विकसित भारत की प्रेरणा ‘नया संसद भवन’

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन के साथ ही मोदी सरकार की अद्भुत उपलब्धियों में एक नया अध्याय जुड़ गया। यह एक ऐसा भवन है जिसमें विरासत एवं आधुनिकता का संगम है, अत्याधुनिक सुविधाओं एवं भविष्योन्मुखी दृष्टि से युक्त है तथा उत्कृष्ट वास्तुकला एवं भारतीय भव्यता का उदाहरण है। नए संसद भवन के उद्घाटन से हर भारतीय का हृदय एक बार फिर गौरव एवं उपलब्धियों के भाव से भर गया है। इससे हर भारतीय का विश्वास एक नए भारत, जो आत्मनिर्भर, सशक्त एवं विकसित होगा, पर और अधिक दृढ़ हुआ है। नया संसद भवन न केवल भारतीय लोकतंत्र की सफलता का प्रमाण है, वरन् यह भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था एवं उसकी मजबूती एवं गतिशीलता का उत्सव भी मना रहा है। यह उस चमत्कारिक परिवर्तन को भी दर्शाता है, जिसने करोड़ों स्वप्नों का आकार दिया है, अनेक संकल्पों को सिद्ध करते हुए नई आकांक्षाओं काे पल्लवित किया है। एक ओर जहां इससे लोकतंत्र एवं लोकतांत्रिक संस्थाओं पर विश्वास और अधिक बढ़ा है, वहीं दूसरी ओर पूरा विश्व भी इससे प्रेरणा ले रहा है। सच में यह राष्ट्रीय गौरव बन चुका है।

नया संसद भवन न केवल भारतीय लोकतंत्र की सफलता का प्रमाण है, वरन् यह भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था एवं उसकी मजबूती एवं गतिशीलता का उत्सव भी मना रहा है

आज जब भारत स्वयं को नए संसद भवन का उपहार दे रहा है, पूरा विश्व भारत की उपलब्धियों से चमत्कृत है। यदि नौ वर्ष पीछे मुड़कर देखा जाए, तब इस अवसर की कल्पना भी कर पाना असंभव प्रतीत होता था। आज जब पूरा देश मोदी सरकार के नौ वर्ष की गौरवमयी यात्रा का उत्सव मना रहा है, कांग्रेसनीत यूपीए काल का दुःस्वप्न अभी भी देश भूला नहीं है। कांग्रेसनीत यूपीए काल का कुशासन, भ्रष्टाचार, जनता के धन की लूट, पॉलिसी पैरालिसिस तथा घुटनाटेक रक्षा नीति से पूरे देश में नकारात्मक एवं निराशा का वातावरण बन गया था। फलतः लोगों का विश्वास देश की राजनैतिक व्यवस्था एवं राजनेताओं पर से उठने लगा था। हर दिन समाचार पत्रों में एक नया घोटाला, अर्थव्यवस्था की बिगड़ती हालात, गिरती विकास दर एवं दहाई आंकड़ों की मुद्रास्फीति जनजीवन में निराशा ला रही थी। स्थिति यह थी कि भारतीय अर्थव्यवस्था काे विश्व की सबसे कमजोर अर्थव्यवस्था, ‘फ्रेजाइल फाइव’ में गिना जा रहा था, सीमा पार से आतंकी गिरोह देश में घुसपैठ कर रहे थे तथा कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीतियों से देश में अलगाववाद का विषबेल पनप रहा था। परिस्थितियां अत्यंत प्रतिकूल थीं एवं पूरा देश निराशा के अंधकार में डूबा हुआ था।

पिछले नौ वर्षों की ‘फ्रेजाइल फाइव’ से ‘टॉप फाइव’ की यात्रा व्यापक परिवर्तन, लक्षित सुधार एवं ‘परफॉरर्मेंस की राजनीति’ के सुदृढ़ीकरण का परिणाम है। आज निराशाजनक वैश्विक वातावरण में विश्व की सबसे तेज विकास दर वाली बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भारत एक आशा की किरण बनकर उभरा है। ‘पोस्ट-कोविड’ विश्व में आज भारत को विकास के इंजन के रूप में देखा और सराहा जा रहा है। आज, कोई भी यदि पिछले नौ वर्षों का अवलोकन करता है तो पाता है कि देश में हर क्षेत्र चमत्कारिक परिवर्तन एवं आश्चर्यजनक उपलब्धियों से भरा पड़ा है। आंकड़े एक नए भारत के उदय का प्रमाण दे रहे हैं। अनेक अभिनव योजनाओं एवं प्रभावी क्रियान्वयन के कारण समाज के कमजोर वर्गों में एक नया आत्मविश्वास जागृत हुआ है, जिससे उनके जीवन में आमूल-चूल परिवर्तन आया है। गरीब, किसान, मजदूर, अनु.जाति, अनु.जनजाति, पिछड़ा, पीड़ित, शोषित, वंचित महिला एवं युवा-हर वर्ग को एक नई आवाज एवं अनेक नए अवसर प्राप्त हुए हैं और अब वे िसर उठाकर जी रहे हैं। गांव से लेकर शहर तक, कृषि से लेकर कल-कारखानों तक, हस्तशिल्प से लेकर डिजिटल दुनिया तक, भारत हर क्षेत्र में एक नए आत्मविश्वास के साथ सफलता की नई गाथा लिख रहा है।

आज जब ‘अमृतकाल’ में देश ‘पंच-प्रण’ को हृदय में बिठाए आगे बढ़ रहा है, विकसित भारत का स्वप्न अब अधिक दूर नहीं लगता। पिछले नौ वर्षों में, कई विपरीत परिस्थितियों में, चाहे कोविड वैश्विक महामारी का दौर हो या विकास विरोधी विपक्ष की नकारात्मक भूमिका रही हो, भारत ने स्थानीय से लेकर वैश्विक स्तर तक अद्भुत उपलब्धियां अर्जित की हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि आज जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के करिश्माई एवं दूरदर्शी नेतृत्व में अमृतकाल का संकल्प सिद्ध होगा, भारत की चमत्कारिक उपलब्धियां विश्व के लिए प्रेरणा बन रही हैं।

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