न गाली से, न गोली से, परिवर्तन होगा गले लगाने से : नरेन्द्र मोदी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को 71वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली समस्त महान विभूतियों का स्मरण किया। साथ ही उन्होंने यह बात भी रेखांकित की कि वर्तमान वर्ष निश्चित तौर पर विशेष है, क्योंकि यह भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ, चम्पारण सत्याग्रह की 100वीं वर्षगांठ और बाल गंगाधर तिलक से प्रेरित “सार्वजनिक गणेश उत्सव” के समारोह की 125वीं वर्षगांठ है।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। श्री मोदी ने कहा कि राष्ट्र ने वर्ष 1942 और 1947 के बीच सामूहिक शक्ति का प्रदर्शन किया था, जिसकी परिणति भारत की स्वाधीनता के रूप में हुई। उन्होंने कहा कि हमें वर्ष 2022 तक एक नये भारत के सृजन के लिए समान सामूहिक दृढ़ निश्चय और संकल्प का प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने विशेष बल देते हुए कहा कि हमारे देश में सभी एक समान हैं और हम आपस में मिलकर गुणात्मक बदलाव ला सकते हैं। प्रधानमंत्री ने सकारात्मक बदलाव सुनिश्चित करने के लिए ‘चलता है’ दृष्टिकोण को छोड़ “बदल सकता है” नजरिया अपनाने का आह्वान किया।

प्रधानमंत्री ने जीएसटी पर अमल को सहकारी संघवाद का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि आज गरीब वित्तीय समावेश की पहल के जरिए मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि सुशासन का वास्ता निश्चित तौर पर प्रक्रियाओं की तेज गति और सरलीकरण से है। जम्मू-कश्मीर का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा, “न गाली से, न गोली से, परिवर्तन होगा गले लगाने से।”

श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है तथा सर्जिकल स्ट्राइक ने इसे रेखांकित किया है। उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर भारत की हैसियत बढ़ रही है और कई देश आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए भारत के साथ सहयोग कर रहे हैं। विमुद्रीकरण का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने देश और गरीबों को लूटा है, वे चैन से सो नहीं पा रहे हैं और आज ईमानदारी का जश्न मनाया जा रहा है। उन्होंने विशेष बल देते हुए कहा कि कालेधन के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी और प्रौद्योगिकी पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मददगार साबित होगी। उन्होंने लोगों का आह्वान किया कि वे डिजिटल लेन-देन को और ज्यादा बढ़ावा दें।

प्रधानमंत्री ने नये भारत के अपने विजन का उल्लेख करते हुए कहा, “तंत्र से लोक नहीं, लोक से तंत्र चलेगा।’ प्रधानमंत्री ने इस वर्ष रिकॉर्ड फसल पैदावार के लिए किसानों और कृषि वैज्ञानिकों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस वर्ष 16 लाख टन दालों की खरीदारी की है, जो विगत वर्षों में की गई खरीदारी की तुलना में बहुत अधिक है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रौद्योगिकी के बदलते स्वरूप के परिणामस्वरूप आज रोजगार के लिए कुछ भिन्न कौशल की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि युवाओं को कुछ इस तरह से कौशल युक्त किया जा रहा है, जिससे कि वे रोजगार मांगने की बजाय रोजगार सृजित करें।

‘तीन तलाक’ से पीड़ित महिलाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस परम्परा के खिलाफ आवाज उठाने वाली महिलाओं के साहस की सराहना करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्र इस संघर्ष में उनके साथ खड़ा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत शांति, एकता और सौहार्द का हिमायती है। उन्होंने कहा कि जातिवाद और सम्प्रदायवाद से हमारा भला नहीं होगा। उन्होंने आस्था के नाम पर हिंसा करने वालों की कटु आलोचना की और कहा कि भारत इसे बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान “भारत छोड़ो” का आह्वान किया गया था, जबकि आज “भारत जोड़ो” का आह्वान करने की आवश्यकता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वी भारत और पूर्वोत्तर भारत के विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार विकास की गति को मंद किए बगैर ही देश को प्रगति के नये मार्ग पर ले जा रही है।

शास्त्रों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “अनियत कालहा प्रभुतयो विप्लवन्ते”, जिसका अर्थ यह है कि यदि हम सही समय पर सही कदम नहीं उठाएंगे तो हम अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि यह “टीम इंडिया” के लिए “नये भारत” का संकल्प लेने का बिल्कुल सही समय है।

उन्होंने एक ऐसे नये भारत के सृजन का आह्वान किया, जिसमें गरीबों के पास अपना मकान होगा, पानी एवं बिजली की सुविधाएं उन्हें सुलभ होंगी, किसान चिंता मुक्त होंगे एवं आज के मुकाबले उनकी आमदनी दोगुनी होगी। उन्होंने कहा कि यह ऐसा नया भारत होगा जिसमें युवाओं एवं महिलाओं के पास अपने सपनों को साकार करने के लिए पर्याप्त अवसर होंगे। उन्होंने कहा कि यह ऐसा नया भारत होगा, जो आतंकवाद, सम्प्रदायवाद, जातिवाद, भ्रष्टाचार एवं भाई-भतीजावाद से मुक्त होगा और इसके साथ ही स्वच्छ एवं स्वस्थ भी होगा। प्रधानमंत्री ने शौर्य पुरस्कार विजेताओं के सम्मान में एक वेबसाइट लांच करने की घोषणा की।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण की मुख्य बातें

4यह वर्ष आजाद भारत के लिए एक विशेष वर्ष है। अभी पिछले सप्ताह ही भारत छोड़ो आंदोलन का 75 साल हमने स्मरण किया। हम चम्पारण सत्याग्रह की शताब्दी मना रहे हैं। यह साबरमती आश्रम की शताब्दी का भी वर्ष है। यह वर्ष है लोकमान्य तिलक की उस घोषणा का 125वां वर्ष है जिसमें उन्होंने कहा था कि स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है।

421वीं सदी का भाग्य ये नौजवान बनाएंगे जिनका जन्म 21वीं सदी में हुआ है और अब 18 साल होने पर है। मैं इन सभी नौजवानों को हृदय से बहुत-बहुत स्वागत करता हूं, सम्मान करता हूं और उनका अभिनंदन करता हूं।

-मैं समझता हूं, चलता है का जमाना चला गया, अब तो आवाज यही उठे कि बदला है, बदल रहा है, बदल सकता है; यही विश्वास हमारे भीतर होगा, तो अपने-आप बहुत बड़ा परिवर्तन आता है और संकल्प सिद्धि में परिवर्तित हो जाता है।

-गरीबों को लूटकर के तिजोरी भरने वाले लोग आज चैन की नींद नहीं सो पा रहे हैं और उससे मेहनतकश और ईमानदार व्यक्ति का भरोसा बढ़ता है। आज ईमानदारी का महोत्सव मनाया जा रहा है और बेईमानी के लिए सिर छुपाने की जगह नहीं बच रही है। ये काम एक नया भरोसा देता है। 800 करोड़ रुपए से ज्यादा बेनामी संपत्ति सरकार ने जब्त कर ली है।

-‘वन रैंक-वन पेंशन’ का अटका हुआ मामला हल किये जाने से हमारे फौजियों की आशा-आकांक्षाएं पूरी हुई हैं जिससे देश के लिए मर-मिटने की उनकी ताकत और बढ़ जाती है।

-आज दुगुनी रफ्तार से सड़के बन रही हैं, आज दुगुनी रफ्तार से रेलवे की पटरियां बिछाई जा रही हैं, आज 14 हजार से ज्यादा गांव, जो आजादी के बाद भी अंधेरे में पड़े हुए थे, वहां तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है और देश उजाले की तरफ बढ़ रहा है।

-वक्त बदल चुका है। आज सरकार जो कहती है वो करने के लिए संकल्पबद्ध नजर आती है। चाहे हमने इंटरव्यू खत्म करने की बात की हो, चाहे हमने प्रोसेस को खत्म करने की बात की हो।

-आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आज हम अकेले नहीं हैं। दुनिया के कई देश हमें सक्रिय रूप से मदद कर रहे हैं। हमारे वैश्विक संबंध भारत की शांति एवं सुरक्षा में भी एक नया आयाम जोड़ रहे हैं।

-जम्मू-कश्मीर का विकास, जम्मू-कश्मीर की उन्नति, जम्मू-कश्मीर के सामान्य नागरिक के सपनों को पूरा करने का प्रयास, ये जम्मू-कश्मीर की सरकार के साथ-साथ, हम देशवासियों का भी संकल्प है। कश्मीर समस्या ‘न गाली से सुलझने वाली है, न गोली से। यह समस्या हर कश्मीरी को गले लगा कर के सुलझने वाली है। सवा सौ करोड़ का यह देश इसी परम्परा से पला बढ़ा है।

-आतंकवाद के खिलाफ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। आतंकवादियों को बार-बार हमने कहा है कि आप मुख्यधारा में आइये। भारत के लोकतंत्र में आपकी बात करने के लिये पूरा अधिकार है, पूरी व्यवस्था है।

-जब कोई भी काम अटक जाता है, रुक जाता है तो सबसे ज्यादा नुकसान मेरे गरीब परिवारों को होता है। हमने रूकी हुई परियोजनाओं पर ध्यान दिया है। इन चीजों में बदलाव लाने के लिए हमने नई-नई टैक्नोलोजी Geo-Technology, Space-Technology, इन सारी चीजों को जोड़ करके हमने उसमें परिवर्तन लाने का प्रयास किया है।

-‘नई इंडिया’ हमारी सबसे बड़ी ताकत है, लोकतंत्र है। हम ‘नई इंडिया’ में उस लोकतंत्र पर बल देना चाहते हैं जिसमें तंत्र से लोक नहीं, लेकिन लोगों से तंत्र चले, ऐसा लोकतंत्र ‘नई इंडिया’ की पहचान बने, उस दिशा में हम जाना चाहते हैं।

-नोटबंदी में सवा सौ करोड़ देशवासियों ने जिस धैर्य को दिखाया, उसी का परिणाम है कि हम आज भ्रष्टाचार के खिलाफ नकेल लगाने में एक के बाद एक कदम उठाने में सफल हो रहे हैं।

-देश में दाल का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। हिन्दुस्तान में सरकार द्वारा दाल खरीदने की परंपरा नहीं रही है, इस बार जब मेरे देश के किसानों ने दाल उत्पादन करके गरीब को पौष्टिक आहार देने का काम किया, तो सरकार ने 16 लाख टन दाल खरीदने का ऐतिहासिक कार्य किया।

-प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत शुरू की गई योजानाओं में से 21 योजना हम पूर्ण कर चुके हैं और बाकी 50 योजनाएं आने वाले कुछ समय में पूर्ण हो जाएंगी। 2019 के पहले कुल 99 बड़ी-बड़ी योजनाएं को परिपूर्ण करके किसान के खेत तक पानी पहुंचाने का काम हम पूर्ण कर देंगे।

-भारत सरकार ने ‘प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना’ लागू की है। जिसके कारण उन व्यवस्थाओं का निर्माण किया जाएगा जो बीज से बाजार तक किसान की मदद करेंगे।
-रोजगार से जुड़ी योजनाओं में, ट्रेनिंग के तरीके में 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुसार, मानव संसाधन विकास के लिए भारत सरकार ने अनेक नई योजनाएं हाथ में ली हैं। नौजवानों को बिना गारंटी बैंकों से पैसा मिले इसके लिए बहुत बड़ा अभियान चलाया है।

-पिछले तीन वर्ष में 6 IIT, 7 नए IIM, 8 नए IIIT, इसका निर्माण किया है और शिक्षा को नौकरी के अवसरों के साथ जोड़ने का काम भी हमने किया है।

-पूरे देश में तीन-तलाक के खिलाफ एक माहौल बना है। मैं इस आंदोलन को चलाने वाली बहनों को, जो तीन-तलाक के खिलाफ लडाई लड़ रही हैं, हृदय से उनका अभिनदंन करता हूं और मुझे विश्वास है कि माताओं-बहनों को अधिकार दिलाने में, उनकी इस लड़ाई में देश उनकी पूरी मदद करेगा।

-हमारा भविष्य निर्माण करने के लिए हमारी माताओं, बहनों का योगदान बहुत बड़ा होता है, और इसलिए Maternity Leave जो 12 सप्ताह की थी, वो 26 सप्ताह, उसमें आय चालू रहेगी, इस प्रकार से देने का काम किया है।

-कभी-कभी आस्था के नाम पर धैर्य के अभाव में कुछ लोग ऐसी चीजें कर बैठते हैं, जो समाज के ताने-बाने को बिखेर देती हैं। आस्था के नाम पर हिंसा का रास्ता, इस देश में कभी भी चल नहीं सकता, यह देश कभी स्वीकार नहीं कर सकता है। मैं देशवासियों से आग्रह करूंगा, उस समय ‘भारत छोड़ो’ का नारा था, आज नारा है ‘भारत जोड़ो’।

-भ्रष्टाचार मुक्त भारत एक बड़ा अहम काम है, हम उस पर बल देने का प्रयास कर रहे है। सरकार बनने के बाद पहला काम किया था SIT बनाने का। आज तीन साल के बाद मैं देशवासियों को बताना चाहता हूं, गर्व से बताना चाहता हूं कि तीन साल के भीतर-भीतर, करीब-करीब सवा लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा कालाधन को हमने खोज दिया है, उसको पकड़ा है और उसको surender करने के लिए मजबूर किया है।

-नोटबंदी के द्वारा हमने अनेक महत्वपूर्ण सफलताएं प्राप्त की हैं। अभी जो रिसर्च हुआ है, करीब तीन लाख करोड़ रुपए…। ये सरकार ने रिसर्च नहीं की है, बाहर के एक्सपर्ट ने की है। नोटबंदी के बाद तीन लाख करोड़ रुपए, बैंकिंग सिस्टम में वापस आए है।

401 अप्रैल से 05 अगस्त तक इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाले नए व्यक्तिगत करदाताओं की संख्या 56 लाख। पिछले साल इसी अवधि में ये संख्या सिर्फ 22 लाख थी। दुगुने से भी ज्यादा! ये कारण कालेधन के खिलाफ हमारी लड़ाई का परिणाम है। नोटबंदी के बाद जब data-mining किया गया। तीन लाख ऐसी कंपनियां पाई गईं हैं, जो सिर्फ और सिर्फ shell कंपनियां हैं। हवाला का कारोबार करती हैं। तीन लाख, कोई कल्पना कर सकता है। और उसमें से पौने दो लाख का रजिस्ट्रेशन हमने कैंसिल कर दिया है। देश का माल लूटने वालों को जवाब देना पड़ेगा, ये काम हमने कर के दिया।

-हम युवाओं को बढ़ावा दे रहे हैं और वे रोजगार मांगने वाले नहीं बल्कि रोजगार देने वाले बन रहे हैं।

-विश्व का सबसे बड़ा युवा वर्ग हमारे देश में है–आईटी का जमाना है, आइए हम डिजिटल लेन की दिशा में आगे बढ़े।

-शास्त्रों में कहा गया है अनियत काला: प्रवृत्तयो विप्लवन्ते – सही समय पर अगर कोई कार्य पूरा नहीं किया, तो मन चाहे नतीजे नहीं मिलते। इसलिए टीम इंडिया के लिए न्यू इंडिया के संकल्प का सही समय यही है।

-हम देश को विकास के नए मार्ग पर पूरी गति के साथ ले जा रहे है।

-राष्ट्र शांति, एकता और सद्भाव के साथ आगे बढ़ रहा है।

-हम पूर्वी भारत, बिहार, असम, पश्चिम बंगाल, ओडिसा, पूर्वोत्तर पर विशेष ध्यान दे रहे है। इन क्षेत्रों का तेजी से विकास करना होगा।

-हम सब मिलकर एक ऐसा भारत बनाएंगे, जहां गरीब के पास पक्का घर होगा, बिजली होगी, पानी होगा।

-हम सब मिलकर एक ऐसा देश बनाएंगे जहां देश का किसान चिंता में नहीं, चैन से सोएगा, आज वो जितना कमा रहा है, उससे दोगुना कमाएगा।

-हम सब मिलकर एक ऐसा भारत बनाएंगे, जहां युवाओं और महिलाओं को उनके सपने पूरे करने के लिए भरपूर अवसर मिलेंगे।

-हम सब मिलकर एक ऐसा भारत बनाएंगे जो आतंकवाद, संप्रदायवाद और जातिवाद से मुक्त होगा।

-हम सब मिलकर एक ऐसा भारत बनाएंगे, जहां भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद से कोई समझौता नहीं होगा।

-हम सब मिलकर एक ऐसा भारत बनाएंगे जो स्वच्छ होगा, स्वस्थ होगा और स्वराज के सपने को पूरा करेगा।

-हम एक दिव्य और भव्य भारत के निर्माण के लिए काम कर रहे हैं।