भारत के आर्थिक विकास का महत्वपूर्ण अंग है नीली अर्थव्यवस्था : नितिन गडकरी

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नौवहन, सड़क यातायात एवं राजमार्ग, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत ‘इंडियन ओशन रिम एसोसियेशन (आईओआरए)’ की रूपरेखा के जरिये नीली अर्थव्यवस्था को वहनीय, समावेशी और जन आधारित तरीके से प्रोत्साहित करने के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि नीली अर्थव्यवस्था भारत के आर्थिक विकास कार्यक्रम का महत्वपूर्ण अंग है और हमारा 95 प्रतिशत से अधिक का कारोबार समुद्र के जरिये होता है। श्री गडकरी 28 नवंबर को नैरोबी में वहनीय नीली अर्थव्यवस्था सम्मेलन में बोल रहे थे।

भारत द्वारा सामुद्रिक संसाधनों के विकास पर दिए जाने वाले महत्व का उल्लेख करते हुए श्री गडकरी ने कहा कि इस संबंध में हमारा राष्ट्रीय दृष्टिकोण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रतिपादित ‘सागर’ (सभी क्षेत्रों के लिए सुरक्षा और विकास) की धारणा का प्रतीक है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का कहना है कि भारत के राष्ट्रीय ध्वज में बना हुआ नीला चक्र नीली अर्थव्यवस्था की क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार नौवहन मंत्रालय इस क्षमता का भरपूर उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।

श्री गडकरी ने भारत के महत्वाकांक्षी सागरमाला कार्यक्रम का भी उल्लेख किया और बताया कि इस कार्यक्रम से भारत में समुद्र के जरिये सामान के आवागमन तथा बंदरगाह के विकास में क्रांति आएगी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के तहत 600 से अधिक परियोजनाओं की पहचान की गई है, जिनमें 2020 तक लगभग 8 लाख करोड़ रुपये का भारी निवेश होगा। कार्यक्रम के तहत तटीय आर्थिक जोन विकसित करने के लिए प्रत्येक स्थल के संबंध में 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश प्रस्तावित है।

श्री गडकरी ने केन्या के यातायात, अवसंरचना, आवास एवं शहरी विकास मंत्री श्री जेम्स वायनायना मचारिया के साथ भी बातचीत की। उन्होंने बातचीत के दौरान जहाज निर्माण, तटरक्षक के लिए जहाज उपलब्ध कराने तथा अन्य क्षेत्रों में भारत के सहयोग की पेशकश की।

श्री गडकरी ने भारत में विकसित होने वाली इलेक्ट्रिक कारों और वाहनों का उल्लेख करते हुए कहा कि इनके लिए केन्या में बाजार उपलब्ध हो सकता है। केन्या के मंत्री ने केन्या में जहाज निर्माण शुरू करने के लिए भारत से सहयोग की अपेक्षा की।

उन्होंने सुझाव दिया कि द्विपक्षीय सहयोग को नीली अर्थव्यवस्था से आगे बढ़ाकर अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत को दुपहिया वाहनों के निर्माण में महारत हासिल है और केन्या तथा अन्य अफ्रीकी देशों में उसके लिए बड़ा बाजार मौजूद है। केन्या के मंत्री ने कहा कि भारतीय कंपनियों के लिए यहां अच्छा निवेश अवसर मौजूद है।