विद‌्युत उत्पादन की लागत घटाने के लिए मेरिट एप और ई-बिडिंग पोर्टल लांच

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केन्द्रीय विद्युत, कोयला, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और खान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने बिजली की खरीद के लिए स्वतंत्र विद्युत उत्पादकों (आईपीपी) के चयन हेतु राज्यों को ई-बिडिंग सोल्यूशन मुहैया कराने के लिए 5 जुलाई को ई-बिडिंग पोर्टल और मेरिट एप (आय एवं पारदर्शिता के कायाकल्प के लिए बिजली का मेरिट ऑर्डर डिस्पैच) लांच किए। घरेलू कोयले के उपयोग से जुड़ी लचीलापन योजना के तहत इनके घरेलू कोयले के हस्तांतरण के जरिए यह संभव हो पाएगा। गौरतलब है कि ई-बिडिंग पोर्टल को कुछ इस तरह से तैयार किया गया है, जिससे कि राज्यों को पारदर्शी एवं निष्पक्ष ढंग से संभावित आईपीपी से बिजली की खरीद के लिए निविदाएं आमंत्रित करने में सहूलियत हो सके।

इस अवसर पर श्री गोयल ने मीडिया को बताया कि ये दोनों ही पहल ‘स्पीड, स्किल एवं स्केल’ के जरिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘न्यूनतम सरकार एवं अधिकतम शासन’ के विजन की दिशा में की गई हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि मेरिट एप एवं वेब पोर्टल से कोयले का इष्टतम उपयोग संभव हो पाएगा, जिससे अगले पांच वर्षों में उपभोक्ताओं को लगभग 20,000 करोड़ रुपये की बचत होगी।

श्री गोयल ने कहा कि पारदर्शिता एवं जवाबदेही बढ़ाने और उपभोक्ताओं को अधिकतम लाभ हस्तांतरित करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग ‘काम करने वाली सरकार’के समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री के ‘नए भारत’ के विजन के अनुरूप किफायती, गुणवत्तापूर्ण एवं 24×7 बिजली तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

पिछले तीन वर्षों के दौरान भारत ने बिजली की उपलब्धता के मामले में तेजी से पर्याप्तता हासिल की है। अब समय आ गया है कि बेशकीमती एवं दुर्लभ ऊर्जा संसाधनों के इष्टतम उपयोग पर ध्यान केन्द्रित किया जाए, ताकि परिचालन में किफायत एवं दक्षता प्राप्त की जा सके।
राज्य/डिस्कॉम टैरिफ नीति, 2016 के तहत बिजली की खरीद के लिए मेरिट ऑर्डर का अनुसरण करेंगी और मेरिट ऑर्डर व्यवस्था में एकरूपता होनी चाहिए।

मेरिट एप के निम्नलिखित फायदे हैं:

-उपभोक्ता और सहभागी प्रशासन का सशक्तिकरण

-सीमांत परिवर्तनीय लागत एवं स्रोत वार बिजली की खरीद से संबंधित पारदर्शी सूचनाओं का प्रसार

-परिचालन में किफायत एवं दक्षता को बढ़ावा मिलता है

-उपक्रम के पोर्टफोलियो एवं इसकी जटिलता को समझने में मदद मिलती है

-विद्युत परिचालन लागत का अनुकूलन

घरेलू कोयले के उपयोग से जुड़ी लचीलापन योजना के तहत आईपीपी के ज्यादा दक्ष उत्पादन केन्द्रों को कोयले का हस्तांतरण किया जाता है, जिससे उत्पादन लागत घट जाती है और अंतत: उपभोक्ताओं के लिए बिजली की लागत कम हो जाती है।