सबकी बातों में राम, सबके हृदय में राम : नरेन्द्र मोदी

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मन की बात

प्रभु राम का शासन हमारे संविधान निर्माताओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत था

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 28 जनवरी को कहा कि इस साल हमारे संविधान के भी 75 वर्ष हो रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट के भी 75 वर्ष हो रहे हैं। हमारे लोकतंत्र के ये पर्व ‘लोकतंत्र की जननी’ के रूप में भारत को और सशक्त बनाते हैं। भारत का संविधान इतने गहन मंथन के बाद बना है कि उसे जीवंत दस्तावेज कहा जाता है। इसी संविधान की मूल प्रति के तीसरे अध्याय में भारत के नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का वर्णन किया गया है और ये बहुत दिलचस्प है कि तीसरे अध्याय के प्रारंभ में हमारे संविधान निर्माताओं ने भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण जी के चित्रों को स्थान दिया था।

‘देव से देश’ और ‘राम से राष्ट्र’

प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी पर मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 109वीं कड़ी में देशवासियों से अपने विचार साझा करते हुए कहा कि प्रभु राम का शासन हमारे संविधान निर्माताओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत था और इसलिए 22 जनवरी को अयोध्या में मैंने ‘देव से देश’ की बात की थी, ‘राम से राष्ट्र’ की बात की थी।

श्री मोदी ने कहा कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर ने देश के करोड़ों लोगों को मानो एक सूत्र में बांध दिया है। सबकी भावना एक, सबकी भक्ति एक, सबकी बातों में राम, सबके हृदय में राम। देश के अनेक लोगों ने इस दौरान राम भजन गाकर उन्हें श्रीराम के चरणों में समर्पित किया। 22 जनवरी की शाम को पूरे देश ने रामज्योति जलाई, दिवाली मनाई। इस दौरान देश ने

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर ने देश के करोड़ों लोगों को मानो एक सूत्र में बांध दिया है। सबकी भावना एक, सबकी भक्ति एक, सबकी बातों में राम, सबके हृदय में राम। देश के अनेक लोगों ने इस दौरान राम भजन गाकर उन्हें श्रीराम के चरणों में समर्पित किया

सामूहिकता की शक्ति देखी, जो विकसित भारत के हमारे संकल्पों का भी बहुत बड़ा आधार है। मैंने देश के लोगों से आग्रह किया था कि मकर संक्रांति से 22 जनवरी तक स्वच्छता का अभियान चलाया जाए। मुझे अच्छा लगा कि लाखों लोगों ने श्रद्धाभाव से जुड़कर अपने क्षेत्र के धार्मिक स्थलों की साफ़-सफाई की।

इस बार 26 जनवरी की परेड बहुत ही अद्भुत रही

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इस बार 26 जनवरी की परेड बहुत ही अद्भुत रही, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा परेड में Women Power को देखकर हुई, जब कर्तव्य पथ पर केंद्रीय सुरक्षा बलों और दिल्ली पुलिस की महिला टुकड़ियों ने कदमताल शुरू किया, तो सभी गर्व से भर उठे। महिला बैंड का मार्च देखकर, उनका जबरदस्त तालमेल देखकर देश-विदेश में लोग झूम उठे। इस बार परेड में मार्च करने वाले 20 दस्तों में से 11 दस्ते महिलाओं के ही थे। हमने देखा कि जो झांकी निकली, उसमें भी सभी महिला कलाकार ही थीं। जो सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए, उसमें भी करीब डेढ़ हज़ार बेटियों ने हिस्सा लिया था।

श्री मोदी ने कहा कि ‘मन की बात’ में हम ऐसे देशवासियों के प्रयासों को सामने लाते हैं, जो नि:स्वार्थ भावना के साथ समाज को, देश को, सशक्त करने का काम कर रहे हैं। ऐसे में तीन दिन पहले जब देश ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया है, तो ‘मन की बात’ में ऐसे लोगों की चर्चा स्वाभाविक है। इस बार भी ऐसे अनेक देशवासियों को पद्म सम्मान दिया गया है, जिन्होंने जमीन से जुड़कर समाज में बड़े-बड़े बदलाव लाने का काम किया है। इन प्रेरणादायी लोगों की जीवन-यात्रा के बारे में जानने को लेकर देशभर में बहुत उत्सुकता दिखी है।

उन्होंने कहा कि कहते हैं हर जीवन का एक लक्ष्य होता है, हर कोई एक लक्ष्य को पूरा करने के लिए ही जन्म लेता है। इसके लिए लोग पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं। हमने देखा है कि कोई समाज सेवा के माध्यम से, कोई सेना में भर्ती होकर, कोई अगली पीढ़ी को पढ़ाकर, अपने कर्तव्यों का पालन करता है, लेकिन हमारे बीच ही कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो जीवन के अंत के बाद भी समाज जीवन के प्रति अपने दायित्वों को निभाते हैं और इसके लिए उनका माध्यम होता है– अंगदान। हाल के वर्षों में देश में एक हजार से अधिक लोग ऐसे रहे हैं, जिन्होंने अपनी मृत्यु के बाद अपने अंगों का दान कर दिया। ये निर्णय आसान नहीं होता, लेकिन ये निर्णय कई जिंदगियों को बचाने वाला होता है। मैं उन परिवारों की भी सराहना करूंगा, जिन्होंने अपने करीबियों की आखिरी इच्छा का सम्मान किया।