भाजपानीत केंद्र की राजग सरकार के भरपूर प्रयासों के कारण 17वीं लोकसभा 20 साल में सबसे ज्यादा उत्पादक रही। ज्यादा से ज्यादा काम हों, इसलिए बैठक की अवधि बढ़ाई जा रही है जिसके कारण उत्पादकता बढ़ रही है।
पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार 16 जुलाई तक लोकसभा की उत्पादकता 128% रही जो 20 वर्षों के दौरान आहूत किसी भी सत्र के मुकाबले सबसे ज्यादा है। इसने करीब-करीब 125% उत्पादकता वाले 2016 के बजट सत्र और फिर 2014 के शीत सत्र को पीछे छोड़ दिया।
सबसे ज्यादा उत्पादक दिन 11 जुलाई रहा जब सदन में रेल मंत्रालय के लिए लेखा अनुदान पर मध्य रात्रि तक बहस हुई। लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिड़ला ने लोकसभा सचिवालय को सुबह तक के लिए जरूरी वस्तुओं की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था, क्योंकि पहले सुबह 3 बजे तक सदन चलाने की योजना बनी थी। 16 जुलाई को भी लोकसभा की कार्यवाही मध्य रात्रि तक चली।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सदन की बिना रुकावट चली कार्यवाही पर कहा कि ज़रूरत हो तो सत्र को थोड़ा बढ़ाया जा सकता है, ताकि सारे काम निश्चित रूप से निपटा लिए जाएं। असल में सरकार नहीं चाहती कि कुछ अहम विधेयक लटके रहें। अब तक 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में आठ विधेयक पास हो चुके हैं। इस सत्र की खास बात ये भी है कि ज्यादातर नए सांसदों को बोलने का मौका मिला।