ज्योतिग्राम योजना : मोदीजी की इच्छाशक्ति ने असंभव को संभव कर दिखाया

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    मोदी स्टोरी 

सौरभ पटेल
पूर्व कैबिनेट मंत्री, गुजरात सरकार

जिस चीज को दशकों से असंभव माना जाता रहा, उसे गुजरात के लोगों के लिए काम करने की श्री नरेन्द्र मोदी की इच्छाशक्ति ने संभव कर दिखाया। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘ज्योतिग्राम योजना’ के माध्यम से ग्रामीण परिवारों को 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति करने का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया।

यद्यपि ‘ज्योतिग्राम योजना’ 2006 में गुजरात के 18,000 गांवों के ग्रामीण परिवारों को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सफलतापूर्वक प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी, लेकिन इस कार्य को पूरा करना आसान नहीं था। यह तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की राजनीतिक इच्छाशक्ति ही थी, जिसने वास्तव में इस योजना को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए काम किया।

श्री सौरभ पटेल, पूर्व ऊर्जा मंत्री, गुजरात बताते हैं कि कैसे श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व ने ‘ज्योतिग्राम योजना’ को एक वास्तविकता बना दिया।

श्री नरेन्द्र मोदी चुनाव प्रचार के दौरान गुजरात के गांवों में जाते थे और ग्रामीण उनसे बिजली नहीं मिलने की शिकायत करते थे। श्री मोदी एक बार एक विशेष घटना से रूबरू हुए, जहां ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि रात के खाने के समय भी बिजली नहीं होती है। वे श्री मोदी से यह अनुरोध करने के लिए आगे बढ़े कि क्या वह कम से कम रात के खाने के समय बिजली प्रदान करने के लिए कुछ कर सकते है। और यही क्षण श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को मूर्त रूप देने वाला साबित हुआ।

‘ज्योतिग्राम योजना’ ने गुजरात के हर गांव को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान की। यह योजना इतनी सफल रही कि अब इसे राष्ट्रीय स्तर पर भी लागू किया जा रहा है। ऐसा था श्री नरेन्द्र मोदी का भविष्यवादी दृष्टिकोण

मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों और गुजरात बिजली बोर्ड से चर्चा शुरू की। नौकरशाहों ने इसे एक असंभव कार्य बताया, क्योंकि कृषि के लिए सब्सिडी वाली बिजली प्रदान करने वाले फीडरों का उपयोग घरों में बिजली प्रदान करने के लिए नहीं किया जा सकता है। इस पर श्री मोदी ने सब्सिडी वाली और कृषि बिजली के लिए अलग-अलग फीडर बनाने का फैसला किया।

जीईबी के अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया कि इसके लिए लाखों पोल, ट्रांसफार्मर और अलग वायरिंग की आवश्यकता होगी और इस कार्यों के लिए उनके पास मौजूद कार्यबल नाकाफी साबित हो सकता है।

लेकिन यह केवल श्री नरेन्द्र मोदी की इच्छाशक्ति ही थी जिसने उन्हें इस परियोजना के साथ आगे बढ़ने और इसकी घोषणा के लगभग 1000 दिनों के भीतर कार्य को पूरा करने के लिए प्रेरित किया।

वर्ष 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने प्रदेश में ‘ज्योतिग्राम योजना’ की शुरुआत की। उन्होंने इसे ग्रामीण भारत और राष्ट्र को मजबूत करने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम बताया।
‘ज्योतिग्राम योजना’ ने गुजरात के हर गांव को निर्बाध बिजली आपूर्ति प्रदान की। यह योजना इतनी सफल रही कि अब इसे राष्ट्रीय स्तर पर भी लागू किया जा रहा है। ऐसा था श्री नरेन्द्र मोदी का भविष्यवादी दृष्टिकोण।