राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने रचा इतिहास

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भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनी

भारत की राजनीति में एक अभूतपूर्व इतिहास लिखने वाली राष्ट्रपति पद की राजग उम्मीदवार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने 21 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव में भारी जीत दर्ज की और 25 जुलाई को संसद के केंद्रीय कक्ष में देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। भारत के प्रधान न्यायाधीश श्री एन.वी. रमण ने उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलायी। शपथ ग्रहण समारोह में जाने से पहले श्रीमती मुर्मू राष्ट्रपति भवन पहुंचीं, जहां निर्वतमान राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने उनका स्वागत किया।

संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह से पहले निवर्तमान राष्ट्रपति और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति संसद पहुंचे। उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति सर्वश्री एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद् के सदस्य, कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, संसद सदस्य आदि समारोह में शामिल हुए।

राष्ट्रपति चुनाव में श्रीमती मुर्मू को कुल 6,76,803 वोट मिले, जबकि श्री सिन्हा को 3,80,177 वोट प्राप्त हुए। मत प्रतिशत के हिसाब से श्रीमती मुर्मू को 64 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए, जबकि श्री यशवंत सिन्हा को 36 प्रतिशत वोट मिले

राष्ट्रपति के चुनाव हेतु 18 जुलाई को नई दिल्ली स्थित संसद भवन और सभी राज्यों की राजधानियों राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केन्द्रशासित प्रदेश पुडुचेरी सहित में मतदान हुआ। मतदान के पात्र कुल 4796 मतदाताओं (771 सांसद और 4025 विधायक) में से 4754 मतदाताओं (763 सांसद और 3991 विधायक) ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

मतगणना 21 जुलाई को हुई। भाजपानीत राजग की उम्मीदवार श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को 2,824 मतदाताओं के वोट प्राप्त हुए, जिनमें 540 सांसदों के वोट भी शामिल हैं। वहीं, विपक्ष के उम्मीदवार श्री यशवंत सिन्हा को 1,187 मतदाताओं के मत मिले, जिनमें 208 सांसदों के वोट भी शामिल हैं।
राष्ट्रपति चुनाव में श्रीमती मुर्मू को कुल 6,76,803 वोट मिले, जबकि श्री सिन्हा को 3,80,177 वोट प्राप्त हुए। मत प्रतिशत के हिसाब से श्रीमती मुर्मू को 64 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए, जबकि श्री यशवंत सिन्हा को 36 प्रतिशत वोट मिले।

मतगणना समाप्त होने के बाद इस चुनाव के निर्वाचन अधिकारी, राज्यसभा के महासचिव ने 21 जुलाई को श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को भारत के अगले राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित घोषित किया।

राष्ट्रपति पद के लिए राजग उम्मीदवार के रूप में श्रीमती मुर्मू के निर्वाचन ने पूरे विश्व को भारतीय लोकतंत्र के समावेशी मूल्यों का संदेश दिया। यह दिल छू लेने वाला अनुपम उदाहरण है कि कैसे जीवंत लोकतंत्र में एक व्यक्ति समाज के निम्न पायदान से व्यवस्था के शीर्ष पद पर पहुंच सकता है। विपक्ष के लिए यह राष्ट्रपति चुनाव घोर विफलता का प्रमाण है। न ही वैचारिक स्तर पर और न ही उम्मीदवार के चयन पर विपक्ष एकजुट हो सका। उल्लेखनीय है कि विपक्ष के अनेक मतदाताओं ने श्रीमती मुर्मू के पक्ष में अपना मत दिया।

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की पहली आदिवासी राष्ट्रपति

श्रीमती द्रौपदी मुर्मू दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की पहली आदिवासी राष्ट्रपति हैं। वह संथाल जनजाति से आती हैं।

श्रीमती मुर्मू का जन्म 20 जून, 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में एक संथाल परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री बिरंचि नारायण टुडु है। उनके दादा और उनके पिता दोनों ही उनके गाँव के प्रधान रहे।

वह मयूरभंज जिले की कुसुमी तहसील के गांव उपरबेड़ा में स्थित एक स्कूल से पढ़ी हैं। यह गांव दिल्ली से लगभग 2,000 किमी और ओडिशा के भुवनेश्वर से 313 किमी दूर है। उन्होंने श्री श्याम चरण मुर्मू से विवाह किया था। अपने पति और दो बेटों के निधन के बाद श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने अपने घर में ही स्कूल खोल दिया, जहां वह बच्चों को पढ़ाती थीं। उस बोर्डिंग स्कूल में आज भी बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। उनकी एकमात्र जीवित संतान उनकी पुत्री विवाहिता हैं और भुवनेश्वर में रहती हैं।

श्रीमती मुर्मू ने एक अध्यापिका के रूप में अपना व्यावसायिक जीवन शुरू किया और उसके बाद धीरे-धीरे सक्रिय राजनीति में कदम रखा। साल 1997 में उन्होंने रायरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में जीत दर्ज कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।

मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है: द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों के प्रतीक इस पवित्र संसद भवन से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं। आपकी आत्मीयता, आपका विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे।

उन्होंने कहा कि भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं। आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है।

श्रीमती मुर्मू ने कहा कि मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है, जब हम अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं और आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा। उन्होंने कहा कि ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का जश्न मना रहा था तभी उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में उन्हें यह नया दायित्व मिला है।

राष्ट्रपति ने कहा कि मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूं जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है। हमारे स्वाधीनता सेनानियों ने आजाद हिंदुस्तान के हम नागरिकों से जो अपेक्षाएं की थीं, उनकी पूर्ति के लिए इस अमृतकाल में हमें तेज गति से काम करना है। उन्होंने कहा कि इन 25 वर्षों में अमृतकाल की सिद्धि का रास्ता दो पटरियों… ‘सबका प्रयास और सबका कर्तव्य’ पर आगे बढ़ेगा।

श्रीमती मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना, मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, ये भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है। मेरा निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख भी सकता है और उन्हें पूरा भी कर सकता है।

भारत ने इतिहास रचा है: नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी। ट्वीट्स की एक शृंखला में श्री मोदी ने कहा कि भारत ने इतिहास रचा है। ऐसे समय में जब 1.3 अरब भारतीय ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहे हैं, भारत के जनजातीय समुदाय की बेटी को हमारा राष्ट्रपति चुना गया है, जिनका जन्म पूर्वी भारत के एक सुदूर हिस्से में हुआ था। श्रीमती द्रौपदी मुर्मूजी को इस उपलब्धि पर बधाई।

उन्होंने कहा कि श्रीमती द्रौपदी मुर्मूजी का जीवन, उनके शुरुआती संघर्ष, उनकी समृद्ध सेवा और उनकी अनुकरणीय सफलता प्रत्येक भारतीय को प्रेरित करती है। वे हमारे नागरिकों, विशेष रूप से गरीबों, वंचितों और कमजोर वर्गों के लिए आशा की किरण के रूप में उभरी हैं।

श्री मोदी ने कहा कि श्रीमती द्रौपदी मुर्मूजी श्रेष्ठ विधायक और मंत्री रही हैं। झारखंड के राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल उत्कृष्ट रहा है। मुझे यकीन है कि वे एक विशिष्ट राष्ट्रपति होंगी, जो सामने से नेतृत्व करेंगी और भारत की विकास यात्रा को मजबूत करेंगी।

उन्होंने कहा कि मैं विभिन्न दलों के उन सभी सांसदों और विधायकों को धन्यवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने श्रीमती द्रौपदी मुर्मूजी की उम्मीदवारी का समर्थन किया है। उनकी रिकॉर्ड जीत हमारे लोकतंत्र के लिए अच्छी बात है।

यही नहीं, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें भारत के राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने पर बधाई दी। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया— “श्रीमती द्रौपदी मुर्मूजी से मुलाकात की और उन्हें बधाई दी।”

जनजातीय समाज की महिला का राष्ट्रपति पद तक पहुंचना देश के लिए स्वर्णिम क्षण: जगत प्रकाश नड्डा

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से मिलकर उन्हें बधाई दी। सिलसिलेवार ट्वीट में श्री नड्डा ने कहा कि आदरणीया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को देश के 15वें राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित होने पर उन्हें बधाई दी।

उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज की महिला का राष्ट्रपति पद तक पहुंचना, देश के लिए स्वर्णिम क्षण हैं, मुझे विश्वास है कि आपके प्रशासनिक व सामाजिक कार्यों की दक्षता व अनुभव से राष्ट्र को अप्रतिम लाभ मिलेगा।

श्री नड्डा ने कहा कि अंत्योदय का लक्ष्य लेकर सामाजिक परिवर्तन से राष्ट्र निर्माण में रत आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज श्रीमती द्रौपदी मुर्मूजी का देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होना दर्शाता है कि भाजपा सरकार हर वर्ग के कल्याण हेतु संकल्पबद्ध है।

भाजपा ने ‘अभिनंदन यात्रा’ के साथ पूरे देश में मनाया जश्न

जैसे ही आधिकारिक रूप से यह घोषणा की गई कि श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने कुल वोटों का 50 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किया, भाजपा ने ‘अभिनंदन यात्रा’ के साथ पूरे देश में जश्न मनाना शुरू कर दिया। श्रीमती मुर्मू की अजेय बढ़त को देखते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा, राष्ट्रपति चुनाव संयोजक एवं केन्द्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, सह संयोजक एवं भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री सर्वश्री विनोद तावड़े एवं सी.टी. रवि एवं केन्द्रीय मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचे। दिल्ली भाजपा के सभी सात सांसद भी कार्यालय में उपस्थित थे।

श्री जगत प्रकाश नड्डा ने दिल्ली भाजपा कार्यालय से नवनिर्वाचित राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के निवास तक ‘अभिनंदन यात्रा’ का नेतृत्व किया।

बाद में, श्री जगत प्रकाश नड्डा, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ श्रीमती मुर्मू के आवास गए, जहां उन्होंने उन्हें राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी। प्रदेश भाजपा कार्यालयों में भी जश्न मनाया गया। लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री सर्वश्री केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक ने श्रीमती मुर्मू को देश की 15वीं राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी।

मध्यप्रदेश में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री विष्णुदत्त शर्मा सहित अनेक पार्टी नेताओं ने भोपाल और आदिवासी क्षेत्रों में आयोजित समारोहों में भाग लिया। कर्नाटक में, भाजपा के पदाधिकारी और कार्यकर्ता श्रीमती मुर्मू की जीत का जश्न मनाने के लिए बेंगलुरु स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में एकत्र हुए।

राजग शासित बिहार में उपमुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद एवं पार्टी के अन्य नेताओं ने समारोह में भाग लिया। उपमुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी ने अपने गृह जिले में जश्न मनाया।

देश भर में, विशेष रूप से राज्यों के आदिवासी क्षेत्रों में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और स्थानीय भाजपा विधायकों के नेतृत्व में समारोह आयोजित किए गए।

वैश्विक नेताओं ने दी बधाई

श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने पर दुनियाभर के नेताओं ने इसे भारतीय लोकतंत्र की जीत करार दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति श्री जो बाइडन ने अपने संदेश में कहा कि एक आदिवासी महिला का राष्ट्रपति जैसे पद पर पहुंचना भारतीय लोकतंत्र की मजबूती का प्रमाण है।

उन्होंने कहा कि मुर्मू का निर्वाचन इस बात का प्रमाण है कि जन्म नहीं, व्यक्ति के प्रयास उसकी नियति तय करते हैं। वहीं, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री श्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्र प्रमुख पद पर पहुंचना उनकी ऊंची शख्सियत का ही परिणाम है।

फ्रांस के राष्ट्रपति श्री एमैनुएल मैक्रों ने श्रीमती मुर्मू को राष्ट्रपति बनने पर बधाई दी। नेपाल के प्रधानमंत्री श्री शेर बहादुर देउबा ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर वह द्रौपदी मुर्मू को बधाई देते हैं।

चीन के राष्ट्रपति श्री शी चिनफिंग ने श्रीमती मुर्मू को बधाई देते हुए कहा कि वह दोनों देशों के बीच आपसी राजनीतिक विश्वास बढ़ाने और मतभेदों को दूर करने की दिशा में उनके साथ मिलकर काम करने के लिए तैयार हैं।

राष्ट्रपति चुनाव में प्रभावी जीत दर्ज करने के लिए श्रीमती द्रौपदी मुर्मूजी को बधाई। वे गांव, गरीब, वंचितों के साथ-साथ झुग्गी-झोपड़ियों में भी लोक कल्याण के लिए सक्रिय रहीं हैं। आज वे उनके बीच से निकलकर सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंची हैं। यह भारतीय लोकतंत्र की ताक़त का प्रमाण है।

                                                                                                                  – राजनाथ सिंह
                                                                                                                       रक्षा मंत्री

एक अति सामान्य जनजातीय परिवार से आनेवाली राजग प्रत्याशी श्रीमती द्रौपदी मुर्मूजी का भारत का राष्ट्रपति चुना जाना पूरे देश के लिए अत्यंत गौरव का पल है, उन्हें बधाई देता हूं। यह विजय अन्त्योदय के संकल्प को चरितार्थ करने व जनजातीय समाज के सशक्तीकरण की दिशा में एक मील का पत्थर है।

                                                                                                         – अमित शाह
                                                                                                 केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री

श्रीमती द्रौपदी मुर्मूजी को राष्ट्रपति चुनाव में मिली ऐतिहासिक विजय और भारत के 15वें राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित होने पर हार्दिक बधाई। श्रीमती मुर्मूजी देश की राष्ट्रपति बनी हैं, यह संपूर्ण देश के लिए गौरव की बात है। राष्ट्रपति पद पर उनका कार्यकाल पूर्णतः सफल रहेगा, यह मुझे विश्वास है।

  .                                                                                                    नितिन गडकरी
                                                                                   केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री

आज का दिन भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक व हर प्रकार से यह देश को प्रगति देगा। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी ने एक समाज को उच्च स्थान देकर संदेश दिया कि इस देश में सबके लिए स्थान है। श्रीमती द्रौपदी मुर्मूजी को मैं हृदय से बधाई देता हूं।

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                                                                केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले

                                                           और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री

 

  जीवन परिचय

1958: महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून, 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के रायरंगपुर के पास बैदापोसी गांव में एक संताली परिवार में हुआ था। उनके परिवार ने उनका नाम पुति टुडू रखा। इसके बाद स्कूल की एक शिक्षिका ने उसका नाम बदलकर द्रौपदी कर दिया।
1979: रमा देवी महिला विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर से बीए की डिग्री के साथ स्नातक किया।
1979: ओडिशा सरकार के सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम करना शुरू किया।
1994: अरबिंदो इंटीग्रल एजुकेशन सेंटर, रायरंगपुर, ओडिशा में अध्यापन आरंभ किया
1997: उन्होंने 1997 में ओडिशा प्रदेश की रायरंगपुर नगर निकाय के पार्षद और उपाध्यक्ष के रूप में अपने राजनीतिक जीवन शुरुआत की।
1997: उन्हें ओडिशा भाजपा एसटी मोर्चा का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया।
2000: जब भाजपा और बीजू जनता दल ने गठबंधन सरकार बनाई, तो वह रायरंगपुर से विधायक चुनी गयीं।
2000: इस साल उन्हें ओडिशा सरकार में परिवहन और वाणिज्य विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में नियुक्त किया गया।
2002: उन्हें ओडिशा सरकार में मत्स्य पालन और पशुपालन राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया और साल 2004 तक वह इस पद पर रहीं।
2004: रायरंगपुर निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर पुन: विधायक चुनी गयीं।
2006: ओडिशा भाजपा आदिवासी मोर्चा की अध्यक्ष नियुक्त की गयीं।
2007: उन्हें ओडिशा विधान सभा द्वारा वर्ष 2007 में सर्वश्रेष्ठ विधायक के लिए ‘नीलकंठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
2015: श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को झारखंड की राज्यपाल नियुक्त किया गया। वह झारखंड के राज्यपाल का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा करने वाली पहली महिला थीं।
2022: 21 जुलाई, 2022 को भारत की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में चुनी गयीं। उन्होंने 18 जुलाई, 2022 को हुए राष्ट्रपति चुनाव में 64 प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किए।