वामपंथियों ने हिंसा की राजनीति को बढ़ावा दिया : अमित शाह

| Published on:

आजादी के 70 साल बाद भी यदि कम्युनिस्ट पार्टी यह समझती है कि हम हिंसा से भाजपा एवं संघ की विचारधारा को रोक देंगे तो मैं उनको स्पष्ट कहना चाहता हूं कि जितनी भी हिंसा करनी है, कर लीजिये लेकिन आप भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा को रोक नहीं सकते।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने केरल में भाजपा एवं विचार परिवार के कार्यकर्ताओं पर लगातार हो रहे हिंसक हमलों के खिलाफ विगत 03 अक्टूबर से जारी जनरक्षा यात्रा के 15वें व अंतिम दिन 17 अक्टूबर को परुथिप्परा से त्रिवेंद्रम तक पदयात्रा की।

जनरक्षा यात्रा के समापन अवसर पर त्रिवेंद्रम में आयोजित विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केरल में हिंसा के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी की लड़ाई अंत तक जारी रहेगी और भाजपा इसको जीत कर ही दम लेगी। सभा में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) श्री रामलाल एवं केरल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री के. राजशेखरन के अतिरिक्त कई गणमान्य नेता एवं संगठन पदाधिकारी उपस्थित थे। ज्ञात हो कि 15 दिनों तक चलने वाली जनरक्षा यात्रा की शुरुआत राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अमित शाह ने 03 अक्टूबर, 2017 को की थी और उन्होंने पयान्नूर से पिलाथारा तक पदयात्रा का नेतृत्व भी किया था। 15 दिनों के दौरान जनरक्षा यात्रा ने 11 जिलों से गुजरते हुए 140 किलोमीटर की यात्रा पूरी की और इस दौरान अलग-अलग समय इस यात्रा में लगभग सवा दो लाख लोग शामिल हुए, जबकि हजारों कार्यकर्ताओं ने इसमें भाग लिया।

जनरक्षा यात्रा के दौरान केरल के अलावे देश के सभी राज्यों की राजधानी में भी वामपंथी हिंसा के खिलाफ जनरक्षा यात्रा निकाल कर जनजागरण किया गया। देश की राजधानी दिल्ली में विगत 4 अक्टूबर से कल 16 अक्टूबर तक हर दिन जनरक्षा यात्रा निकाली गई और हजारों की संख्या में लोग लाल आतंक के खिलाफ पदयात्रा में शरीक हुए। केरल में जनरक्षा यात्रा के दौरान हर दिन भाजपा के कोई-न-कोई मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री अथवा संगठन के पदाधिकारियों ने केरल के भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पैदल मार्च किया और वामपंथी हिंसा के खिलाफ लोगों को एकजुट किया।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जनरक्षा यात्रा को जो समर्थन केरल की जनता ने दिया है, इसके लिए भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष के नाते मैं उनको करबद्ध धन्यवाद करना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि हमें केरल में जनरक्षा यात्रा इसलिए निकालना पड़ा है, क्योंकि आजादी के 70 साल बाद भी राज्य में ऐसी स्थिति है कि जब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता एवं संघ के स्वयंसेवक अपने विचार व संगठन के विस्तार के लिए काम करते हैं तो उनको मौत के घाट उतार दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी यदि कम्युनिस्ट पार्टी यह समझती है कि हम हिंसा से भाजपा एवं संघ की विचारधारा को रोक देंगे तो मैं उनको स्पष्ट कहना चाहता हूं कि जितनी भी हिंसा करनी है, कर लीजिये लेकिन आप भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा को रोक नहीं सकते। श्री शाह ने कहा कि मैं केरल के मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि केरल की जनता ने वाम मोर्चे को क्या निर्दोष कार्यकर्ताओं की हत्या करने के लिए जनादेश दिया है ?

श्री शाह ने कहा कि केरल में पिन्नाराई विजयन की सरकार बनने के इतने कम समय में ही भारतीय जनता पार्टी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 13 कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्याएं की जा चुकी हैं और सबसे ज्यादा हत्या केरल के मुख्यमंत्री के गृह जिले में हुई है। उन्होंने कहा कि मैं केरल के मुख्यमंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि आप इन हत्याओं की मोरल रिस्पॉन्सिबिलिटी लेने के लिए तैयार हैं या नहीं? उन्होंने केरल के मुख्यमंत्री को चुनौती देते हुए कहा कि विजयन जी, यदि आपको स्पर्द्धा करनी है तो विकास की कीजिये, गरीबी को दूर करने की कीजिये, देश को आगे ले जाने के लिए स्पर्द्धा कीजिये, हिंसा की राजनीति के जरिये आप केरल में किस प्रकार की राजनीति आगे बढ़ाना चाहते हैं ?

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि केरल में वामपंथी पार्टियों द्वारा हिंसा कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां वामपंथी पार्टियों का लंबे समय तक शासन रहा, उन्होंने हिंसा की राजनीति को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि केरल में जब-जब वामपंथी पार्टियों की सरकार आई, राजनीतिक हिंसा व हत्याओं का दौर चला। उन्होंने कहा कि 1996 से 2001 के कालखंड में लगभग 30 लोग राजनीतिक हिंसा के शिकार हुए, 2006 से 2011 के दौरान 28 लोग राजनीतिक हिंसा की बलि चढ़े और अब 2016 से आज तक 13 भाजपा एवं संघ कार्यकर्ताओं की नृशंस हत्या हो चुकी है। उन्होंने कहा कि न सिर्फ केरल, बल्कि पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में भी, जहां भी वामपंथी पार्टियों की सरकारें लंबे समय तक रही, वहां राजनीतिक हिंसा राजनीतिक संस्कृति का हिस्सा बनी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस भ्रष्टाचार एवं परिवारवाद के कारण देश से समाप्त हुई है तो कम्युनिस्ट पार्टी राजनीतिक हिंसा के कारण। उन्होंने केरल की धरती से मार्क्सवादी पार्टी को आगाह करते हुए कहा कि अभी भी समय है, संभल जाइए वरना केरल की जनता भी आपको उखाड़ कर फेंक देगी।

श्री शाह ने कहा कि जब केरल और दिल्ली सहित देश भर में जनरक्षा यात्रा चल थी तब सीताराम येचुरी ने कहा कि राजनीतिक दल के कार्यालय के सामने प्रदर्शन करना कितना उचित है। येचुरी जी, पहले आप अपने गिरेबां में झांक कर देखिये, हम तो शांतिपूर्ण एवं लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं, जबकि आपकी पार्टी ने तो भारतीय जनता पार्टी और संघ के कार्यालयों को बम से उड़ा दिया है, आपको बोलने का कोई अधिकार ही नहीं है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि 03 अक्टूबर को जनरक्षा यात्रा की शुरुआत के वक्त पर मैंने देश भर के ह्यूमन राइट्स के चैम्पियंस से अपील भी की थी और सवाल भी पूछा था कि देश में कोई भी छोटी सी घटना होती है तो आप कैंडल मार्च करने लगते हैं। केरल में पी. विजयन के नेतृत्व में कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार आते ही हमारे 13 कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या कर दी गई है, तनिक उनके लिए एक भी प्रदर्शन तो कीजिये।

श्री शाह ने कहा कि केरल के मुख्यमंत्री कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी डेवलपमेंट से जनता का ध्यान हटाना चाहती है और विकास पर जवाब देने के बजाय जनरक्षा यात्रा निकाल रही है। उन्होंने कहा कि विजयन जी, जब भी आपको चर्चा करनी हो, भारतीय जनता पार्टी विकास के मुद्दे पर हर वक्त चर्चा करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने केरल के विकास के लिए तीन साल में क्या किया है, मैं इसका जवाब अभी देने जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि केंद्र में जब कांग्रेस-नीत यूपीए की सरकार थी और जिसे वामपंथी पार्टियों का भी समर्थन प्राप्त था, तब केंद्र की यूपीए सरकार ने 13वें वित्त आयोग में केरल को 45,393 करोड़ रुपये की सहायता दी थी, जबकि 14वें वित्त आयोग में मोदी सरकार ने केरल को विकास के लिए 1,34,848 करोड़ रुपये की सहायता उपलब्ध करवाई है जोकि कांग्रेस शासन के 13वें वित्त आयोग की तुलना में लगभग 89,000 करोड़ रुपये अधिक है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश में समान विकास एवं भेदभाव रहित राजनीति की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि विजयन जी, हम तो अपने कामकाज का हिसाब दे रहे हैं, लेकिन कल आप केरल की जनता को हमारे 13 निर्दोष कार्यकर्ताओं की हत्या पर भी जवाब दीजिएगा। उन्होंने कहा कि विजयन जी, हमें मालूम है, आपके पास इस सवाल का जवाब देने की हिम्मत नहीं है, एक ओर देश भर में केरल में निर्दोष हत्याओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आपने इन्हीं 15 दिनों के दौरान हमारे कार्यकर्ता की हत्या के मुख्य आरोपी को एक ब्लॉक का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है, आपको शर्म आनी चाहिए!

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जनरक्षा यात्रा के प्रभाव से केरल के मुख्यमंत्री घबरा गए हैं। उन्होंने कहा कि विजयन जी के पहले केरल में कांग्रेस की सरकार थी तब सोलर स्कैम हुआ था, इसके लिए कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री ने ही एक कमीशन का गठन किया था, अब उस कमीशन की रिपोर्ट भी आ गई है और उस रिपोर्ट में तत्कालीन कांग्रेसी मुख्यमंत्री और उनके साथियों पर जो आरोप सोलर स्कैम के तहत लगाए गए थे, उसे सही पाया गया है लेकिन जनरक्षा यात्रा निकलने के बाद विजयन जी पूर्व मुख्यमंत्री पर कोई कदम उठाने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने प्रश्न पूछते हुए कहा कि विजयन जी, कांग्रेस के साथ आपकी ऐसी क्या डील हुई है जिससे आप त्वरित जांच के खिलाफ हो गए हैं? उन्होंने कहा कि आजादी के बाद हिंसा की राजनीति के सामने अब तक का सबसे बड़ा पैदल मार्च जनरक्षा यात्रा के रूप में निकला है, मैं इसके लिए सभी कार्यकर्ताओं को बधाई भी देता हूं और उनके हौसले की तारीफ़ भी करता हूं।