नोटबंदी का विकास दर पर कोई नकारात्मक असर नहीं

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तीसरी तिमाही में जीडीपी की वृिद्ध दर 7% रही

केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) विभाग ने 28 फरवरी को जीडीपी के नए आंकड़े जारी किए। चालू वित्त वर्ष 2016-17 की तीसरी तिमाही के दौरान विकास दर 7 फीसदी रही। वहीं अगले वित्त वर्ष 2018 में यह आंकड़ा 7.3 रह सकता है और 2019 के दौरान यह आंकड़ा 7.7 फीसदी रह सकता है।
स्थिर मूल्यों (2011-12) और वर्तमान मूल्यों पर वित्त वर्ष 2016-17 और चालू वित्त वर्ष की प्रथम, द्वितीय और तृतीय तिमाहियों के लिए जीडीपी वृद्धि दरें निम्न हैं-

जीडीपी की वृद्धि दरें

                                                                              स्थिर मूल्य (2011-12)                                 वर्तमान मूल्य

वार्षिक 2016-17 (द्वितीय अग्रिम अनुमान)                      7.1                                                                11.5
पहली तिमाही 2016-17(अप्रैल-जून)                               7.2                                                               10.8
दूसरी तिमाही 2016-17(जुलाई-सितंबर)                         7.4                                                                11.8
तीसरी तिमाही 2016-17 (अक्टूबर-दिसंबर)                   7.0                                                                 10.6

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी)

वर्ष 2016-17 में स्थिर (2011-12) मूल्यों पर वास्तविक जीडीपी अथवा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के बढ़कर 121.65 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2015-16 के लिए प्रथम संशोधित अनुमान में जीडीपी को 113.58 लाख करोड़ रुपये आंका गया था, जो 31 जनवरी 2017 को जारी किया गया था। वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि दर 7.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि वर्ष 2015-16 में जीडीपी वृद्धि दर 7.9 फीसदी आंकी गई थी।

बुनियादी मूल्यों पर सकल मूल्य वर्धित (जीवीए)

वर्ष 2016-17 में बुनियादी स्थिर मूल्यों (2011-12) पर वास्तविक जीवीए अर्थात जीवीए के बढ़कर 111.68 लाख करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष 2015-16 में 104.70 लाख करोड़ रुपये था। वर्ष 2016-17 में बुनियादी मूल्यों पर वास्तविक जीवीए की अनुमानित वृद्धि दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जो वर्ष 2015-16 में 7.8 फीसदी थी।
जिन क्षेत्रों ने 7.0 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि दर दर्ज की है उनमें ‘लोक प्रशासन, रक्षा एवं अन्य सेवाएं, ‘विनिर्माण, ‘व्यापार, होटल, परिवहन, संचार एवं प्रसारण से जुड़ी सेवाएं, शामिल हैं।
‘कृषि, वानिकी एवं मत्स्य पालन’, ‘खनन एवं उत्खनन’, ‘विद्युत, गैस, जलापूर्ति एवं अन्य उपयोगी सेवाओं’, ‘निर्माण’ और ‘वित्तीय, अचल संपत्ति एवं प्रोफेशनल सेवाओं’ की वृद्धि दर क्रमश: 4.4, 1.3, 6.6, 3.1 और 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है।

प्रति व्यक्ति आय

वर्ष 2016-17 के दौरान सही अर्थों में (2011-12 के मूल्यों पर) प्रति व्यक्ति आय के बढ़कर 82,112 रुपये हो जाने की संभावना है, जो वर्ष 2015-16 में 77524 रुपये थी। वर्ष 2016-17 के दौरान प्रति व्यक्ति आय की वृद्धि दर 5.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वर्ष 6.6 फीसदी थी।

सकल घरेलू उत्पाद

वर्ष 2016-17 में वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के बढ़कर 152.51 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाने की संभावना है, जो वर्ष 2015-16 में 136.75 लाख करोड़ रुपये आंकी गई थी। यह 11.5 फीसदी की वृद्धि दर दर्शाती है।

राष्ट्रीय आय

वर्ष 2016-17 के दौरान सांकेतिक शुद्ध राष्ट्रीय आय (एनएनआई), जिसे राष्ट्रीय आय (वर्तमान मूल्यों पर) भी कहा जाता है, 134.86 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जो वर्ष 2015-16 में 120.83 लाख करोड़ रुपये थी। वृद्धि दर के लिहाज से राष्ट्रीय आय ने वर्ष 2016-17 में 11.6 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाई है, जबकि पिछले वर्ष वृद्धि दर 10.2 प्रतिशत आंकी गई थी।