संसद का अंतरिम बजट सत्र-एक नजर

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संसद का अंतरिम बजट सत्र 2024, 31 जनवरी, 2024 को शुरू हुआ तथा 10 फरवरी, 2024 को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया। सत्र में ग्यारह दिनों की अवधि में नौ बैठकें हुईं। श्रीराम जन्मभूमि पर श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पर चर्चा के लिए सत्र को और एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया। सत्र के दौरान मोदी सरकार ने चार वर्गों— युवा, महिला, किसान और गरीबों के कल्याण के लिए किए गए कार्यों पर अपना अनुकरणीय ट्रैक रिकॉर्ड प्रस्तुत किया।
इस सत्र के दौरान कुल दस विधेयक पेश किए गए। बारह विधेयक लोकसभा द्वारा पारित किए गए और बारह विधेयक राज्यसभा द्वारा पारित/लौटाए गए। संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित/लौटाए गए विधेयकों की कुल संख्या भी बारह है। इस सत्र में लोकसभा की उत्पादकता दर लगभग 148 प्रतिशत और राज्यसभा की लगभग 137 प्रतिशत थी।

वर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम केंद्रीय बजट 1 फरवरी, 2024 को पेश किया गया था। दोनों सदनों में 2024-25 के लिए अंतरिम केंद्रीय बजट और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के अंतरिम बजट पर सामान्य चर्चा हुई।

लोकसभा

17वीं लोकसभा के 15वें सत्र के दौरान, जो 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले अंतिम बैठक थी, सदन कुल 63 घंटे और 26 मिनट तक चला। पारंपरिक रूप से सत्र की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ हुई, जिसके बाद राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया, जिसमें माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी सहित 115 सदस्यों ने भाग लिया। सदस्यों द्वारा उठाए गए 1,380 अतारांकित और 120 तारांकित प्रश्नों सहित कुल 1,500 प्रश्नों का उत्तर दिया गया। सदन ने अपने समय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा विधायी कार्य के लिए समर्पित किया, जिसमें बारह घंटे और चौबीस मिनट सात महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा की गई।

राज्यसभा

राज्यसभा का 263वां सत्र 31 जनवरी, 2024 से 10 फरवरी, 2024 के बीच आयोजित किया गया था। सत्र में नौ दिनों तक चलने वाले सार्वजनिक महत्व के 116 विषयों पर विचार-विमर्श हुआ, जिसमें कुल उत्पादकता दर 137% थी। सदस्यों द्वारा उठाए गए 960 अतारांकित और 90 तारांकित प्रश्नों सहित कुल 1,050 प्रश्नों का उत्तर दिया गया। विशेष रूप से इस सत्र के दौरान सदस्यों द्वारा 15 क्षेत्रीय भाषाओं में चर्चा की गई, जो संसद के बहुभाषी चरित्र को प्रदर्शित करता है।

अंतरिम बजट सत्र की मुख्य बातें

•• राज्यसभा में तीन विधेयक पारित किए गए हैं, जिनमें जल निवारण और प्रदूषण नियंत्रण विधेयक, जम्मू और कश्मीर स्थानीय निकाय विधेयक और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए संविधान संशोधन विधेयक शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 22 निजी सदस्य विधेयक (PMB) प्रस्तुत किए गए।
•• केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का अंतरिम बजट, 2024-2025 पटल पर रखा गया। माननीय केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण प्रस्तुत किया। इनके लिए 1.18 लाख करोड़ रुपये का अंतरिम बजट प्रस्तावित किया गया है।
•• प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब दिया। उन्होंने उत्तर और दक्षिण भारत को विभाजित करने के कांग्रेस के प्रयासों पर प्रकाश डाला और ब्रिटिश काल के कानूनों को निरस्त करने में उनकी विफलता की आलोचना करते हुए डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर के साथ उनके व्यवहार पर सवाल उठाया। उन्होंने ‘सबका साथ सबका विकास’ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) के सरकार द्वारा अनुकरणीय प्रबंधन पर प्रकाश डाला।
•• केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी ने इस बात पर जोर दिया कि ‘राम राज्य’ किसी विशेष धर्म पर केंद्रित नहीं था, बल्कि एक आदर्श राज्य का प्रतिनिधित्व करता है जो सभी के लिए धार्मिकता और न्याय का प्रतीक है।
•• भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा जी ने विश्व की आध्यात्मिक चेतना के पुनर्जागरण के रूप में राम मंदिर के अभिषेक के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में भाग लेने और अपनी संवैधानिक भूमिका के प्रति प्रतिबद्धता दिखाते हुए सभी अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा राजनीतिक लाभ के लिए राम मंदिर के मुद्दे का लाभ नहीं उठाती है, उन्होंने पार्टी के उस ऐतिहासिक संघर्षों का जिक्र किया जब पार्टी के पास केवल 2 सांसद थे एवं 303 सांसदों के साथ भी उसकी प्रतिबद्धता जारी रही। उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में, भारत ‘राम राज्य’ जैसी शासन प्रणाली स्थापित करने की आकांक्षा कर सकता है।
•• प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने राज्यसभा में सेवानिवृत हो रहे सदस्यों को उनके बहुमूल्य योगदानों और अनुभवों को याद करते हुए विदाई दी। विदाई कार्यक्रम में उनकी संसदीय यात्रा के महत्व और साझा किए गए सामूहिक यादों को रेखांकित किया गया।
•• केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि बजट चर्चा में 33 वक्ताओं ने योगदान दिया है।