‘कांग्रेस की समझौतावादी नीतियों की वजह से ही भारतवासियों को विभाजन का दंश झेलना पड़ा’

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                                         ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ कार्यक्रम

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने 14 अगस्त, 2023 को नई दिल्ली के एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित किया और कहा कि कांग्रेस की समझौतावादी एवं तुष्टीकरण की नीतियों की वजह से ही भारत और भारतवासियों को विभाजन का दंश झेलना पड़ा। उनकी स्वार्थी नीतियों की वजह से ही देश खंडित हुआ, डेढ़ करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए और लाखों लोगों की हत्याएं हुईं लेकिन कांग्रेस आज भी उसी समझौतावादी और तुष्टीकरण की नीति पर चल रही है। इतिहास के पन्नों को देखते हुए देशवासियों को सजग रहने की जरूरत है ताकि वैसी घटनाएं दोबारा नहीं हो। इस अवसर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री विजय कुमार मल्होत्रा, दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री वीरेंद्र सचदेवा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।

विभाजन के बाद उत्पन्न स्थिति की ओर आकृष्ट करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि जब देश आजादी मना रहा था तब करोड़ों लोग अपनी जान बचाते हुए इस भूभाग—वर्तमान भारत—में प्रवेश कर रहे थे। देश के विभाजन के कारण लगभग डेढ़ करोड़ परिवार विस्थापित हुए थे और लगभग 10 लाख लोगों की जानें गयीं। वह कोई छोटी घटना नहीं थी, बल्कि बहुत बड़ी घटना थी, जिससे मानवता शर्मशार हुई। उस समय के नेतृत्व ने जिस तरीके से छोटी सफलता के लिए बड़े उद्देश्यों के साथ समझौता किया था, यह उसी का परिणाम था। लम्हों ने खता की,सदियों ने सजा पायी। यह उस तरह की खता—गलती थी।

श्री नड्डा ने कहा कि सन 1906 में मुस्लिम लीग की स्थापना हुई थी और मुस्लिम लीग ने 1909 में ही ‘सेपरेट इलेक्टोरेट’ की मांग की थी। 1916 में मुस्लिम लीग और इंडियन नेशनल कांग्रेस के बीच में ‘लखनऊ पैक्ट’ हुआ था। इस ‘पैक्ट’ में कांग्रेस और मुस्लिम लीग ने तय किया कि सुनियोजित ढंग से इलेक्टोरेट धर्म के आधार पर होगा। कांग्रेस पार्टी ने मुस्लिम लीग की बात मान ली कि धर्म के आधार पर प्रोविन्सियल कांउसिल में इलेक्टोरेट मिलेगा। उन्होंने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू एवं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री लियाकत ने 8 अगस्त, 1950 को ‘लियाकत पैक्ट’ किया था। यह तय हुआ कि पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू भाई वहीं रह जाएं। हिंदू भाई-बहनों को वहां मुसीबत में छोड़ दिया गया। उनको लाने की व्यवस्था नहीं की गयी। लियाकत पैक्ट के तहत लोगों से कहा गया कि जो जहां है वहीं रह जाओ और वहीं का नागरिकता ले लो। सबसे खास बात यह है कि खान अब्दुल गफ्फार खां को भी कह दिया गया कि आप पाकिस्तान चले जाओ। नार्थ वेस्ट प्रोविंस बनाकर उनको भी वहां भेज दिया।

खान अब्दुल गफ्फार खां ने कहा कि आप हमें भेड़ियों के सामने भेज रहे हो। उनके साथ भी दगा किया गया और सबको मालूम है कि उनके अंतिम दिन कैसे गुजरे थे। सरदार बल्लभ भाई पटेल ने कहा कि जिन्ना पागलपन का सपना देख रहा है। लियाकत पैक्ट के बाद डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी ने नेहरू कैबिनेट से इस्तीफा दिया था और उसके बाद जनसंघ की स्थापना की थी। भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष बनने के बाद डॉ. मुखर्जी ने कहा कि एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 5 अगस्त, 2019 को धारा 370 को धाराशायी कर दिया और उनकी तुष्टीकरण की नीति को समाप्त कर दिया।

श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का आह्वान करने के पीछे मूल उद्देश्य यह है कि आने वाले पीढ़ी को भी बताएं कि हमारे देश में क्या हुआ था? कैसे लम्हों ने खता की थी और सदियां सजा पा रही है? कैसे हमारे नेताओं ने समझौता किया था, एक-एक बात सबके सामने आना चाहिए।