भारत की बढ़ती समृद्धि

| Published on:

लिंक्डइन (LINKEDin) पर प्रधानमंत्री

ये विश्लेषण उन बातों पर प्रकाश डालते हैं जिससे हमें बहुत खुशी होनी चाहिए कि भारत न्यायसंगत और सामूहिक समृद्धि प्राप्त करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। मैंने इस शोध कार्यों से कुछ दिलचस्प अंश साझा करने के बारे में सोचा :

नरेन्द्र मोदी

हाल ही में मुझे दो शोध कार्य मिले, जो भारत की अर्थव्यवस्था के बारे में नागरिकों को रुचिकर लगेंगे: एक एसबीआई रिसर्च से और दूसरा प्रसिद्ध पत्रकार श्री अनिल पद्मनाभन के माध्यम से।

ये विश्लेषण उन बातों पर प्रकाश डालते हैं जिससे हमें बहुत खुशी होनी चाहिए कि भारत न्यायसंगत और सामूहिक समृद्धि प्राप्त करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है। मैंने इस शोध कार्यों से कुछ दिलचस्प अंश साझा करने के बारे में सोचा :

एसबीआई के शोध ने बताया है (आईटीआर रिटर्न के आधार पर) औसत आय में पिछले 9 वर्षों में सराहनीय बढ़ोतरी हुई है, जो कि वित्त वर्ष 14 के 4.4 लाख रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 23 में 13 लाख रुपये हो गई है।

No alt text provided for this image

श्री पद्मनाभन का आईटीआर डेटा का अध्ययन विभिन्न आय वर्गों में कर आधार के विस्तार की ओर इशारा करता है।

प्रत्येक वर्ग में टैक्स फाइलिंग में न्यूनतम तीन गुना वृद्धि देखी गई है, कुछ वर्गों में लगभग चार गुना वृद्धि भी हासिल की गयी है।

इसके अलावा, यह शोध राज्यों में आयकर दाखिलों में वृद्धि के संदर्भ में सकारात्मक प्रदर्शन पर प्रकाश डालता है। 2014 और 2023 के बीच आईटीआर फाइलिंग की तुलना करने पर, डेटा सभी राज्यों में बढ़ी हुई कर भागीदारी की एक आशाजनक तस्वीर पेश करता है।

No alt text provided for this image

उदाहरण के लिए आईटीआर डेटा विश्लेषण से पता चलता है कि आईटीआर दाखिल करने के मामले में उत्तर प्रदेश शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में से एक बनकर उभरा है। जून, 2014 में उत्तर प्रदेश में 1.65 लाख आईटीआर फाइल हुए थे, लेकिन जून 2023 तक, यह आंकड़ा बढ़कर 11.92 लाख हो गया है।

एसबीआई रिपोर्ट भी एक उत्साहजनक तस्वीर सामने लाती है जिसमें बताया गया है कि हमारे छोटे राज्यों और वह भी पूर्वोत्तर से अर्थात् मणिपुर, मिजोरम और नागालैंड ने पिछले 9 वर्षों में आईटीआर फाइलिंग में 20% से अधिक की सराहनीय वृद्धि देखी है।

इससे पता चलता है कि न केवल आय बढ़ी है, बल्कि अनुपालन भी बढ़ा है और यह हमारी सरकार में लोगों के विश्वास की भावना का प्रकटीकरण है।

ये निष्कर्ष न केवल हमारे सामूहिक प्रयासों को दर्शाते हैं, बल्कि एक राष्ट्र के रूप में हमारी क्षमता को भी दिखाता है। हमारी बढ़ती समृद्धि राष्ट्रीय प्रगति के लिए शुभ संकेत है। निस्संदेह, हम आर्थिक समृद्धि के एक नए युग के मुहाने पर खड़े हैं और 2047 तक अपने ‘विकसित भारत’ के सपने को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।