‘भारत का युवा एक अनिश्चित दुनिया में भी आशान्वित है’

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अनुराग सिंह ठाकुर

दुनिया भर में युवा प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर विज्ञान, खेल, प्रौद्योगिकी, व्यवसाय, राजनीति, रचनात्मकता, पर्यावरणीय स्थिरता और नवाचार जैसे क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर प्रगति कर रहे हैं, हालांकि इसमें व्यापक आर्थिक समस्याएं और भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं कुछ बाधा उत्पन्न करती है, लेकिन ये युवा वैश्विक सामाजिक-आर्थिक समस्याओं के स्थानीय समाधान निकाल रहे हैं।

कोई भी दूरी, अंतर और सीमा वैश्विक स्तर पर युवाओं को सामाजिक परिवर्तन लाने से रोका नहीं पाती है और फॉर्च्यून 500 कंपनियां इस वेग की ओर इशारा करती हैं।

अर्जेंटीना में युवा फुटबॉल को गंभीरता से लेते हैं, स्वीडन और नॉर्डिक देशों में वे जलवायु परिवर्तन के बारे में मुखर हैं। संस्कृति और सामाजिक मूल्यों का नेतृत्व भारतीय स्टार्टअप कर रहे हैं। हितधारकों और कल के निर्माताओं के रूप में युवा जोश की शक्ति और जीवंतता बेजोड़ है। वे स्वयं के भविष्य का निर्माण करेंगे, तो दुनिया के लिए भी यह अनिवार्य है कि वे उनकी बातों पर ध्यान दें और उनकी भावनाओं, ऊर्जा और कार्यों को दिशा देने के लिए एक सार्थक मंच प्रदान करें।

भारत, मानवता के 1/6 हिस्से का घर है, जो विविधता, लोकतांत्रिक व्यवस्था और मांग आधारित सिद्धांतों पर टिकी है— जिसे आध्यात्मिकता, खेल, सॉफ्टवेयर, स्थिरता, स्टार्टअप और सामाजिक उद्यमिता की भूमि के रूप में जाना जाता है। कुल आबादी का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा यानी भारत

बुद्ध की भूमि ने हमें ध्यान और आध्यात्मिकता सिखाई है। अपने 2014 यूएनजीए के भाषण में प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा पेश किये गये योग दिवस के प्रस्ताव को 177 सदस्य राष्ट्रों द्वारा समर्थित किया गया था। दुनिया ने 21 जून, 2015 को अपना पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया। ‘स्वास्थ्य, भलाई और खेल: युवाओं के लिए एजेंडा’ अंतिम महत्वपूर्ण विषय है

का जनसांख्यिकीय लाभांश तेजी से सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरण और तकनीकी नवाचार के युग में प्रवेश करने के लिए तैयार है। चाहे सोशल मीडिया के नेतृत्व वाले सामाजिक परिवर्तन हों या अरबों डॉलर के स्टार्टअप, भारत के युवा आगे बढ़कर इनका हिस्सा बन रहे हैं।

उनके समाधानों को सुने

भारत इस वर्ष के अंत में जी20 प्रेसीडेंसी के अंतर्गत यूथ20 (वाई20) शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा, यह विश्वभर के युवाओं के लिए अपने दृष्टिकोण, मूल्यों और विचारों को व्यक्त करने का अवसर है, जिनको जी20 के नेताओं के साथ साझा किया जाएगा। वाई20 शिखर सम्मेलन दुनिया भर के युवाओं की मेजबानी करेगा, जिन्हें दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सुना जाएगा, जो भविष्य का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं।

शिखर सम्मेलन के पांच प्रमुख विषयों को मोर डिजिटल, विघटनकारी, मांग-संचालित दुनिया जैसे मापदंड़ों को ध्यान में रखकर चुना गया था। पहला विषय— ‘फ्यूचर ऑफ वर्क: इंडस्ट्री 4.0, इनोवेशन एंड 21वीं सेंचुरी स्किल्स’ रहेगा ।

जलवायु परिवर्तन, चरम मौसम चक्र, बदलते फसल चक्र और प्राकृतिक आपदाएं, जैसाकि तुर्की और सीरिया ने देखा है, दूसरे विषय को गंभीर बनाते है- ‘जलवायु परिवर्तन और आपदा जोखिम में कमी’, जो ‘सतत विकास को जीवनशैली का एक हिस्सा बनाने’ पर ध्यान केंद्रित करेगा।

बुद्ध की भूमि ने हमें ध्यान और आध्यात्मिकता सिखाई है। अपने 2014 यूएनजीए के भाषण में प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा पेश किये गये योग दिवस के प्रस्ताव को 177 सदस्य राष्ट्रों द्वारा समर्थित किया गया था। दुनिया ने 21 जून, 2015 को अपना पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया। ‘स्वास्थ्य, भलाई और खेल: युवाओं के लिए एजेंडा’ अंतिम महत्वपूर्ण विषय है।

विचारों का आदान-प्रदान

लगभग 21 विदेशी प्रतिनिधियों और 200 भारतीयों ने गुवाहाटी, असम में हाल ही में वाई20 की आरंभिक बैठक में भाग लिया, जिसमें छात्र, विश्व स्तर पर प्रसिद्ध संस्थानों के विभिन्न विभागों के प्रमुख, उद्योग विशेषज्ञ और सरकारी अधिकारियों ने भाग लिया। पैनलिस्टों में सेवानिवृत्त जनरल वीके सिंह और सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ के साथ दो आत्मसमर्पण करने वाले विद्रोही बिपुल कलिता और बिनल वाररी शामिल थे। वैज्ञानिक, उद्यमी, खिलाड़ी, डॉक्टर, उद्योगपति, सलाहकार इंजीनियर, संस्थापक, प्रोफेसर, सभी कॉन्क्लेव का हिस्सा थे। मैंने आईआईटी गुवाहाटी में सभी प्रतिनिधियों के साथ एक युवा संवाद भी आयोजित किया। आयोजन में असम के 36 कॉलेजों के 10,000 युवाओं ने सेमिनार, वाद-विवाद, कार्यशालाओं और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं में भाग लिया।

इस जटिल दुनिया में ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का विशेष महत्व है। भारतीय लोकाचार युवाओं को वैश्विक भलाई के लिए व्यक्तिगत हितों से परे देखने के लिए प्रोत्साहित करता है, जो एक अधिक न्यायसंगत, टिकाऊ, समावेशी, प्रगतिशील और शांतिपूर्ण दुनिया को स्थापित करता हैं। स्वैच्छिक कार्यों से लेकर दयालुता का भाव पैदा करने को लेकर युवाओं पर सकारात्मक प्रभाव डालता हैं। यह समय व्यक्तिगत आकांक्षाओं से परे जाकर ‘नए भारत’ के साझा विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने का है।

प्रत्येक दिन आशावादी, उत्साहित और दृढ़ता के साथ आगे बढ़ते युवाओं के लिए अवसर लेकर आता है। हमारा युवा परिवर्तन लाने और अमृत काल के लिए नए विचारों को विकसित करने के लिए हमारी पूंजी है।

भारत का युवा एक ऐसी दुनिया में आशा और सद्भावना को स्थापित करता है, जो अक्सर अनिश्चितता को महसूस करती है। हमारे युवा इस बात को पुष्ट करते हैं कि साहस, निरंतरता, प्रतिबद्धता और सहयोग से कुछ भी संभव है। युवा 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। वैश्विक अर्थव्यवस्था और मानवता का भविष्य युवाओं के हाथों में है।

रूस-यूक्रेन युद्ध को देखते हुए, भारत ‘शांति निर्माण और सुलह’ की पुरजोर वकालत करता है, एक अन्य विषय, जिसमें ‘बिना युद्ध के युग की शुरुआत’ पर विशेष ध्यान दिया गया है। हमारी सेना शांति अभियानों में योगदान देने वाली दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सैन्य टुकड़ी है। भारत के लगभग 6,700 सैनिक और पुलिसकर्मी वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न शांति मिशनों पर हैं।

राजनीतिक युवा इकाई, नागरिक समूह और डिजिटल प्लेटफॉर्म के साथ भारत का सहभागी शासन यह सुनिश्चित करता है कि युवाओं की बात को हर स्तर पर सुना जाए, जो चौथे विषय— ‘साझा भविष्य: लोकतंत्र और शासन में युवा’ को परिलक्षित करता है।

(लेखक केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री हैं)