ब्रिटेन की अदालत द्वारा विजय माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश

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कानून से बच कर भागे शराब कारोबारी विजय माल्या को 10 दिसंबर को ब्रिटेन की अदालत ने उसे भारत के हवाले करने की अनुमति दे दी। इस समय ब्रिटेन में रह रहे माल्या पिछले साल अप्रैल में प्रत्यर्पण वॉरंट पर गिरफ्तारी के बाद से जमानत पर है। उस पर भारतीय बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये बकाया है और माल्या पर किंगफिशर एयरलाइन के लिए लिए बैंकों से लिए गए कर्ज में हेराफेरी और और मनी लांडरिंग का आरोप है। यह एयरलाइन बंद हो चुकी है।
ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत की मुख्य मजिस्ट्रेट जज एम्मा आबुथनॉट माल्या के भारत प्रत्यर्पण की अनुमति दे दी, ताकि उनके खिलाफ भारतीय जांच एजेंसियों- केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के आधार पर मुकदमा चलाया जा सके। माल्या को भारत को सौंपने की अर्जी को माल्या ने चुनौती दी थी। यह मामला पिछले साल चार दिसंबर को मजिस्ट्रेट अदालत में शुरू हुआ था। इस मामले की सुनवाई के लिए शुरू में सात दिन रखे गए थे, लेकिन सुनवाई इससे कहीं अधिक चली।