महिलाओं को मिलेगा 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश

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संसद ने प्रसूति प्रसुविधा संशोधन विधेयक 2016 को मंजूरी दे दी। इसमें संगठित क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं को मातृत्व सुविधा प्रदान करने की पहल की गई है। लोकसभा में 9 मार्च को प्रसूति प्रसुविधा संशोधन विधेयक 2016 पर विचार करने के बाद इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। राज्यसभा में इसे पहले ही पारित किया जा चुका है। 

नौकरीपेशा महिलाओं के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, अब उन्हें मां बनने पर 26 सप्ताह का मातृत्व अवकाश मिलेगा। संसद के दोनों सदनों द्वारा इसे हरी झंडी मिल गई है। 9 मार्च को लोकसभा ने मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक 2016 पर अपनी मुहर लगा दी। राज्यसभा पिछले साल अगस्त में ही इस विधेयक को पास कर चुकी है।

नये विधेयक में नौकरीपेशा महिलाओं को दो बच्चों के जन्म के समय 12 सप्ताह के बजाय 26 सप्ताह का सवेतन मातृत्व अवकाश देने का प्रावधान है। इस संशोधन विधेयक के जरिये मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 में संशोधन करके मातृत्व अवकाश की अवधि बढ़ाई गई है।

यह कानून 10 से अधिक कर्मचारियों के सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होता है। इससे संगठित क्षेत्र की करीब 18 लाख महिला कर्मचारी लाभांवित होंगी। संशोधन बिल में दो बच्चों के जन्म पर 26 सप्ताह के मातृत्व अवकाश का प्रावधान है। तीसरे बच्चे के जन्म पर 12 सप्ताह का ही मातृत्व अवकाश मिलेगा।
मातृत्व अवकाश के दौरान पूरा वेतन मिलेगा। इस कानून का लाभ उन महिलाओं को भी मिलेगा जिन्होंने 3 माह से कम उम्र का बच्चा गोद लिया होगा। ऐसे मामलों में मातृत्व अवकाश की तिथि उस दिन से गिनी जाएगी, जिस दिन मां को बच्चा सौंपा जाएगा। पहली बार सरोगेसी में भी मातृत्व अवकाश का प्रावधान किया गया है। यह विधेयक श्रम मंत्रालय की ओर से पेश किया गया था। इस विधेयक के पास होने के बाद भारत दुनिया का तीसरे नंबर का देश हो गया है जहां सबसे ज्यादा मातृत्व अवकाश मिलेगा। कनाडा और नार्वे में 50 और 44 सप्ताह के मातृत्व अवकाश का प्रावधान है।

सदन में श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री बंडारू दत्तात्रेय ने विचार के लिए रखते हुए कहा कि गर्भवती एवं शिशु के जन्म के कल्याण का विषय अत्यंत गंभीर मामला है। श्रम हालांकि समवर्ती सूची में आता है, लेकिन नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार गर्भवती महिलाओं, माताओं एवं बच्चों की देखरेख, पोषण आदि के बारे में प्रतिबद्ध है।

बिल पास होने के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने ट्विट कर इस महिलाओं के लिए कल्याणकारी कदम बताया। श्री मोदी ने कहा, यह एक मील का क्षण है। प्रधानमंत्री ने कहा, महिला नेतृत्व के विकास की दिशा में मातृत्व लाभ संशोधन विधेयक मील का क्षण है।
दूसरे ट्विट में श्री मोदी ने कहा, मातृत्व लाभ संशोधन विधेयक मां और बच्चे की बेहतर स्वास्थय और भलाई सुनिश्चित करता है। मातृत्व अवकाश में वृद्धि स्वागत योग्य प्रावधान है। प्रधानमंत्री ने कहा, मातृत्व लाभ संशोधन विधेयक लिए महिलाओं का रोजगार संरक्षित है। कार्यालयों में क्रैच का अनिवार्य करना प्रशंसनीय है।