बड़ी संख्या में निवेशकों की भागीदारी है परिवर्तन का संकेत : नरेन्द्र मोदी

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4.28 लाख करोड़ रुपए से अधिक की पूंजी निवेश के प्रस्ताव

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 21 फरवरी को उत्तर प्रदेश निवेशक सम्मेलन-2018 का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि जब परिवर्तन होता है तो वह प्रत्यक्ष रूप से दिखता है। उत्तर प्रदेश में इतने बड़े शिखर सम्मेलन का आयोजन और इसमें बड़ी संख्या में निवेशकों की भागीदारी अपने आप में परिवर्तन का संकेत है। उन्होंने कम समय में खुद को विकास और समृद्धि के रास्ते पर ले जाने के लिए राज्य को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य अपार संसाधनों और क्षमताओं से परिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कृषि इसकी सबसे बड़ी ताकत है। श्री मोदी ने मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ की सरकार को राज्य के नकारात्मक माहौल को सकारात्मकता और उम्मीद में बदलने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न क्षेत्रों के लिए सही और सक्षम नीतियां बना रही हैं। राज्य सरकार युवाओं, महिलाओं और किसानों से किये गये वायदों को पूरा करने के प्रति गंभीर है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रॉडक्ट की अवधारणा पर काम कर रही है। इस योजना को केंद्र की स्किल इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया और प्रधानमंत्री मुद्रा योजना जैसी तमाम योजनाओं से लाभ मिलेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना से कृषि क्षेत्र में होने वाली बर्बादी को रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती होने के कारण राज्य में इथेनोल उत्पादन की अपार क्षमता है। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक रक्षा औद्योगिक गलियारा बनाया जाएगा, जिससे बुंदेलखंड क्षेत्र के विकास में मदद मिलेगी।
केन्द्रीय वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने कहा कि यह समिट परिवर्तन की दिशा में उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि सरकारों के बदलने से किसी प्रान्त की स्थिति में भी परिवर्तन हो, यह जरूरी नहीं।

लेकिन वर्तमान सरकार ने राज्य की स्थिति में बदलाव लाने का इतिहास रचा है और यहां से आर्थिक स्थिति में परिवर्तन की शुरुआत हो रही है। उन्होंने कहा कि आज के समय में निवेशक के सामने यह विकल्प होता है कि वह निवेश को किस प्रान्त व किस देश में करे। निवेशकों को आकर्षित कर विकास की धारा को दिशा दी जा सकती है। निवेश से आर्थिक गतिविधि बढ़ती है, जिससे रोजगार में वृद्धि होती है और फिर राजस्व बढ़ता है। राजस्व बढ़ने से सरकार के संसाधन बढ़ते हैं। इन संसाधनों के बढ़ने से गरीबों की सेवा करने में मदद मिलती है। सोशल व फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर में बढ़ोत्तरी होती है। इन सबसे आकर्षित होकर निवेशक और पूंजी निवेश करता है और फिर यह विकास का चक्र चलता रहता है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने ‘यू.पी. इन्वेस्टर्स समिट’ के आयोजन की सफलता की चर्चा करते हुए कहा कि इसमें 10 देशों, 110 कम्पनियों, 100 मीडिया हाउसेज़ और 600 प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया, जिसमें 32 सत्रों के दौरान लगभग 120 वक्ताओं ने अपने विचार रखे। समिट में राज्य सरकार द्वारा निर्धारित 10 फोकस सेक्टर्स-एग्रो और फूड प्रोसेसिंग, डेयरी, हैण्डलूम एण्ड टेक्सटाइल, एम.एस.एम.ई., आईटी/आईटीईएस एण्ड स्टार्टअप, एलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, फिल्म, टूरिज्म, सिविल एविएशन और रिन्यूएबिल एनर्जी आदि के सम्बन्ध में व्यापक चर्चा हुई। साथ ही, डिफेन्स और एयरोस्पेस पर भी विशेष ध्यान केन्द्रित किया गया। इस दौरान 1,045 एमओयू हस्ताक्षरित हुए और 4.28 लाख करोड़ रुपए से अधिक की पूंजी निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए।

मुख्यमंत्री ने समिट में प्रतिभाग कर रही पार्टनर कण्ट्रीज-जापान, थाईलैण्ड, नीदरलैण्ड, फिनलैण्ड, चेक गणराज्य, स्लोवाकिया और मारिशस के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इन देशों द्वारा निवेश करने से प्रदेश में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा डिफेन्स कारिडोर के सम्बन्ध में की गई घोषणा को प्रदेश के लिए एक उपलब्धि बताते हुए कहा कि इसमें 20 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा, जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से निवेश की सम्भावनाएं बढ़ेंगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश को सबसे उपयुक्त निवेश स्थल की संज्ञा देते हुए कहा कि कानून व्यवस्था सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से बेहतर हुई है। उन्होंने कहा कि सिंगल विण्डो पोर्टल को डिजिटल क्लीयरेन्स के साथ जोड़े जाने से अब लालफीताशाही और प्रशासनिक विलम्ब का स्थान नहीं रहेगा। राज्य ने ‘ईज़ ऑफ़ डूइंग बिजनेस’ के क्षेत्र में एक लम्बी छलांग लगाई है। उत्तर प्रदेश में इस समिट के बाद एक नए युग की शुरुआत हो चली है।