी व्यक्त किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा कि वह सितंबर, 2023 में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री श्री अल्बनीज का स्वागत करने के लिए आशान्वित हैं।