प्रधानमंत्रीजी का उद्बोधन देश के विश्वास एवं सामर्थ्य को प्रतिबिंबित करनेवाला : जगत प्रकाश नड्डा

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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ऐतिहासिक संबोधन के लिए उनका हार्दिक अभिनंदन किया

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उद्बोधन 2047 के विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने का रोडमैप था, देश को परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण के नासूरों से मुक्त करने का ऐलान था और ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र को साकार करनेवाला था।

श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्रीजी के लिए सारा देश ही उनका परिवार है। इसकी झलक भी हमें उनके उद्बोधन में आज देखने को मिली जब उन्होंने बार-बार देशवासियों को ‘परिवार-जन’ कहकर संबोधित किया। उन्होंने लाल किले की प्राचीर से ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ का संदेश दिया।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्रीजी ने देशवासियों को 3 गारंटी भी दीं। पहली ये कि 5 साल में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति बनेगा। दूसरी ये कि शहरों में किराए के मकानों में रहनेवालों को बैंक लोन में रियायत मिलेगी और तीसरी यह कि देश भर में 25 हजार जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। 17 सितंबर से विश्वकर्मा योजना भी शुरू की जायेगी। प्रधानमंत्रीजी ने प्राकृतिक आपदा के कारण देश के अनेक हिस्सों में आये अकल्पनीय संकट को भी याद किया, शांति की ओर बढ़ रहे मणिपुर का भी जिक्र किया और विस्तार से इस बात पर भी चर्चा की कि किस तरह हजार साल की गुलामी के बाद देश संवर रहा है। प्रधानमंत्रीजी ने कहा कि विश्वभर में भारत की चेतना के प्रति, भारत के सामर्थ्य के प्रति एक नया आकर्षण, एक नया विश्वास पैदा हुआ है। ये प्रकाश-पुंज भारत से उठा है, जो विश्व अपने लिए ज्योति के रूप में देख रहा है। हम जो भी करेंगे, जो भी कदम उठाएंगे, जो भी फैसले लेंगे, वह अगले एक हजार साल तक अपनी दिशा निर्धारित करनेवाला है, भारत के भाग्य को लिखने वाला है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्रीजी का उद्बोधन देश के लिए कुछ कर गुजरने हेतु युवाओं को आंदोलित करनेवाला था। आज हमारे पास डेमोग्राफी, डेमोक्रेसी और डाइवर्सिटी की त्रिवेणी है। ये तीनों मिलकर देश के सपनों को साकार करने की क्षमता रखते हैं। निश्चित ही, इस युग में हम जो भी करेंगे, जो भी कदम उठाएंगे और एक के बाद एक जो भी निर्णय लेंगे, वह देश के स्वर्णिम इतिहास को जन्म देगा।

हमारी युवा शक्ति न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया की जरूरत को पूरा करने में सफल होगी।
श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्रीजी ने लालकिले की प्राचीर से अपने 10 साल के कामकाज का लेखा-जोखा भी दिया और विकास का रोडमैप भी रखा। प्रधानमंत्रीजी ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक नए भविष्य का सूत्रपात करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य देश में दो करोड़ लखपति दीदी बनाने का है। प्रधानमंत्रीजी ने बताया कि किस तरह परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण देश में गरीब, पिछड़े, आदिवासियों और दलितों का हक छिनती हैं। इन्हें हमें जड़ से मिटाना ही होगा। विगत 10 वर्षों में देश कैसे बदला है, इसका जिक्र प्रधानमंत्रीजी ने अपने उद्बोधन में किया। जिसका शिलान्यास हमारी सरकार करती है, उसका उद्घाटन भी इसी कालखंड में हो रहा है। देश ने 10 वर्षों में अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में ‘फ्रेजाइल फाइव’ से ‘टॉप फाइव’ की यात्रा की है और अगले 5 वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी।

उन्होंने कहा कि 10 साल पहले राज्यों को 30 लाख करोड़ रुपए भारत सरकार की तरफ से जाते थे, पिछले 9 साल में ये आंकड़ा 100 लाख करोड़ रुपए पर पहुंचा है। पहले स्थानीय निकाय के विकास के लिए भारत सरकार से 70 हजार करोड़ रुपए जाता था आज वो 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा है। पहले गरीबों के घर के लिए 90 हजार करोड़ रुपये खर्च होता था, आज 4 लाख करोड़ रुपये खर्च होता है। भारत सरकार 10 लाख करोड़ रुपये किसानों के लिए यूरिया में सब्सिडी दे रही है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्रीजी ने G20 की अध्यक्षता का जिक्र भी किया कि किस तरह भारत विश्व पटल पर नई कहानी लिख रहा है। इसने देश के सामान्य मानवी के सामर्थ्य से दुनिया को परिचित करवा दिया है। भारत की विविधता को दुनिया अचंभे से देख रही है, जिस कारण भारत का आकर्षण बढ़ा है।
श्री नड्डा ने कहा कि कुल मिलाकर प्रधानमंत्रीजी का उद्बोधन प्रेरणादायी था और देश के विश्वास एवं सामर्थ्य को प्रतिबिंबित करनेवाला था। सभी देशवासी परिवारजनों आगे बढ़ने का रास्ता दिखाने वाले इस ऐतिहासिक उद्बोधन के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का कोटि-कोटि अभिनंदन!