परमाणु कार्यक्रम उत्तर भारत में : जितेंद्र सिंह

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केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन और परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ़ जितेंद्र सिंह ने 4 मार्च को कहा कि हाल के वर्षों में केंद्र सरकार ने परमाणु कार्यक्रम को उत्तर भारत में लाया है। इससे पहले परमाणु कार्यक्रम दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों या फिर देश के मध्य भाग में ही सीमित थे।

परमाणु खनिज अनुसंधान एवं अन्वेषण निदेशालय के केंद्रीय क्षेत्रीय मुख्यालय, नागपुर के अपने दौरे के दौरान डॉ. सिंह ने कहा कि पिछले दो सालों से हरियाणा के गोरखपुर में परमाणु संयंत्र की स्थापना की जा रही है। इसके दो–तीन साल में चालू हो जाने के बाद इससे कम कीमत, प्रति यूनिट 6 रुपये की दर से बिजली पैदा करने में हम सक्षम हो जाएंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि राजधानी के प्रगति मैदान में एक न्यूक्लियर हॉल बनाने की पहल की गई है। उन्होंने बताया कि परमाणु ऊर्जा विभाग का मुख्यालय मुंबई में है और परमाणु ऊर्जा संबंधी अधिकतर कार्यक्रम दक्षिणी एवं पश्चिमी राज्यों में ही सीमित हैं, इसलिए सरकार द्वारा परमाणु काय्रक्रमों में किए जा रहे विस्तार और अन्य पहलों के बारे में आम लोगों को बताने के लिए प्रगति मैदान में इस तरह के हॉल बनाने की पहल की गई है।

डॉ. सिंह ने कहा कि परमाणु कार्यक्रमों की शुरुआत इसके जनक डॉ. होमी जहंगीर भाभा द्वारा शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए किया गया था। आज वर्तमान सरकार के शासन काल में उनके उद्देश्य का सही प्रतिपालन हो रहा है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विचार–विमर्श को अपने एजेंडे में प्राथमिकता दी है। वे अपने हर विदेशी दौरे में कई समझौते किए हैं। सरकार और प्रधानमंत्री के इन प्रयासों से परमाणु कार्यक्रम बढ़े हैं और भारतीय परमाणु वैज्ञानिकों का हौसला ऊंचा हुआ है। उन्होंने कहा न सिर्फ इतना बल्कि केंद्र सरकार ने लीक से हटकर पीयूएस के लिए भारतीय परमाणु ऊर्जा कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनपीसीआइएल) के साथ भागीदारी कर संयुक्त उपक्रम स्थापित करने का भी निर्णय लिया है।

इस मौके पर एएमडी के निदेशक डॉ. एल .के. नंदा ने पावर प्वाइंट प्रस्तुति के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों और राज्यों में यूरेनियम के नए भंडार की खोज के लिए चल रही गतिविधियों के बारे में बताया। इन राज्यों एवं क्षेत्रों में चंडीगढ़, ओडिशा और मेघालय शामिल हैं। अपने दौरे में डॉ. जितेंद्र सिंह ने एएमडी में काम करने वाले वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी और कहा कि आज हमारे पास यूरेनियम का पर्याप्त भंडार उपलब्ध है, जिसमें आने वाले दिनों में कई गुना वृद्धि होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार देश के वैसे भागों में भी यूरेनियम की खोज करने की इच्छुक है, जिन क्षेत्रों में अब तक इस तरह की कोई गतिविधियां शुरू नहीं की गई हैं।