देश में चीनी सत्र (अक्टूबर-सितंबर) 2021-22 के दौरान 5000 लाख मीट्रिक टन (एलएमटी) से अधिक गन्ने का उत्पादन हुआ है, जिसमें से लगभग 3574 एलएमटी गन्ने को चीनी मिलों ने संवर्धित कर करीब 394 लाख मीट्रिक टन चीनी (सुक्रोज) का उत्पादन किया है। इसमें से एथनॉल तैयार करने के लिए 35 लाख मीट्रिक टन चीनी का इस्तेमाल किया गया और चीनी मिलों द्वारा 359 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया गया।
केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा पांच अक्टूबर को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार भारत अब दुनिया का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक तथा उपभोक्ता और दुनिया के दूसरे सबसे बड़े चीनी निर्यातक के रूप में उभरकर सामने आया है।
यह सत्र भारतीय चीनी उद्योग के लिए कई मायनों में ऐतिहासिक साबित हुआ है। गन्ना उत्पादन, चीनी उत्पादन, चीनी निर्यात, गन्ना खरीद, गन्ना बकाया भुगतान और एथनॉल उत्पादन के सभी रिकॉर्ड इसी सीजन के दौरान बनाए गए।
वर्तमान सीजन में आकर्षण का एक और केंद्र लगभग 109.8 लाख मीट्रिक टन का रिकॉर्ड उच्चतम चीनी का निर्यात है, वह भी बिना किसी वित्तीय सहायता के जिसे 2020-21 तक बढ़ाया जा रहा था। भारत सरकार की नीतियों और सहायक अंतरराष्ट्रीय कीमतों ने भारतीय चीनी उद्योग की इस उपलब्धि को हासिल करने में मुख्य भूमिका निभाई। इन निर्यातों से देश के लिए लगभग 40,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा अर्जित की गई है।