हमारी सरकार राष्ट्र के प्रति वचनबद्ध है

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डॉ. के लक्ष्मण

मारी सरकार राष्ट्र के प्रति वचनबद्ध है। पचहत्तर वर्षों के बाद भारत के इतिहास में पहली बार आदिवासी समुदाय की किसी महिला ने दोनों सदनों के सांसदों को संबोधित किया है। राष्ट्रपति ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि अमृत काल की यह 25 वर्ष की अवधि आजादी की स्वर्ण शताब्दी और विकसित भारत के निर्माण की अवधि है। यह एक परिवर्तनकारी समय है और हमें इस अवसर के लिए दक्षता से काम करना है। उन्होंने स्थिर सरकार चुनने के लिए लोगों को धन्यवाद दिया।

भारत 2047 तक एक गरीबी मुक्त देश होगा, जिसमें एक समृद्ध मध्यम वर्ग अपने युवाओं और महिलाओं द्वारा निर्देशित होगा। हमें ऐसा भारत बनाना है, जो आत्मनिर्भर हो, जिसमें गरीबी न हो, जिसका मध्यम वर्ग संपन्नता से भरा हो, ऐसा भारत जिसमें देश की युवा शक्ति और नारी शक्ति देश को दिशा देने के लिए सबसे आगे खड़ी हो। आज विश्व हर समस्या के समाधान के लिए भारत की ओर देख रहा है— चाहे वह कोविड-19 हो, आतंकवाद हो या विश्व शांति वार्ता हो। हमारा देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में यह बात रखी है कि मोदी जी के मूल मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा गांव, गरीब, किसान और मजदूरों को विभिन्न मूलभूत सुविधाएं कैसे प्रदान की जाएंगी।
हमारी सरकार ने इस आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के दौरान हमारे स्वतंत्रता सेनानियों, हमारे नेताओं और गुमनाम नायकों के गौरव और बलिदान को पुनर्जीवित किया है। गुरु तेग बहादुर का 400वां प्रकाश पर्व, श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती, चिदंबरम पिल्लई की 150वीं जयंती, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती न केवल हमारी युवा पीढ़ी को प्रेरित करेगी, बल्कि उन्हें हमारे राष्ट्र के प्रति

गरीबों के स्वास्थ्य के लिए ‘आयुष्मान भारत योजना’ लाई गई। इसे दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य सुरक्षा कार्यक्रम माना जा रहा है। आज, 80 हजार करोड़ रुपये की लागत से करीब 50 करोड़ लोगों का नि:शुल्क इलाज हो रहा है। सरकार ने देश भर में 9,000 जन औषधि केंद्र भी स्थापित किए हैं जहां लोग कम कीमत पर जेनेरिक दवाएं खरीद सकते हैं। नतीजतन, पिछले कुछ वर्षों में गरीब लोगों के 20,000 करोड़ रुपये बचे हैं

वचनबद्ध भी बनाएगी।

जहां तक नई शिक्षा नीति की बात है तो लगभग सभी राज्यों में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा दिया गया है। मैं दस राज्यों के 19 इंजीनियरिंग कॉलेजों में छह भारतीय भाषाओं में पढ़ाई की शुरुआत करने के लिए सरकार को धन्यवाद देता हूं।

‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत दिसंबर, 2022 तक लगभग 1,34,396 गांवों को 100 प्रतिशत ओडीएफ घोषित किया जा चुका है।

कोरोना काल में ‘प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना’ की शुरुआत की गई थी। गरीब स्ट्रीट वेंडर्स, जिनका रोजगार छिन गया था, को बिना किसी संपार्श्विक सुरक्षा के सहायता प्रदान की गई। पूरे देश के लगभग 45.32 लाख गरीब रेहड़ी-पटरी वालों को रोजगार देने के लिए 4606 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई।

गरीबों के स्वास्थ्य के लिए ‘आयुष्मान भारत योजना’ लाई गई। इसे दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य सुरक्षा कार्यक्रम माना जा रहा है। आज, 80 हजार करोड़ रुपये की लागत से करीब 50 करोड़ लोगों का नि:शुल्क इलाज हो रहा है। सरकार ने देश भर में 9,000 जन औषधि केंद्र भी स्थापित किए हैं जहां लोग कम कीमत पर जेनेरिक दवाएं खरीद सकते हैं। नतीजतन, पिछले कुछ वर्षों में गरीब लोगों के 20,000 करोड़ रुपये बचे हैं। देखा जाए तो, आयुष्मान भारत के कारण 80,000 करोड़ रुपये और 9,000 जन औषधि केंद्रों के माध्यम से 20,000 करोड़ की बचत हुई है। इसका मतलब है कि लोगों ने लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की बचत की है।

इस सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही सभी योजनाओं के केंद्र में महिला सशक्तीकरण है। नागालैंड की हमारी बहन को राज्यसभा की पहली महिला सदस्य बनाया जा रहा है। नागालैंड की एक महिला ही नहीं, एक अति पिछड़े क्षेत्र और पिछड़े समुदाय की सम्मानित महिला सदस्य को इस सरकार द्वारा राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है।

जब ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ की बात आती है, तो देखा गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या में अधिक वृद्धि हुई है। इस कार्यक्रम से महिलाओं के स्वास्थ्य में भी सुधार हुआ है।

भौतिक अधोसंरचना के मामले में देश में ग्रामीण सड़कों का जाल बढ़कर सात लाख किलोमीटर से अधिक हो गया है। उड़ान योजना के तहत अब हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर 147 हो गई है। एक आधुनिक सेमी-हाई स्पीड ट्रेन ‘वंदे भारत’ भारतीय रेलवे का हिस्सा बन गई है।

यूपीए सरकार के समय अविभाजित आंध्र प्रदेश के लिए रेलवे को 886 करोड़ रुपये दिए गए थे, लेकिन केंद्र सरकार ने तेलंगाना के लिए विशेष रूप से 4,418 करोड़ रुपये दिए हैं। तेलंगाना के लिए स्वीकृत परियोजनाओं की कुल लागत 29,581 करोड़ रुपये है। अगर राज्य समर्थन करता है तो इसे और बढ़ाया जा सकता है। दुर्भाग्य से, हमारे रेल मंत्री और रेल मंत्रालय की ओर से नियमित रूप से याद दिलाने के बावजूद तेलंगाना राज्य सरकार से बहुत कम समर्थन मिल रहा है।

जहां तक कृषि का संबंध है, कृषि को लाभदायक बनाने और किसानों के बोझ को कम करने के लिए सरकार ने ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ शुरू की है। इस योजना से देश के लगभग 11 करोड़ किसान, विशेषकर तीन लाख महिला किसान लाभान्वित हुए हैं। महिला किसानों को 50,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं और किसानों को कुल मिलाकर 2.25 लाख करोड़ रुपए डीबीटी के जरिए किये गये हैं। आज एक रुपया भी जाता है तो सीधे गरीबों के खाते में पहुंचता है। यह सरकार की पारदर्शिता है।

बाजरा ‘श्री अन्न’ पर आते हैं, सरकार ने संयुक्त राष्ट्र को वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित करने के लिए मना लिया है। ‘श्री अन्न’ अनाज अत्यधिक पौष्टिक होते हैं और बाजार में उपलब्ध हैं। हमारे देश में लगभग 90 प्रतिशत किसान छोटे और सीमांत किसान हैं। ‘श्री अन्न’ के अधिक सेवन से इन छोटे किसानों को आर्थिक रूप से मदद मिलेगी। वर्तमान बजट के तहत हैदराबाद में एक ‘आईआईएमआर रिसर्च सेंटर’ विपणन, प्रशिक्षण और किसानों की मदद के लिए स्वीकृत किया गया है।

देश अब विनिर्माण क्षमता में वृद्धि के साथ ही ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लाभों को देख रहा है। आज हम ‘मेक इन इंडिया’ के तहत स्वदेशी तौर पर हवाई जहाज में हेयर पिन जैसी विविध चीजें बना रहे हैं। मोबाइल फोन के आयात में कमी आई है, क्योंकि भारत मोबाइल फोन का प्रमुख निर्यातक बन गया है। पहले स्वदेशी रूप से विकसित विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ के सफल

कृषि को लाभदायक बनाने और किसानों के बोझ को कम करने के लिए सरकार ने ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ शुरू की है। इस योजना से देश के लगभग 11 करोड़ किसान, विशेषकर तीन लाख महिला किसान लाभान्वित हुए हैं। महिला किसानों को 50,000 करोड़ रुपये दिए गए हैं और किसानों को कुल मिलाकर 2.25 लाख करोड़ रुपए डीबीटी के जरिए किये गये हैं। आज एक रुपया भी जाता है तो सीधे गरीबों के खाते में पहुंचता है

संचालन के साथ रक्षा निर्यात भी छह गुना बढ़ गया है। मोदी सरकार के प्रयासों से खादी की बिक्री भी चार गुना बढ़ गई है। मोदी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में निर्णायक रही है। भारत अब दुनिया को समस्याओं का समाधान दिखा रहा है, विशेष रूप से जी-20 की अपनी अध्यक्षता के माध्यम से और यूक्रेन युद्ध में इसकी भूमिका और दुनिया का फार्मेसी हब होने के नाते।

सामाजिक न्याय के तहत प्रधानमंत्री ‘आदि आदर्श ग्राम योजना’ के तहत 36,000 से अधिक आदिवासी बहुल गांवों का विकास किया जा रहा है और देश में आदिवासी क्षेत्रों में 400 से अधिक एकलव्य मॉडल स्कूल खोले गए हैं। इसलिए हम विश्वास के साथ कहते हैं कि हमारे पास एक नेता है, एक दृष्टि है और सही इरादा है। हमें समाज के हर वर्ग का ख्याल है।

सरकार एक ओर जहां अयोध्या धाम, काशी-विश्वनाथ धाम, श्री महाकाल आदि धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों का विकास कर रही है, वहीं दूसरी ओर नये संसद भवन और हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनवा रही है। साथ ही, भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अंतरिक्ष शक्ति बनाने की दिशा में प्रयास जारी है।

मोदी जी ने राष्ट्रीय एकता और अखंडता के लिए एक जन आंदोलन खड़ा किया है। मैं 12वीं तक मुफ्त शिक्षा देने के लिए तेलंगाना के 74,000 छात्रों की ओर से सरकार को धन्यवाद देता हूं।

जहां तक जी-20 का संबंध है, यह दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का एक अनूठा मंच है, जो वैश्विक जीडीपी का लगभग 85 प्रतिशत, वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत और वैश्विक आबादी का 60 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है। जी-20 शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष होने के नाते मोदी जी ने यूएन, आईएमएफ और डब्ल्यूएचओ जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय संगठनों को भी आमंत्रित किया है। इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न करवाने एवं वैश्विक चुनौतियों जैसे आर्थिक विकास, सतत विकास, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और महामारी जैसी का सामना करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका है, जिसे केवल आपसी सहयोग के माध्यम से प्रभावी ढंग से हल किया जा सकता है।

(राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत करते हुए भाजपा सांसद डॉ. के लक्ष्मण द्वारा राज्यसभा में दिए गए भाषण के अंश)