मोदी का स्मार्ट चुनाव अभियान

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मोदी स्टोरी                                                     —तेज बहादुर चौहान

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अपनी चुनावी रणनीतियों और लोगों से जुड़ने की अपनी क्षमता के लिए जाने जाते हैं। उनके नवोन्वेषी सुझावों और लीक से हटकर विचारों ने पार्टी कार्यकर्ताओं को कड़ी मेहनत करना सिखाया है और उन्हें स्मार्ट बनाया है जिससे पिछले कई दशकों से भाजपा को पूरे देश में आगे बढ़ने में मदद मिली है।

2014 के बाद से विपक्षी दल श्री मोदी की चुनावी रणनीतियों के बारे में अनभिज्ञ रहे और यही एक कारण है कि देश ने श्री नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में चुना है।

हालांकि, श्री मोदी के स्मार्ट और नवोन्वेषी चुनाव अभियान भाजपा में उनके शुरुआती दिनों से ही पार्टी को चुनाव जीतने में मदद करते आये हैं।

यह बात वर्ष 1997-98 की है जब श्री नरेन्द्र मोदी मध्य प्रदेश भाजपा के प्रभारी थे और वह पार्टी की एक बैठक के लिए उज्जैन आये हुए थे।

मध्य प्रदेश के भाजपा नेता श्री तेज बहादुर चौहान उज्जैन में श्री नरेन्द्र मोदी के साथ अपनी बातचीत को याद करते हुए बताते है कि श्री मोदी ने उनसे उनकी जिम्मेदारियों और पार्टी द्वारा सौंपे गये कार्यों के बारे में चर्चा की। इस पर श्री चौहान ने उत्तर दिया कि वह पार्टी के झंडे और पर्चे बांटते हैं, हर घर में जाते हैं, शहर भर में लोगों से मिलते हैं और मतदाताओं को भाजपा को वोट देने के लिए प्रेरित करते हैं।

इसके बाद श्री मोदी ने उनसे उनके मूल स्थान को लेकर प्रश्न किया, साथ ही उनसे यह भी पूछा कि वह शहर भर में कितने झंडे बांटते हैं। श्री चौहान ने उत्तर दिया कि वे लगभग 15 हजार घरों वाले नागदा के निवासी हैं और शहर में 2500-3000 झंडे वितरित करते हैं।

उनका जवाब सुनकर श्री मोदी ने उनसे पूछा कि क्या आपके शहर में ऑटो रिक्शा चलते हैं। श्री मोदी के सवाल पर थोड़ा आश्चर्यचकित होते हुए श्री चौहान ने हां में जवाब दिया। तब श्री मोदी ने उन्हें सुझाव दिया कि आप 3000 पार्टी झंडे बांटने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, लेकिन हो सकता है कि आपको वांछित परिणाम न मिले, जबकि यदि आप शहर में विभिन्न ऑटो रिक्शा पर 50 पार्टी के झंडे लगा सकते हैं, तो वे पूरे शहर में घूमेंगे और घरों पर लगाए गए 3000 पार्टी के झंडों की तुलना में लोगों के बीच पार्टी के झंडे को अधिक पहुंच प्रदान करेंगे।

श्री मोदी के सुझाव को पाकर श्री चौहान आश्चर्यचकित रह गये। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि यह एक सामान्य विचार प्रक्रिया थी, लेकिन इसका उन्हें कभी आभास नहीं हुआ। उनका कहना है कि श्री मोदी के सुझाव से उन्हें स्मार्ट तरीके से काम करने में मदद मिली और पार्टी के लिए बेहतर परिणाम मिले।